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Arora PR
जीबनधारा तुम्हारे ऊपर से होके गुजर जाती है लेजिन तुम मुर्दे की भाबती मुरछित से पड़े रह जाते हो तुम्हे प ता ही नहीं है शायद कि कितना कुछ तुमने अन जिया छोड़ दिया है अपरिसीम समय का विलक्षण सुहानापन और उसका. जकवा तुमने देखा ही कहा है..... ©Arora PR मूर्छा
Vikas samastipuri
लोग तभी तक आपको जानते है जब तक आप जिवित हो मरने के बाद लोग तो छुना भी नहीं चाहते। जैसे ये कली ©Kavi Kumar Vigesh मूर्छा गुलाब #Rose
Adbhut Alfaz
नफरत की मूर्छा को कुछ इस तरह मिटाएंँगे.. मोहब्बत की संजीवनी का पर्वत लेकर आएंँगे.. © चीनू शर्मा 'अद्भुत'✍️ नफरत की मूर्छा को कुछ इस तरह मिटाएंँगे.. मोहब्बत की संजीवनी का पर्वत लेकर आएंँगे.. ©अद्भुत✍️
Adbhut Alfaz
#श्री_हनुमान_जयंती_की_शुभकामनाएंँ🙏🚩 जो ज़िंदा रहने की चाहत उठा के लाया था.. ज़माने भर की मोहब्बत उठा के लाया था.. मैं उसका चाहने वाला हूंँ उसकी धड़कन हूंँ, जो इक हथेली पे पर्वत उठा के लाया था.. © Kunwar Jaaved ✍️ नफरत की मूर्छा को कुछ इस तरह मिटाएंँगे.. मोहब्बत की संजीवनी का पर्वत लेके आएंँगे.. © Chinu Sharma 'Adbhut'✍️ #जय_श्री_राम🚩🙏 #जय_बजरंग_बली🚩🙏 #श्री_हनुमान_जयंती_की_शुभकामनाएंँ🙏🚩 जो ज़िंदा रहने की चाहत उठा के लाया था.. ज़माने भर की मोहब्बत उठा के लाया था.. मैं उसका चाहने वाला हूंँ
Jyoti choudhary
कबुली जाएंगी सारी इल्तिजा कान्हा की, इक बार राधारानी को मटकी तो सजाने दो, पनघट पे गगरी लेके उस रस्ते तो आने दो, पायल की छनछन से पेड़ पर चढ मटकी फोड़ने तो दो। Must see pin quote......... Don't remove my hastag #panku_writer ● ● ● ● बहुत दूर तो कुछ नहीं पनघट मेरा श्याम
Kisalay Shukla
काका की वसीयत कविता अनुशीर्षक में .......... नये मकान के कोने में काका का छोटा सा मकान संभाल रखा है काका ने जैसे हो जिंदगी की दुकान, काका को दिखता उसमे हरपल अपनी हैसियत बच्चे बांट र
Amar Anand
-परम सत्य योगपथ- ध्यान योग - विशेष नीचे कैप्शन में ध्यान में आसपास की आवाजें बाधा देती है, क्या करें? कुछ मित्र मुझे आकर कहते हैं कि हमें सब आवाजें सुनाई पड़ती है। यह कब बंद होगी?यह कभी बंद न
Pranshul Gupta
CM Chaitanyaa
" इच्छाधारी इंसान " इच्छाधारी इंसान एक समय की बात है, ‘मनुष्य‘ नामक वन में एक असुर रहता था जिसका नाम था ‘मन‘। मन उस वन का