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Radhe Radhe
चलो कुछ दिन खिलखिला ले काटों में रहकर भी मुस्कुराले क्योकि हम जानते है विदा ही लेना है सामाज के जंजीरो से बंधे क्यूं अधिकार नही तुम्हे मुझे और मुझे तुम्हे चयन का जय श्री राधे ©Radhe Radhe चयन का,,,
चयन का,,,
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White शरीर मे कोई सुंदरता नही होती, सुंदर होते है व्यक्ति के कर्म और उनके विचार। ©S #love_shayari आज का विचार आज का विचार सुप्रभात
#love_shayari आज का विचार आज का विचार सुप्रभात
read moreGhanshyam Ratre
नारी बिना अधूरा है संसार है। नारी शक्ति का है जयजयकार।। राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर सभी महिला माता बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं! ©Ghanshyam Ratre राष्ट्रीय महिला दिवस
राष्ट्रीय महिला दिवस
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ख्वाबों का मासूम सा सवाल कुछ उम्मीद है बाकी या फ़िर टूट जाएं हम ©हिमांशु Kulshreshtha ख्वाबों का...
ख्वाबों का...
read moreShilpa Yadav
White बड़ी बेशरम होती है ये शर्म केवल महिलाओं के लिए लागू होती है लज्जा का पाठ पढाया जाता है ढोंगी संस्कार सिखाया जाता है अपने ही घर में मेहमान बताया जाता है नई रीति-रिवाज और हजारों ढोंग इन सबका भ्रमार मचाया जाता है आये दिन इनको सताया जाता है ये वक्त है कदम उठाने का कुछ आगे कर जाने का शिक्षित होकर ,ज्ञान जुटाने का फिर महिलाओं को आगे आने का धीरे धीरे जब आवाज उठेगी इनकी तब आवाम जगेगी एक कदम तुम साथ निभाओ आगे हम स्वयं चल जायेंगे वरना सदियों से जिस दलदल में हैं वहीं पे फंसकर रह जायेंगें है उत्थान हमें खुद का करना हम आवाज जरूर उठायेंगें।। ©Shilpa Yadav #Thinking #women#स्त्री#महिला#shilpayadavpoetry#women_equality ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Yogendra Nath Yogi Bhardwaj Only Budana
#Thinking #Women#स्त्री#महिला#shilpayadavpoetry#women_equality ANOOP PANDEY Vishalkumar "Vishal" Yogendra Nath Yogi Bhardwaj Only Budana
read moreVs Nagerkoti
White जिंदगी में वक्त वक्त पर हमे हमारी औकाद भी पता चलना जरूरी है । ये घटना right या wrong way मैं भी हो सकती हैं । एक तो तब जब हम बहुत घमंड से भर जाते है । और दूसरा उस वक्त जब हमारे लिए खुद को समझना अतियंत आवश्यक हो जाता है। की क्यों लोग आपको ही नीचा दिखाने मैं लगे होते है । इसका मतलब आप मै कुछ तो खाश बात है । जो किसी को हजम नही होती और यही नीचा दिखाने वाले कुछ लोग ही जाने अंजाने मैं आपको खुद को समझने के लिए मजबूर करते हैं। और खुद ही एक नया और शक्तिशाली प्रतिद्वंदी खड़ा कर लेते है । जरा सोच कर देखिए इंसान इतना मूर्ख होता है कि अपने नए शत्रु खुद ही बना लेता है । जब की कोई खाश जरूरत होती ही नही । ©Vs Nagerkoti #sad_dp रहस्य,,,, कभी कभार गिरना भी ज़रूरी होता है । जब अथाह अहंकार आ जाएं । और कभी गिरके संभलना भी,
#sad_dp रहस्य,,,, कभी कभार गिरना भी ज़रूरी होता है । जब अथाह अहंकार आ जाएं । और कभी गिरके संभलना भी,
read moreNarendra Vyawhare
लहानपणी शाळेत जायचो तेव्हा विद्धेची देवता म्हणून 'देवी सरस्वती' ची ओळख झाली, पण जेव्हा पुस्तकं वाचली तेव्हा कळालं की हिच पुस्तक वाचता यावी म्हणून स्त्री समाजाला स्वतंत्र जगता यावं आणि गोरगरिबांची लेकर सुशिक्षित व्हावी यासाठी सावित्री ज्योतीनी पुढाकार घेऊन आम्हला स्वतःच्या पायावर उभ केल.ना की कुण्या देवी -देवतांनी. ©Narendra Vyawhare महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
महिला दिन मराठी कविता मराठी कविता प्रेम मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी
read moreनवनीत ठाकुर
White अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर में संभलना ज़रूरी। मंज़िल तक पहुँचने के लिए रास्ते हों या कांटे, हर फिज़ा में संघर्ष का होना ज़रूरी। हर असफलता से कुछ सीखा है, सच्चाई यही, अच्छे दिन आने तक मेहनत का होना ज़रूरी। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर मे
#नवनीतठाकुर अंधेरों में उजाले का खिलना, दर्द के बाद राहत की उम्मीद का होना ज़रूरी। कभी टूट कर गिरना, फिर उठकर चलना, ज़िंदगी के इस सफर मे
read moreअश्लेष माडे (प्रीत कवी )
हाडामासाचा फक्त शरीर नव्हे जन्म देणारी जन्मदात्री आहे ती नऊ महिने वेदना सहन करणारी वेदनारहित 'स्त्री' आहे ती.. फक्त संभोगासाठी नसते 'स्त्री' जन्म आणि पोषण असे दर्शन एकावेळी देणारी आहे ती दोन मासाचे गोळे आणि योनी एवढंच बघतो पुरुष खरं तर प्रचंड वेदना सहन करून जन्म देणारी 'स्त्री'आहे ती... प्रेम तिच्या शरीरावर की तिच्यावर असतं ? प्रसूती च्या वेळी पुरुषाला लाजवणारी आहे ती करावीच माणसाने एकदा स्त्री ची प्रसूती कळेलच किती कणखर आहे ती... नुसती हौस पूर्ण करण्यासाठी नसते पुरुषाला पूर्ण करणारी आहे स्त्री आहे ती कोणासाठी काहीही असो तिला बघण्याचा दृष्टिकोन आई,बहीण,बायको अशा अनेक नात्यांची जन्मदाती आहे ती... ©अश्लेष माडे (प्रीत कवी ) मराठी कविता संग्रह महिला दिन मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता संग्रह
मराठी कविता संग्रह महिला दिन मराठी कविता प्रेरणादायी कविता मराठी मराठी कविता संग्रह
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
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