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Shivangi Priyaraj
अन्तर्राष्ट्रीय-महिला-दिवस्य शुभाशयाः।। यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:॥ जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है, वहाँ देवता रमण करते हैं । जहाँ उनका का सम्मान नहीं होती, वहाँ सब काम निष्फल होते हैं। .... ©Shivangi Priyaraj अन्तर्राष्ट्रीय-महिला-दिवस्य शुभाशयाः।। यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:॥ जहा
Quotes of Adi
"Yesterday , Today & Tomorrow" Everyday Women is Respected !!! यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र सर्व देवता। #happywomensday #worldwherewomen #સ્ત્રી #औरत #respectwomen YourQuote Baba YourQuote Di
Anita Saini
घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था लोक लाज का घूँघट से वांछित संबंध न था स्त्री को भी शिक्षा शास्त्रार्थ का समान अधिकार था मनवांछित जीवन साथी, वर चुनने का अधिकार था योग्य वर की खोज में पिता पुत्री का स्वयंवर करते थे देश परदेश के विशिष्ट अतिथियों में से श्रेष्ठ वर चुनते थे तब यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः जीवन का आधार था उस समय पुरूष को स्त्री का स्वतंत्र रूप स्वीकार था शनै शनै विदेशी आक्रांताओं के अधीन होते गए मन कर्म के साथ बुद्धि विवेक भी मलिन होते गए। तुर्कों की कुदृष्टि से बचाने को स्त्री को घूँघट ओढ़ाने लगे विचार बदलते गए स्त्री स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने लगे! बाद इसके ये हिंदू संस्कृति संस्कार का अभिन्न अंग बन गया स्त्री के गुण अवगुणों को परखने का समाज का ढंग बन गया अगर स्त्री वेशभूषा पर तर्क दे वो मुँहफट निर्लज्ज होती है हाँ! पर पुरूष के भद्दे कटाक्ष सही व नीयत स्वच्छ होती है घूँघट पौराणिक, वैदिक हिंदू संस्कृति का अंग न था स्त्री पुरूष के रहन सहन में भेदभाव का रंग न था स्त्री के अस्तित्व पर अवांछित प्रतिबंध न था
Dr Upama Singh
“भारतीय संस्कृति” अनुशीर्षक में👇👇👇 भारतीय संस्कृति एक ऐसी धरोहर है जिसकी छटा विश्व मानस पटल पर सुंदर मनोहर है — % & यहांँ ज्ञान, संस्कार संस्कृति की शान संगम मिले जैसे हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई हिंदुस्तान में मिले ऐसे ही यहांँ हम सब मिलजुल कर के रहते ह
Divyanshu Pathak
नारी को ईश्वर ने नर से हजार गुणा ज्यादा शक्तियां देकर, ज्यादा व्यावहारिक समझ देकर पैदा किया है। वह सृष्टि का एक गतिमान तत्व है। परिवार,समाज और संस्कृति का वह निर्माण करती है। नारी शरीर से नहीं,नारीत्व से करती है। स्त्रैण बनकर करती है। जब वह पुरूष से अच्छा पढ़ सकती है, उससे अच्छी नौकरी कर सकती है, तब उसकी नकल क्यों करना चाहती है। वह खूब आगे भी बढ़े और अपने प्राकृतिक स्वभाव को भी पूर्ण रूप से विकसित करती रहे। 💕🍫🙏🍧🍩🍨😊🙏🍹🍹💕 सुप्रभातम साथियो मेरे जीवन का एक साल और मैंने जी लिया है। ईश्वर की कृपा और आप का प्रेम मुझे सुखद एहसास देते रहे हैं। गुजरे वक़्त
Vidhi
महिलाओं से जुड़ी बस इतनी ही खबरें हैं: -दीपिका के कपड़ों के दाम सुन कर आप दंग रह जाएंगे VS डेढ़ साल की बच्ची का बलात्कार एक आदमी ने अपने बच्चों के सामने किया। -महिला वैज्ञानिकों और खिलाड़ियों का कमाल VS सौ साल की वृद्धा के साथ बलात्कार। -औरतों ने सामूहिक रूप से करवाचौथ/छठ का पर्व मनाया VS पति ने अपनी बीवी का चेहरा तेजाब से जलाया। #भारत #औरतें #समाज #YQbaba #YQdidi "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः"
अम्बुज बाजपेई"शिवम्"
:-सवाल सियासत से:- ---------------------------------- "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते" जिसकी संस्कृति है, नारी का पर्याय शक्ति है वहां छः महीने की हो साठ वर्ष की हर नारी की अस्मिता संकट में हो। विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? अखबारों के पन्ने रंगे हैं, खबरों की जगह इश्तिहारों से। कौन आएगा कमज़ोरों की आवाज बनने को? विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? अन्नदाता किसान है, देश कृषि प्रधान है। परन्तु विवश हैं, साधनहीन हो आत्महत्या करने को, विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? :-सवाल सियासत से:- -------------------------- "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते" जिसकी संस्कृति है, नारी का पर्याय शक्ति है वहां छः