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Ashraf Fani【असर】
Village Life मैं अपने गाँव की मिट्टी को छोड़ निकला हूँ क्या करूँ है सवाल रोटी का वरना इन शहरों में रखा क्या है क्या हक़ीक़त है ख़्वाब कोठी का ©Ashraf Fani【असर】 मैं अपने गाँव की मिट्टी को छोड़ निकला हूँ क्या करूँ है सवाल रोटी का वरना इन शहरों में रखा क्या है क्या हक़ीक़त है ख़्वाब कोठी का #ashraffani #
मैं अपने गाँव की मिट्टी को छोड़ निकला हूँ क्या करूँ है सवाल रोटी का वरना इन शहरों में रखा क्या है क्या हक़ीक़त है ख़्वाब कोठी का #ashraffani # #शायरी #villagelife
read moreBROKENBOY
White एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ, बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान. रखता हूँ, रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ, दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान रखता हूँ। मुर्दों की बस्ती में ज़मीर को ज़िंदा रख कर, ए जिंदगी मैं तेरे उसूलों का मान रखता हूँ। ©BROKENBOY #Night एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ, बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान. रखता हूँ, रख के तराजू में अपने दोस्त की खुशियाँ, दूसरे पलड़े में मैं अपनी जान
꧁ARSHU꧂ارشد
अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ , मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे .... ©꧁ARSHU꧂ارشد अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ , मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे ... sana naaz Anshu writer Manisha Keshav NIKHAT (दर्द मेरे अप
अज़ब चिराग़ हूँ दिन-रात जलता रहता हूँ , मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे ... sana naaz Anshu writer Manisha Keshav NIKHAT (दर्द मेरे अप #Shayari
read moreBãd Bōy
White नाम छोटा है मगर दिल बड़ा रखता हूं पैसों में उतना अमीर नहीं मगर यारों के गम खरीदने की हैसियत करता हु ©Bãd Bōy अपने यारों का गम #Dosti #Bhai #SAD #Love
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} ना मैं एक बच्चा हूँ, ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ, में तो अपने गिरधर गोपाल का हूँ, और सिर्फ उनके लिए ही हूँ। ©N S Yadav GoldMine #navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} ना मैं एक बच्चा हूँ, ना एक नवयुवक, ना ही मैं पौराणिक हूँ, ना ही किसी जाति का हूँ, में तो अपने गिरधर गोप
Poetry-Meri Diary Se
Men walking on dark street हैरान हूँ मैं अपने किस्मतों पर... खुशियों को मुझसे जुदा किया, ग़मों से रिश्ता मेरा जोड़ दिया! हर कदम धोखा और फरेब मिला, मिली तो सिर्फ नाक़ामी और रुसवाई! बेबस कर दिया मुझें हर कदम पर, बस लगता हैँ जैसे मज़ाक हैँ ये! भूल गया मुस्कुराना क्या होता हैँ, बस उदासी ज़िन्दगी बन गयी हैँ! ©ABi Aman #Emotional हैरान हूँ मैं अपने किस्मतों पर @#
#Emotional हैरान हूँ मैं अपने किस्मतों पर @#
read moreAs. Poetry
जिंदगी उस वृक्ष की तरह हो चली हे। जो अपनी टहनियों को सींचने और अपनों को सुख देने में पूरा जीवन व्यतीत कर देता है परंतु एक दिन वही सुख पाने वाले अपने उसी को काटने की कोशिश करते है ©As. Poetry #Hope #टहनी #वृक्ष #अपने अपने ही आज गिराने का सामर्थ्य रखते है
bhim ka लाडला official
जब हमें अंग्रेज गुलाम बनकर हम पर अत्याचार कर रहे थे तब 33 करोड़ देवी देवता अपने हथियार लेकर कहां छुपे थे... #विचार
read moreShayar shree (शायर "श्री")
बहार की राहों में, खोया हूँ मैं, खुशबू से भरा हूँ मैं, फिर भी अकेला हूँ मैं। फूलों की बौछार में, बहका हूँ मैं, धूप की किरणों में, झलका हूँ मैं। फिर भी क्यों लगे, अधूरा हूँ मैं? क्यों लगे जैसे, खोया हूँ मैं। उड़ान की इस बहार में, कैसे रूका हूँ मैं? सपनों की राहों में, खो गया हूँ मैं। जीवन की मिटटी में, बहका हूँ मैं, ख्वाबों की धूप में, जला हूँ मैं। ना जाने क्यों क्या है, इस बहार में, पर हर लम्हा, अपने ही होश में मदहोश हूँ मैं। ©शायर "श्री" अपने ही होश में मदहोश हूँ मैं...✍️ #Blossom