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Shashank
शहाजी राजांच्या पराक्रमाने घडले, जिजाऊंच्या संस्काराने वाढले.. नाही कधी हरले, जरी अनेकांनी अडवले.. धन्य होती ती प्रजा, ज्यांना मिळाला असा राजा.. शिवाजी महाराजांचे होते शासन, विराजमान झाले महाराज अणि धन्य झालं ते सिंहासन.. शिवराज्याभिषेक
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नील अंबरी छत्र चामरे घन निनाद अभ्री विरे छत्रपती शिवराय की जय गर्जती सह्याद्रीचे चीरे. मेघ वाजवी डंका नौबत वारा होऊ पाहे तुतारी पायघडी झाली अवनी वृक्षांनी मांडल्या पथारी. पंचतत्व साक्ष देऊन शिवतत्वी झाली विलीन बत्तीस मण सुवर्ण सिंहासनी विराजले क्षात्रतेज कुलीन. तिमिर लोपला युगायुगांचा शतकोत्तर शिवसूर्य तळपला अराजक ना खपेल कोणते भगवा द्योतक बनून झळकला. सप्त नद्या अन् सप्त सागरा अभिषेकाचे भाग्य लाभले गुलामीस ना उरली जागा रुधिरात शिवस्वराज्य जागले. तो सोन्याचा दिन उगवला मानवतेची प्रभात झाली स्वराज्याला छत्र लाभले शिवराय आमुचे राजे झाले. रायगडाची निधडी छाती रायगडाची पवित्र माती औक्षणास चेतल्या गगनी तारकांच्या अगणित वाती. आस्ते कदम अलकाब पुकारा अंगावर रोमांच शहारा छत्रपती शिवराय की जय! तट बुरजावर ढोल नगारा. त्रिवार वंदन लाखो मुजरे चरणी तुमच्या युगे युगे महाराष्ट्र माऊली कृतार्थ झाली गहाण स्वाभिमान झाले जागे. क्षत्रिकुलावतंस सिंहासनाधिश्वर महाराजाधिराज *शिवराय छत्रपती राजे झाले.*🙏🏻 @ सुवर्णा शिवाजी वाघमारे( आल्हाट) ©Switch To शिवराज्याभिषेक
GJ's Motivational
ऊजेडणारी प्रत्येक सकाळ तुम्हाला दोन पर्याय देऊन जाते, झोपुन स्वप्न पाहत रहा.... किंवा ऊठुन स्वप्नाचा पाठलाग करा..... पर्याय आपणच निवडायचा असतो... ©GJ's motivational blogs 6जून...शिवराज्याभिषेक दिन
काव्यात्मक अंकुर
शिवराज्याभिषेक सामान्य रयतेचं हित आणि हिंदवी स्वराज्याची जीत याचसाठी जगले होते जे विशेष प्रजेचं मन आणि स्वराज्याचा मान राखून ज्यांनी केला होता एका नव्या युगात प्रवेश आज पुन्हा तो मंगलदिवस उजाडला जेव्हा घडला होता माझ्या 'शिवछत्रपतींचा' 'शिवराज्याभिषेक' ©काव्यात्मक अंकुर #शिवराज्याभिषेक #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #marathi #writer #writing #shivajimaharaj #shivrajyabhishek #shivajiraje #Memories
Kishan Gupta
किचन की रानी, तू पसीने से लतपत, पंखा बना, मुझे घुमाये जा रही हो,, चाय कब तक यूँ ही, फीकी पिलाओगी, इलायची के इंतजार में, अदरक पीसे जा रही हो। ~किशन गुप्ता #कविता #कविता #
Awanish Singh
दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। पार जाऊँगा मेरा साहस, कभी हारा नहीं है। जो मिटा अस्तित्व दे, ऐसी कोई धारा नहीं है ।। कौन रोकेगा स्वयं तूफान, थककर रुक गये हैं । हर लहर मेरा किनारा, ध्येय तक बढ़ता रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। तोड़ दी अवरोध की सारी, शिलाएँ एक क्षण में । मैं धरा का प्यार मुझको, स्नेह देते सब डगर में।। शीत वर्षा और आतप कर, न पाये क्षीण गति को। बिजलियों की कौंध में भी, पंथ गढ़ता ही रहूँगा।। दीप हूँ जलता रहूँगा । मैं प्रलय की आँधियों से, अंत तक लड़ता रहूँगा ।। ©Awanish Singh (AK Sir) #कविता #कविता
Balu Khaire
भीगी हुई आँखोका मंजर न मिलेगा, घर छोडकर मत जाओ कही घर ना मिलेगा। फिर याद बहुत आएगी जुल्फो की शाम, जब धूप मे साया कोई सर न मिलेगा। आंसू को काभि ओस का कतरा न समझना, ऐसा तुम्हे चाहत का समुदर ना मिलेगा। इस ख्वाब के माहोल मे बे-ख्वाब है आँखे, जब निंद बहुत आएगी बिस्तर ना मिलेगा। ये सोचलो आखरी साया है मोहब्बत, इस दरसे उठोगे तो कोई दर ना मिलेगा ©Balu Khaire कविता कविता #lonely
vijaysinh
writing quotes in hindi मन पीढ़ा से बैचेन हो जाता है, तब जा के क़लम कागज स्याही रोता है। क़लम खुद का नहीं,औरों का दुख रोता हैं। हर पन्ने पर क्रांति की बीज बोता है। दुनिया में सब से ज्यादा दुखी क़लम हैं, हर वक़्त खून के आंसू रोता है, खून रूपांतर चंद लकीरों में होता है। अब लोक उसे अल्फ़ाज़ समजते हैं पर वह अल्फ़ाज़ नहीं लब होते हैं जो क़लम के दिलसे निकले होते है। #कविता #क़लम कविता