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M.K Meet
यह मुहब्बत भी क्या रंग लाई है कड़वा भी बोलूं, उसे लगती मिठाई है वो सबसे जुदा है,मासुम है यारों मै माचीस हू उसका,वो मेरी दियासलाई हैं 😊😊 (दोनों का एक-दूसरे के बिना काम ही नहीं चलेगा) तो आग जलेगी कैसे, और खिचड़ी पकेगी कैसे?? ©Meet प्यार---माचिस----दियासलाई गजब की तिकड़ी हैं भाई😊 #Loneliness
VD GK STUDY
Abdul Wakar
चराग को तो उड़ा ले गई हवा कब की दियासलाई मगर अब भी मेरी जेब में है चराग को तो उड़ा ले गई हवा कब की दियासलाई मगर अब भी मेरी जेब में है #waqar
shashi kala mahto
दो शब्दों को जोड़ कर बनता है दिया और सलाई यानि दियासलाई लेकिन अर्थ केवल एक दियासलाई जिसका काम है सिर्फ जलाना,अब ये जलाने का काम दियासलाई को हर परिस्थितिजन्य समय के अनुसार करना पड़ता है।यही दियासलाई भगवान के लिए दीप-अगरबत्ती भी जलाता है, इंसानों के लिए चुल्हा भी जलाता है। दिवाली की खुशी में दिया जला कर जगमग रोशनी फैलाता है,तो आत्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए श्मशान घाट में मानव को मुक्तिधाम पहुँचाता है।मासूम दियासलाई को क्या-क्या नहीं करना पड़ता है। कर्त्तव्य पालन के लिए। ©shashi kala mahto #दियासलाई R K Mishra " सूर्य " Lalit Saxena poonam atrey डॉ मनोज सिंह,बोकारो स्टील सिटी,झारखंड। (कवि,संपादक,अंकशास्त्री,हस्तरेखा विशेषज्ञ
AwadheshPSRathore_7773
तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक़ हैं तुमको मेरी बात ओर हैं मॆने तो मोहब्बत की हैं मेरे दिल की मेरे जज़बात की कीमत क्या है उलझे उलझे से खयालात की कीमत क्या है मॆने क्यों प्यार किया, तुमने भी क्यों प्यार किया इन परेशान सवालात की कीमत क्या है बताए तुम जो ये भी ना बताओ तो ये हक़ हैं तुमको, मेरी बात ओर,,,,,,हैं मैने तो मोहब्बत की हैं 💞💞 ©AwadheshPSRathore_7773 #DiyaSalaai दियासलाई सा जलता जा रहा हूं मैं/जो थोड़ी सी रोशनी बची है उसमें ही टिमटिमा रहा हूं मैं/अब देर नहीं होगी बर्दाश्त की तेरी "ना के ब
Rajendra Prasad Pandey Kavi
रिंकी✍️
मैं घर की जलती बत्ती बनी बनी मैं दियासलाई मैं वो बर्तन बनी जो टकराती रही घर के आंगनों में नल के पास वही मंदिर की आरती मैं जो सुबह शाम बजती रहती एक दीया जो तुलसी के पास जलती रही मैं ही रसोईघर से निकलने वाली खुशबू रही और हाँ चिमनी से निकलती धुंआ मैं वही घर की मर्यादा मैं चौखट बनी दीवारों को चमकाती रही घर की दीवारों के अंदर बनकर सजावटी वस्तु सजती रही मैं औरत थी मगर घुटती रही मेरी तड़प शब्द बनकर फुट पड़ते कभी वो कहते ये बहुत बोलती हैं हमेसा लड़ती रही ✍️रिंकी मैं घर की जलती बत्ती बनी बनी मैं दियासलाई मैं वो बर्तन बनी जो टकराती रही घर के आंगनों में नल के पास वही मंदिर की आरती मैं जो सुबह शाम बजती
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat कर्तव्य में सुलगती दियासलाई, की चमक से चौंधिया आंखों में कुछ नमी सी नज़र आई, कुछ कमी सी नज़र आई। सुलगती आग बुझाते ख़ुद के हाथ जला बैठी, वो कौन है,वो मां है। वो बस मां है ख़ुद को दोषी ठहराने वाले को मुंह तोड़ जवाब वक़्त आने पर ही बताती है। अपने जीवन को सूली पर ठांग देती है। पर अपने बच्चों पर आंच नहीं आने देती है। वो मां ही होती है। ख़ुद आधी रात को उठ कर अपनी नींद की परवाह ना करके बच्चो को झूले झूलाती रही। ख़ुद खाने की मेज़ से उठ कर अपनी थाली की को किनारे पर रख देती।पर बच्चों को गरम खाना ही खिलाती। वो मां ही होती है,बस वो मां ही होती है। #cinemagraph #deepthoughts #motherhood #aurat #women #yqbaba #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat कर्तव्य में सुलगती दियासलाई, की चम
JALAJ KUMAR RATHOUR
Soldier quotes in Hindi वीरों के बलिदानों की याद मैं तुम्हें दिलाता हूँ, शहीद हुए जो भारत माँ की सेवा में, गाथा उनकी सुनाता हूँ, मौत भी पाकर जिनको, पावन हो जाती है। कदम जहाँ ये रखें ,वो भूमि सावन हो जाती है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक ये, करते दिलों पर राज है। इस धरा के हर बच्चे में, वीर भगत ,शेखर और अशफाक है। छोड़ फ़िक्र अपनो की, देश की खातिर ये कुर्बान हो जाते हैं। सबसे बढ़कर देशप्रेम, सीख यही सिखाते हैं। तिरंगा भी बन इनका लिवाज , करता अभिमान है। इनके ही होने से तो,इस तिरंगे का सम्मान है। हर विपदा में ये बनते है अल्लाह और भगवान इनके ही होने से बरकरार है, हमारे चेहरों की मुस्कान। हर वर्ग समाज में होते है, ऐसे ही कई वीर, विपदाओं में जो खोते नहीं है,अपना धीर, इन्ही वीरों के बलिदानों की,याद मैं तुम्हें दिलाता हूँ, शहीद हुए जो भारत माँ की सेवा में, गाथा उनकी सुनाता हूँ, देशभक्ति के लिए उम्र मात्र एक अंक है, वीर तात्या टोपे और खुदी राम बोस का उदाहरण जीवंत है। दुश्मन ने हमको जब जब समझा कमजोर, फहरा तिरंगा शत्रु की धरती पर, कैप्टन विक्रम ने सिखाया," ये दिल मांगे मोर" मौत जब लोरी सुना वीरो को सुला देती है। माँ धरती उनको अपने आँचल से लगा लेती है। देश के लिए भक्ति ही, फक्र से जीना सिखाती है। दियासलाई खुद बुझकर, जमाने को रोशन कर जाती है। यादों में इन वीरों के, आज भी गाँवो में मेले लगते है, कहानियाँ इनकी वीरता की ,बच्चे और बुजुर्ग पढते है। मैय्यत में इनकी, दुश्मन के भी आँसुं बह जाते है। देशभक्ति का पहनकर चोला, ये वीर अमर हो जाते है इन्ही वीर भारतीयों की याद मैं तुम्हे दिलाता हूँ। शहीद हुए जो भारत माँ की सेवा में, गाथा उनकी सुनाता .. #जलज कुमार वीरों के बलिदानों की याद मैं तुम्हें दिलाता हूँ, शहीद हुए जो भारत माँ की सेवा में, गाथा उनकी सुनाता हूँ, मौत भी पाकर जिनको, पावन हो जाती