Nojoto: Largest Storytelling Platform

New अलौकिक अर्थ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about अलौकिक अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अलौकिक अर्थ.

    PopularLatestVideo

Manmohan Dheer

अलौकिक

read more
आश्चर्य है तो अलौकिक है
समझ आया तो लौकिक है
इस बीच ही कहीं छुपा है
सुना कि वो सार्वभौमिक है अलौकिक

Amit Singhal "Aseemit"

mute video

Parasram Arora

अलौकिक नाद.....

read more
शाश्वत  के  द्वार खुले
अमृत के मेघ  बरसे.
तृप्ति की बौछारे
धरती पर  ईश्वरीय  उपस्तिथी  का सज्ञान देने लगी
अब  अच्छा होगा  अगर हम. कंकड़ पथर  
बिनना   बंद करे .. ठीकरो से खेलना  बंद करें
ताकि  चैतन्य सागरके   तट पर  फैले हुेुए 
विस्तीर्ण  शून्य  और  उसके अलोकिक  नाद को
सुनने  की  काबलियत हम हासिल कर सकें

©Parasram Arora अलौकिक  नाद.....

Vikas Dhaundiyal

 #अलौकिक #प्रेम

SG

अलौकिक सत्ता #शायरी

read more
मैने उस आलोकिक सत्ता को  बेहद करीब से देखा है, 
मैने  खुद को चांद के करीब देखा है, 
मैने महोब्बत को महोब्बत से महोब्बत  करते देखा है, 
 मैने प्रकृति मे कृष्मे को देखा है,, 
मैने तारो को टिमटिमाते, और 
रात को मुस्कुराते, देखा  है ,
अपने प्रियतम मे एक मासूम  बच्चे को देखा है,
मैने प्रकृति समय नियति को  एक होते देखा है
इन सभी मे मैने अपने प्रियतम को देखा है, 
अपने प्रियतम मे मैने बहुत कुछ देखा है

©❤SG❤ अलौकिक सत्ता

Prakash Shukla

अलौकिक छवि

read more
हो कौन जिसको देखते ही, सिहर जाता तन बदन।
आप भूधरा का अंश हो,या हो विचारों की पवन।।
आपको पहचानने को मेरा,हो रहा विक्षिप्त मन।
आभा अलौकिक देखनें को,झुलसते मेरे नयन।।

 मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,।

मैं शान्त हूँ मैं ज्वाल हूँ,मैं प्राणहारक काल हूँ।
मै दिक् दिगन्त में लीन हूँ,रूप में विकराल हूँ।

मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,।

नदियों की बहती धार हूँ,सारे विश्व की हुँकार हूँ
ममता में छलकता प्यार हूँ,ज्वालामुखी उद्गार हूँ।
मुझसे सृजन है सृस्टि का,मुझमें ही होता है पतन
कण कण में मैं ही व्याप्त हूँ,प्रकाश का मैं जाल हूँ।

मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ मैं ही महाकाल हूँ,।

ब्रह्मांड का मै आदि हूँ,मैं अन्त हूँ मैं अनादि हूँ
मैं भूत हूँ मैं आज हूँ,मैं ही भविष्य का राज हूँ।
मै विकटसम मैं विराट हूँ,मैं ही समस्या काट हूँ
मैं गगन हूँ मैं चन्द्र भी ,मैं ही प्रभाकर लाल हूँ।

मैं काल हूँ हाँ काल हूँ,हाँ हाँ मैं ही महाकाल हूँ,।। अलौकिक छवि

Anjali Jain

#अलौकिक सीता 03.05.20

read more
प्यारी सीता, तुम पर बहुत अभिमान है पर इस अभिमान को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त शब्द नहीं हैं! सारी सुख - सुविधाओं को छोड़ दें, लेकिन जो मानसिक यातना व कष्ट तुमने सहे, उनके लिए अयोध्या अक्षम्‍य है इससे यह तो सिद्ध होता है कि स्त्री अपने कष्टों में बिल्कुल अकेली है! कोई परिवार, कोई समाज,कोई बंधु - बांधव उसके साथ नहीं होता! चाहे वह सीता रही हो या द्रोपदी!
सीता, तुम्हारी असीम पीड़ा को समझने के लिए भी हृदय चाहिए! सुकोमल सीता ने वज्र जैसा हृदय बनाकर, पुत्रों का मोह त्यागकर, दृढ़तापूर्वक धरती मां की गोद में जाने का जो निर्णय लिया, वह अहो! अहो!
तुम्हारी इस कठोरता ने हृदय और आत्मा को असीम शांति और शीतलता प्रदान की, सारे कष्टों को झुलसन जैसे शीतल हो गई! स्त्री चुपचाप सहन करती है उसका आशय यह तो नहीं कि उसकी सहनशीलता की कोई सीमा नहीं, एक सीमा के बाद उसका हृदय सचमुच वज्र बन जाता है! पुरुष और समाज पहला निर्णय कर सकता है पर अंतिम निर्णय तो उसीका होगा!
राम, उस समय तुम कितने अकेले थे? ये परिवार, ये समाज क्या उस दुख को दूर कर सकते थे, जिस समाज के लिए तुमने  निर्दोष और महान सीता का साथ छोड़ दिया था! #अलौकिक सीता #03.05.20

Devanand Jadhav

अभंग~अलौकिक विट #मराठीकविता

read more
°अभंग~अलौकिक विट°

परब्रह्म येता, पुंडलिका भेटी 
धरियले वेठी, पांडुरंगा ll 

फेकुनिया विट, बोलिले केशवा 
उभेच रहावा, तीजवरी ll 

युगे युगे झाली, स्थिरावली विट 
तरी नसे वीट, दोन्ही देही ll 

पंढरीचा राणा, तीजवरी उभा 
सान जरी गाभा, तरी स्थिर ll 

किती ती अवीट, काय काय वर्णू 
पदस्पर्शी स्वर्णू, देह झाला ll 

चौदा युगे पायी, तुडविली काया 
उभ्याचीच छाया, तिजवरी ll 

असे जरी तिचे, मातीचेच रूप 
झाली ती अनूप, देवा पायी ll 


विट: मातीचा आयताकृती भाजलेला ठोकळा 
वीट: उबग, कंटाळा
अनूप: अलौकिक, अजोड, विलक्षण


✍🏻©®•देवानंद जाधव• 
 jdevad@gmail.com 
 9892800137

©Devanand Jadhav अभंग~अलौकिक विट

कलम कागज का मेल जोल

जीवन अलौकिक प्रेम का.... #Nojotovoice #nojotovideo

read more
mute video

Pallavi Mamgain

कुछ लोगों से मिलकर
अपनापन सा लगता है
खोया हुआ अपना कोई
लौट आया सा लगता है....

पल भर बस बात करने से जिनके
मन महक सा जाता है
कुछ लोगो से रिश्ता भी
कुछ अनोखा सा लगता है.....

अजनबी होकर भी जो
अपने से लगते हैं
पहली बार मिलकर भी जिनसे
अपनापन सा लगता है....

लगता है जैसे इनसे
नाता कोई गहरा सा है
या जैसे कोई रिश्ता इनसे
लगता बहुत पुराना सा है....

ना जाने कैसे कभी 
किसी से इतना लगाव सा लगता है
की अजनबी होकर भी कोई
बेहद खास सा लगता है....

©Pallavi Mamgain #delusion #Connection #अलौकिक 
#Divine
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile