Find the Latest Status about suruchi adarkar instagram from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, suruchi adarkar instagram.
Prashant Roy
दिन ढल जाता है, रात गुजर जाती है, कहने को वख्त और जज़्बात बदल जाते है, मगर पूरी होती नही, टकटकी लगाए आंखों की फरियाद, न जाने कितने दिन ढल जाते है, न जाने कितनी राते निकल जाती है। मगर पूरी होती नही, टकटकी लगाए आंखों की फरियाद। ©Prashant Roy #sleepless_nights#Nightsforwakefulness Suruchi Roy
Prashant Roy
यह बात सच है कि किसी से प्यार करना हमारे हाँथ में है लेकिन कोई हमसे भी प्यार करे यह हमारे वश में नही। फिर भी मैं तो भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि दुनिया के सबसे बुरे आदमी को भी एक तरफा प्यार न हो। एक तरफा प्यार किसी इंसान को न जीने देती है न मरने। न खुलकर हंस पाता है न खुलकर रो पाता है। न जीत पाता है न मर पाता है। न बता पता है किसी को न अपने दर्द को छिपा पाता है। जीते जी उसे सारे नर्क दिख जाते है। लेकिन इस बात पर उसे खुशी होनी चाहिए कि कम से कम प्यार तो हुआ, अगर इश्क़ परवान न चढ़ा तो क्या, इश्क़ क्या है उसका अहसास तो हुआ। ©Prashant Roy One Sided Love Suruchi Roy
Prashant Roy
शायद मैं तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ, क्योंकि मैं भी उन्ही अँधेरी गलियारों से गुजरा हूँ कभी, तुम्हारी टिस को अब महसूस कर सकता हूँ, क्योंकि मैं भी अँधेरी रातों में रोया हूँ कभी। तुम्हारी उलझन दिखता है मुझे, कभी मैं हारा हुआ भटका हूँ कभी। तुम्हारी सिसकियों को मैंने भी जिया हूँ, क्योंकि मैं भी तकिये में मुँह छिपाकर सुबका हूँ कभी। तुम्हारी गुमसुम आंखों को जानता हूँ, मैंने भी तन्हाइयों को छिपाया है कभी, शायद मैं तुम्हारे दर्द को समझ सकता हूँ, क्योंकि मैं भी उन्ही अँधेरी गलियारों से गुजरा हूँ कभी। ©Prashant Roy हसरतें साथ चलने की। Suruchi Roy
Prashant Roy
अक्सर हम भूल जाते है, कि हम जिनके लिए मर रहे है वह भी एक इंसान है जो शायद किसी और के लिए मर रहें हो। इसी जद्दोजहद और उहापोह में अपनी ज़िंदगी बोझ लगने लगती है। लेकिन अगर हम दिल से इस बात को स्वीकार करें तो शायद हम इस उलझन से बच सकते है और महसूस करें कि हम हर दिन एक शानदार इंसान से चूक रहे है और वह हम खुद है। ©Prashant Roy #Lovetoyourself#lovetoyourself Rakesh Srivastava Suruchi Roy
Prashant Roy
तुमने पहली ही सीढ़ी पर, प्रेम की परिभाषा को, शरीर से बांध दिया कि, प्रेम दो अलग अलग अलग व्यक्तियों के बीच मे घटने वाली बात है, बस इतना कहो, कि अगर प्रेम है तो अलगाव कैसा? और अलगाव है तो प्रेम कैसा? फिर उन सिसकियों की कौंन परिभाषा कहे? उन चुप्पियों को कौन अपनी आशा कहे? शरीर नही, मन और हृदय पर पड़े, दर्द और तकलीफ़ की कौन सीमा गहे, वह कौन था, जिसने प्रेम को शरीर से, शरीर से प्रेम की परिभाषा को, नया नाम, नयी उमीदों में एक चुभन को पहचान दिया। बस इतना ही समझा दो, की कैसे प्यार परमात्मा नही, फिर मीरा किस धुन पर नाची थी, कबीर कैसे बाबले हुए फिरते थे, किसने चुपके से हर जर्रे को, ख़ुदा और हर लफ़्ज को बंदगी का, एक आयाम दिया, फिर ख़ुदा इश्क़ नही, तो खुदाई में बंदगी कहाँ? ©Prashant Roy प्रेम की परिभाषा Rakesh Srivastava Suruchi Roy
Prashant Roy
अक्सर हम समझदार हो जाते है, और क्रांति का बिगूल फूंक देते है, बिना यह जाने क्या परिणाम होगा? और समय बीत जाता है फिर क्रांति का भव मिटता है, और अहसास जब अपने मूर्खता पर होता है, हम बहुत दूर निकल जाते है, और हाँथ में सिर्फ यादें रह जाते है। ©Prashant Roy maturity#Immaturity gaTTubaba Rakesh Srivastava Suruchi Roy
Prashant Roy
शिकायत तभी तक रहती है, जब तक हम उसे अपना मानते है, उलझन तभी तक रहती है, जब तक लौटने भी चाह रहती है, बातों की अदायगी में तहज़ीब तभी तक है, खोने का डर जब तक है। बैचैन दिमाग तभी तक है, जब तक साथ चलने की चाह, और छूटने की आह है, शिकायत तभी तक रहती है, जब तक हम उसे अपना मानते है। ©Prashant Roy #शिकायत gaTTubaba Swati Srivastava Shristi Yadav laprek Suruchi Roy
Rupam sinha
Prashant Roy
चाहत में इन्तेहाँ कहाँ, सिर्फ एक गुज़ारिश होती है, पूरा करो या यूं ही अधूरा कारवां रहने दो, चाहत में फ़साना कहाँ, सिर्फ लम्हों का सिलसिला होता है। ©Prashant Roy चाहत SHAHID HAROON Abdullah Qureshi Rakesh Srivastava Suruchi Roy
Rupam sinha