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Gireesh jat
मंदिर से ईश्वर तक की ख़बरें ख़ास देखी है धर्म बदलती लड़कियाँ घर के पास देखी है और जो मोहब्बत के नाम पर छोड़ जाती है घर बार मैंने अक्सर नदी नालियों में पडी उनकी लाश देखी है ©Gireesh Jat मंदिर से ईश्वर तक की ख़बरें ख़ास देखी है धर्म बदलती लड़कियाँ घर के पास देखी है और जो मोहब्बत के नाम पर छोड़ जाती है घर बार मैंने अक्सर नद
Kulbhushan Arora
दिल के अख़बार सबने दिलों को अपने अख़बार बना रखा है, ख़बरें ज़माने भर की: खुद की खबर नहीं🙃😂 कुलभूषण दीप #yqअखबार #yqदिल #yqquotes #yqkulbhushandeep
kumaarkikalamse
डर कर हूँ मैं सोता, डर कर उठ जाता हूँ, जाने क्यों आजकल मैं इतना घबराता हूँ। आजकल लोग ऐसे रुखसत हो रहे है जैसे.. क्या ही कहूँ.. बहुत बुरी स्थिति है मुल्क के अपने.. बहुत डर में गुजरा है पिछला एक पखवाड़ा यहाँ आना नहीं
Ashok Mangal
जनहित की रामायण - 74 ख़बरों की सीरत सही नहीं, ख़बरों की नीयत सही नहीं ! जन-लोकपाल का था हो हल्ला, जन-लोकपाल चर्चा में ही नहीं !! अन्ना बाबा ने जनहित ज्योत जलाई, इनकी हर बात ख़बरों में खूब छायी ! आज वो ज्योत नजर ही नहीं आयी, प्रश्नकर्ता से हुज्जत की नौबत आयी !! गुमराही हुक्मरानों के खेल का है हिस्सा, सियासत में सब जायज, ये समझती जनता ! जनहित चिंतक चोला पहन जब कोई ठगता, जनता का भरोसा अपने आप से भी उठता !! ( अनुशीर्षक में अनवरत...) ख़बरों में उन्माद की सुपारी झलक रही, ख़बरें में अब जनहित की ललक ही न रही ! बेशरमी का आलम इस कदर है पसरा, जनसाधारण में खबरों की इज़्ज़त ही न
Hrishabh Trivedi
DDLJ 2.0 Chapter 2: Cigarette For chapter1, click here👉 #hr_ddlj एक अंधेरे कमरे में सन्नाटा पसरा हुआ है कि तभी अचानक से एक आवाज़ सुनाई देती है जो कि इस बात का सूचक होती
यशवंत कुमार
दोनों हाथों में बेकारी है! Read in caption... #desh #duniya #corruption #riste #sarkar #terrorism #change #unemployment हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने
यशवंत कुमार
हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी की भीख मांगता बेटे से पिटता बाप! मंदिर - मंदिर माथा टेका मिल गया अभिशाप !! Continue.... Read Full poem in Caption. हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी
यशवंत कुमार
दोनों हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी की भीख मांगता बेटे से पिटता बाप! मंदिर - मंदिर माथा टेका मिल गया अभिशाप !! माँ ने जब समझाया लाडली चिल्ला कर बोली ! इतना रोका-टोका मत कर खा लूंगी नींद की गोली!! Read in Caption... हाथों में बेकारी है !! घूम-घूम, सब देख-देख नज़रों ने खाया धोखा! खून के प्यासे दो जनों में रिश्ता भाई का चोखा !! जिंदगी
Allauddin Ansari
.... 21 दिन के लिए सारी चीज़ें ‘बंद’ करने के साथ-साथ ‘न्यूज़ चैनल्स’ भी बंद कर देते तो पूरे भारत में ‘अमन और चैन’ कायम हो जाता। - ख़बरें तो दूरदर्श
Manshi Kashyap
तस्वीरों के दुनियां में अब यादों का क्या काम दिल के गहराइयों में अब कोरे कागज का क्या नाम जुदा होकर भी जो अस्कों में रहे ऐसे एहसासों पर क्या इल्ज़ाम यकीन नहीं होता क्यूं इतने अच्छे हो लगते भी मुझे बहुत सचे हो तारीफ़ तो मैं करती नहीं या यूं कहूं मुझे तारीफ़ करनी आती नहीं एक सफ़र जैसे हो पूरा कुछ अधूरा अपनों के जख्मों पर मरहम से हो अंधेरों में भी रौशनी का उजाला हो जैसे जुगनू से भरे एक आशियां हो ख़ामोश रहना इसकी कोई वजह नहीं बस तारों और ख़्वाबों के दुनियां में जीता है आंखों में आंसू न आए हर लम्हा राज़ हो खुशियों के शहर में इसका भी इंतजार हो मुक्कमल करना इसकी हर दुआ खुदा जिंदगी में कोई गम का न हिसाब हो Dedicating a #testimonial to 🅝🅐🅝🅓🅐🅝 🅙🅗🅐 Please read my captions 🙏🙏🙏🙏 ज्यादा ध्यान qoute पर नहीं दे बस ऐसे ही मैंने लिख दिया वरना क्या ....