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Shruti Rathi
शब्दों का भाव एवम वस्तुओं का भाव बड़ा प्रभाव डालते हैं ©Shruti Rathi #Khushiyaan #shrutirathi #originalcontent #beingoriginal #nojotohindi #twoliner #वास्तविकता #शब्दों #वस्तुओं #भाव
Harshvardhan Jain
Journalist Suhaag sudhakar
स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग से ही हमारे भारत देश की आर्थिक उन्नति होगी। स्वदेशी अपनाइये।,,जय हिंद🇮🇳 #Knowledge
read moreअदनासा-
मालूम है अलग-अलग है अब ये राहें तेरी और मेरी पर यादें हैं ज़रूर आयेगी तुम को मेरी मुझको तेरी ©अदनासा- शराब एवं किसी भी अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है।#हिंदी #देवदास #यादें #राहें #devdas #Pinterest #Instagram #Facebook
शराब एवं किसी भी अन्य नशीली वस्तुओं का सेवन स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है।#हिंदी #देवदास #यादें #राहें #devdas #Pinterest #Instagram #Facebook #शायरी #तेरीमेरीकहानी #अदनासा
read moreDas Sumit Malhotra Sheetal
शीर्षक:- आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि। जब भी आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि जब होती, गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को परेशानी होती। कभी रसोई गैस सिलेंडर के दाम सरकार बढ़ाती, कभी पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार बढ़ाती। लोगों के लिए दो वक़्त की रोजीरोटी कमाना मुश्किल, किराने का सबसे ज़रूरी सामान भी खरीदना मुश्किल। आजीविका की वस्तुओं पर तो हम सभी निर्भर करते, आटा, दालें व खाद्य तेल पर तो हम सभी निर्भर करते। आजीविका की वस्तुओं के बिना जीना सबसे मुश्किल है, कभी प्याज़ तो कभी टमाटर भी महंगा सरकार करती है। सरकार देश का बजट नियत्रंण में करने का प्रयास करती, भरसक प्रयासों के बावजूद मंहगाई बढ़ती सदा ही जाती। ©Das Sumit Malhotra Sheetal शीर्षक:- आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि। जब भी आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि जब होती, गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को परेशानी होती। कभी रस
शीर्षक:- आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि। जब भी आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि जब होती, गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को परेशानी होती। कभी रस #ज़िन्दगी
read moreTarannum Sana
जयश्री_RAM
शहर की चकाचौंध में इंसान कहाँ खोया है वस्तुओं के बीच बेसुध सोया है रिश्ते शर्मसार सब अपने पराये मिलता है वही जिसने जैसा कुछ बोया है. ©Ram Unij Maurya शहर की चकाचौंध में इंसान कहाँ खोया है वस्तुओं के बीच बेसुध सोया है रिश्ते शर्मसार सब अपने पराये मिलता है वही जिसने जैसा कुछ बोया है.
शहर की चकाचौंध में इंसान कहाँ खोया है वस्तुओं के बीच बेसुध सोया है रिश्ते शर्मसार सब अपने पराये मिलता है वही जिसने जैसा कुछ बोया है. #विचार
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
भोगने की अति लिप्सा, पाँव कब्र लटका रहा? देखो मानव मन यहाँ है वस्तुओं में ही फँसा? वस्तुएं होती अगर न सोंचो ये जाता कहाँ? मौत ग़र होती न सच तो ये ठहर पाता कहाँ? ©HINDI SAHITYA SAGAR #alone भोगने की अति लिप्सा, पाँव कब्र लटका रहा? देखो मानव मन यहाँ है वस्तुओं में ही फँसा? वस्तुएं होती अगर न सोंचो ये जाता कहाँ? मौत ग़र होत
#alone भोगने की अति लिप्सा, पाँव कब्र लटका रहा? देखो मानव मन यहाँ है वस्तुओं में ही फँसा? वस्तुएं होती अगर न सोंचो ये जाता कहाँ? मौत ग़र होत #Hindi #poem #कविता #hindisahityasagar #bhoglipsa
read moreRanjit Kumar
Paramjeet kaur Mehra
धरती को स्वर्ग बनाना है ‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’ पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमा #Thoughts
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