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King Dubey
आदमी को दूसरों की बुराईयां बताने से पहले यह देख लेना चाहिए कि उसमें खुद में कितनी बुराईयां हैं। 🎁 ©King Dubey खुद के गिरोह में झांक कर देखो।
Ajay Pasi
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat गुमनाम सी ज़िन्दगी को गुनाहों में ना खो देना गुनाह की कहानी को गुफ्तगू में गिरोह में विरोध लेना गुस्ताख़ी की हो भी तो गुनाहों का तसव्वुर कर लेना गुनाह माफ़ भी हो जाते है ज़रा गुनाह कबूल तो कर लेना #respect #lifequotes #trust #reality #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat गुमनाम सी ज़िन्दगी को गुनाहों में ना खो
journalistrajashrivastava
ग्राम पंचायतों/सरपंचों से निवेदन है कि मांगने वालों (भिखमंगों) के गावँ मे प्रवेश पर प्रतिबंध लगवाएं तथा फेरी वालों की ID चैक की जाए । आजकल इनके भेष मे बहुत गिरोह सक्रीय है Apni apni Gram panchayat ko send kro ( छत्तीसगढ़ पुलिस) छत्तीसगढ़ एसपी कार्यालय ✍️राजा श्रीवास्तव✍️ ग्राम पंचायतों/सरपंचों से निवेदन है कि मांगने वालों (भिखमंगों) के गावँ मे प्रवेश पर प्रतिबंध लगवाएं तथा फेरी वालों की ID चैक की जाए । आजकल इ
Abhijeet Yadav
पहला नशा बाते बड़ी बड़ी करते हो ,समझदार हो क्या? बतोलेबाजों के गिरोह के सरदार हो क्या? चांद को जमीं पर ले आओगे, और महबूब को फलक पर बिठाओगे, मियां इश्क़ में तुम भी बीमार हो क्या ? बाते बड़ी बड़ी करते हो ,समझदार हो क्या? बाते बड़ी बड़ी करते हो ,समझदार हो क्या? बतोलेबाजों के गिरोह के सरदार हो क्या? चांद को जमीं पर ले आओगे, और महबूब को फलक पर बिठाओगे, मियां इश्
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चिराग़ ए लौ जलाएं बीते कुछ दिनों की चिलम ए धुआं निकाले बातें उन दिनों की चीस ए सितम सीमाएं लांघ लेते सरहदों की चीथड़े ए कतरन ना उजड़ती वासना के घेरों की चिंघाड़ ए गरजा ना लगाई नकेल उन गिरोह की चीख ए आवाम ना सुनती लाशों के ढ़ेरों की #respect #relationships #deepthoughts #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat चिराग़ ए लौ जलाएं बीते कुछ दिनों की चिलम
Ravendra
एसएम न्युज24टाइम्स
Varsha Sharma
संदेह होता है आज कान्हा तुझ पर भी... क्या वाकई कभी तूने द्रोपदी को, चीर हरण से बचाया था क्या कभी तूने महिला की इज्ज़त बचाने हेतु, शस्त्र भी उठाया था आज हर दिन कितनी ही द्रोपदियों का चीर हरण यहां किया जाता है टोली में दरिंदो द्वारा नारियों को वस्त्रहीन कर दिया जाता है कितने हैं कौरव यहां, लेकिन पांडव कोई न दिखता है कितने हैं राक्षस यहां, लेकिन कृष्ण कोई न दिखता है कान्हा ! क्या सिर्फ एक द्रोपदी को बचाना ही तेरा फर्ज था या कहूं मैं, की तुझ पर उसका कोई कर्ज था जीवन तूने हमें दिया, जिंदगी तूने हमें दी, तो नारियों के सम्मान को बचाना भी तो तेरा ही फर्ज़ था अगर चला ही गया इस दुनिया से तू, तो भूला देंगे हम तुझे भी अब बस इतना बता दे तू कि किसने किया तुझसे आखिरी अर्ज था क्या बाकियों को बचाने का कुछ नहीं तेरा फर्ज़ था क्या तुझ पर सिर्फ उस द्रोपदी का ही कोई कर्ज था, उस द्रोपदी का ही कोई कर्ज था.....— % & ना चाहते हुए भी आज, संदेह होता है मुझे कान्हा, तेरे अस्तिव पर, क्या वाकई तू कभी यहां था भी.... इसी भारत में तू जन्मा है पढ़ने को तो हमें यही