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Ravendra Yadav
दिल का अजीब कस्तूर है यारो इस बे पनाह मोहब्बत का अहसास तक नही दी ला सकता और बिना कहे रह भी नही सकता मोहब्बत की छोटी सी शिकायत है वो तो कबूला करिए
Prem Nirala
इश्क़ में रहकर उसने कबूला हैं, तुम मुझे कबूल नहीं! prem_nirala_ इश्क़ में रहकर उसने कबूला हैं, तुम मुझे कबूल नहीं! #prem_nirala_
Dharminder Dhiman
जिन पलों को इत्तेफाक समझ.. मैं मुस्कुरा दिया करती, बाद मुदत, शख्स ने खुद कबूला.. तुझे तकलीफ के लिए बुने थे मैंने पल वो..! शख्स ने खुद कबूला.. तुझे तकलीफ के लिए बुने थे मैंने पल वो..!
Dharminder Dhiman
बनाया खुदा ने, हमारा किरदार ही ऐसा है. चंद दिनों में उतर जाता है. मेरा प्यार ही ऐसा है.! शख्स ने खुद कबूला.. तुझे तकलीफ के लिए बुने थे मैंने पल वो..!
sumit thakur
जी भर के देख लू तुझे एक बार, फिर चले जाना कर लू मै अपनी रूह को बेदार,फिर चले जाना वो हाथ जिन को थाम तूने इश्क़ कबूला था कर लू उन हाथों से तुझे प्यार, फिर चले जाना.. ©sumit thakur जी भर के देख लू तुझे एक बार, फिर चले जाना कर लू मै अपनी रूह को बेदार,फिर चले जाना वो हाथ जिन को थाम तूने इश्क़ कबूला था कर लू उन हाथों से तुझ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज कबूला ग़लत। कल कत्लों आम होगा। आवाम फ़िरदौस ने जीती रही। ऐलान होगा। गर्दिश के तारो में एक हमारा पैग़ाम होगा। फ़िज़ूल नहीं कातिलानां अंदाज़ होगा। आज नहीं तो क्या हुआ। कभी तो आगाज़ होगा। मिसरे कसने वालों का। मुंह पर हमारा नाम होगा। वक़्त तुम्हारा होगा। ज़माना हमारा होगा। #feelings #depth #bestyqhindiquotes #words #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आज कबूला ग़लत। कल कत्लों आम होगा। आवाम फ़िर
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मैं अहंकार नहीं मेरा स्वाभिमान है तलाश ख़ुद की क्या? ये अहंकार है आस्तिक ना सात्विक हूं मैं खुदगर्ज नहीं प्रमाणिक हूं मैं वजूद किसी की खोज़ में मिला ही नहीं तमन्नाओं की ऊष्मा अंतर में लौ जलाती हूं मैं ख़ुद की तलाश अहंकार है तो उम्मीदों के जुगनू जलने देती हूं मैं ये ज़िन्दगी मेरी तलब ख़ुद की अहंकार है तो हां कबूला अहंकारी हूं मैं #respect #selfrespect #pride #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मैं अहंकार नहीं मेरा स्वाभिमान है तलाश ख़ुद की क्
Mohammad Arif (WordsOfArif)
बात जो दिल से निकलेगा जाया नहीं जायेगा ग़लत बात को देखो वहां कबूला नहीं जायेगा अपने मुस्तकबिल को संवारने की कोशिश करो सच बात को हमसे झूठ में मिलाया नहीं जायेगा अपनी गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा ग़लत लोगों को रास्ता सही दिखाया नहीं जायेगा देखते जाईए और भी झूठ बाहर अभी आयेगा सच को सच से रूबरू हमसे कराया नहीं जायेगा मुल्क की हालत बहुत बिगड़ती जा रही है अब सच को झूठ कह के हमसे समझाया नहीं जायेगा किस कदर ग़लत बात अब हावी हुआ है आरिफ गद्दार को अब देशभक्त हमसे बुलाया नहीं जायेगा ©Mohammad Arif (WordsOfArif) बात जो दिल से निकलेगा जाया नहीं जायेगा ग़लत बात को देखो वहां कबूला नहीं जायेगा अपने मुस्तकबिल को संवारने की कोशिश करो सच बात को हमसे झूठ मे
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat इत्र की शीशियों में क्या दुंढते हो। वो तेरे पसीनें की महक में भी जी लेती हूं। पसीनें में नहाएं भी तो कबूला है तुझे। प्यार के इस इत्र में डुबायां है तुझे। कमज़ोरी नहीं ताकत हूं तेरी। ख़ामोशी नहीं चिंघाड़ हूं मैं तेरी। रती भर भी ख़ुद से दूर नहीं कर पाएगां। मुझे खोजता तूं दूर निकाल आयेगां। मेरी मुस्कान से मेरी पहचान है। बहुतों के दिल का अरमान है। हमारा दिल में रिश्ता कुछ खास है। एहसास से शुरू ज़ज्बातों में हमारी जान है। कहीं दूर भी हो जाऊं तो।दूर मत जाने देना। हमे नहीं आता मानना।तुम मानते रहना। हार मानने को दिल भी चाहे। तो दिल को बेहकते रहना। मेरे आंगन में हमारा प्यार का चिराग़ जलाएं रहना। जलाएं रहना। #feelings #heart #quote #yqdidi #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat इत्र की शीशियों में क्या दुंढते हो। वो तेरे पसीनें की महक में भ
Sanju Singh Gusain
शरारती किस्से वो फ़ोन पर सुनाया करती थी एक लड़की थी मुझे गोद में सुलाया करती थी वैसे तो कोई नाम नहीं था उस रिश्ते का कभी लेकिन बेग़मों वाले हक़ खूब जताया करती थी सिर्फ़ मेरी ही है वो जब मैं ज़िद्द पकड़ लेता था रूठने पर मुझे कभी माँ जैसे मनाया करती थी उसके बिना रहना कैसे है जब भी मैंने बातें कीं झगड़े हो जाते ऐसी तरकीबें सुझाया करती थी कैसे तुमको अपना बना लूँ जब भी पूछता उसे खेल-खेल में घास की अंगूठी बनाया करती थी मंदिर मस्ज़िद गुरूद्वारे भी गया हूँ उसके साथ मुझे कबूला नहीं, बस ख़ुदा दिखाया करती थी कभी वो भी चली जायेगी मुझे मालूम था मगर सच्ची कसमें खुदा के सामने खाया करती थी उसी शहर में रहता हूँ उन जगहों पर मैं जाता हूँ वो मिलने आएगी,जहाँ मिलने आया करती थी ।। शरारती किस्से वो फ़ोन पर सुनाया करती थी एक लड़की थी मुझे गोद में सुलाया करती थी वैसे तो कोई नाम नहीं था उस रिश्ते का कभी लेकिन बेग़मों वाले हक़