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Ganesh joshi
अपेयेषु तडागेषु बहुतरं उदकं भवति । अर्थ : जिस तालाब का पानी पीने योग्य नहीं होता , उसमें बहुत जल भरा होता है । ©Ganesh joshi #watchtower #अपेयेषु #तडागेषु बहुतरं उदकं भवति । #अर्थ : जिस #तालाब का #पानी #पीने योग्य नहीं होता , उसमें बहुत #जल भरा होता है ।
gaTTubaba
White वो बस एक बार देदे रिहाई उसे हम कभी ना देखें तस्वीरें तो दूर की बात हैं उसे ख्वाबों में भी ना देखें माना की थोड़ा गलत हैं पर दिनरात की मेहनत का घमंड हैं मजबूर हैं वरना हम अपना समंदर छोड़के उसके तालाब को क्यों देखें ? ©gaTTubaba #Sad_shayri वो बस एक बार देदे रिहाई उसे हम कभी ना देखें तस्वीरें तो दूर की बात हैं उसे ख्वाबों में भी ना देखें
Mehfuza
रात-रात भर जाकर बात करने वालें वह दो लोग, खामोश बैठे थे तालाब किनारे, वह दोनों खामोशी से आंखों ही आंखों में बातें कर रहे थे। ©Mehfuza रात-रात भर जाकर बात करने वालें वह दो लोग, खामोश बैठे थे तालाब किनारे, वह दोनों खामोशी से आंखों ही आंखों में बातें कर रहे थे।
Ravendra
Shivkumar
// नदी के किनारे// वे नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के सहारे | एक भी कभी अगर मछली मिले वे सभी को बस ताकते रहतें हैं | कभी मिली तो कभी नहीं भी कहीं नदी में हो या तालाब में न मिली तो जातें है | उन मछलियों की तलाश में बस एक वो मछुआरा ही तो रहता है | उनके हाथों से कभी नहीं निकली मछली | मछुआरों की जिंदगी ही वो मछली ही है ©Shivkumar #fisherman #fishing #Nojoto // नदी के किनारे// वे #नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के #सहारे |
N S Yadav GoldMine
कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है !! 🎊🎊 एन एस यादव।। {Bolo Ji Radhey Radhey} राजा के पुत्र के पेट में रहने वाले सांप:- 🐍 एक नगर में देवशक्ति नाम का राजा रहता था। उसके पुत्र के पेट में किसी तरह सांप चला गया। सांप राजा के पुत्र के पेट में ही अपना बिल बनाकर रहने लगा। उसके कारण उसका शरीर दिन प्रतिदिन कमजोर होता जा रहा था। बहुत उपचार करने के बाद भी उसका स्वस्थ नहीं सुधर रहा था। यह देख राजपुत्र अपना राज्य छोड़ कर किसी दूसरे राज्य में चला गया और वहां के एक मंदिर में भिखारी की तरह रहने लगा।उस राज्य के राजा की दो पुत्रियां थी। वे दोनों जब भी अपने पिता को प्रणाम करती तो प्रणाम कहते हुए पहली पुत्री कहती है – महाराज! आपकी जय हो। 🐍 आपकी कृपया से इस राज्य में सुख हैं। दूसरी लड़की प्रणाम करते समय कहती है – महाराज आपके कर्मो का फल भगवन आपको दे। दूसरी पुत्री का प्रणाम सुनकर राजा को गुस्सा आ जाता था। एक दिन राजा ने क्रोध में आकर मंत्री से कहा – इस कटु वचन बोलने वाली लड़की को किसी गरीब परदेशी के साथ भेज दो। मंत्रियों ने उस लड़की का विवाह मदिंर में रहने वाले उसी राजपुत्र से करवा दिया जिसके पेट में सांप रहता था। 🐍 वह लड़की अपने पतिधर्म के अनुसार राजपुत्र की बहुत सेवा करती थी। दोनों ने उस राज्य को छोड़ दिया थोड़ी ही दूर जाने पर वह आराम करने के लिए एक तालाब के किनारे ठहरे। वह लड़की राजपुत्र को तालाब के किनारे छोड़ कर खाने पिने का सामान लेने लिए गयी। जब वह वापिस लोटी तो उसने दूर से देखा कि उसका पति एक बाम्बी के पास सोया हुआ है और उसके मुहं से एक काला सांप निकल कर बाम्बी से निकले सांप के साथ बाते कर रहा था। 🐍 बाम्बी से निकला सांप कहता है- अरे दुष्ट! तू क्यों इस सुन्दर राजकुमार के जीवन को बर्बाद कर रहे हो। पेट वाला सांप कहता है – तू भी तो इस बिल में स्वर्ण कलश को दूषित कर रहे हो। बाम्बी वाला सांप कहता है – तू समझता है कि तुझे कोई राजकुमार के पेट में मार नहीं सकता ? कोई भी व्यक्ति उबली हुयी राई देकर तुझे मार सकता है। पेट वाला सांप बोला – तुझे भी तो तेरे बिल में गरम तेल डालकर मार सकता है। 🐍 इस तरह बात चित करते हुए वह एक दूसरे के भेद खोल देते हैं। वह लड़की उनकी सुनी हुयी बातों को जानकर उन्हें उसी प्रकार मार देती है। परिणामस्वरूप उसके पति का स्वास्थ्य भी ठीक हो जाता है और स्वर्ण कलश मिलने से वे धनवान भी बन जाते हैं। दोनों राजकुमार के देश चले जाते है और अपनी सारी कहानी बतातें हैं राजकुमार के माता पिता उनका स्वागत करते हैं। कहानी की शिक्षा:-🐍 इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए। भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है। ©N S Yadav GoldMine #raindrops कभी भी अपने घर के भेद किसी दूसरे को नहीं बताने चाहिए भेद बताने से भारी हानि को झेलना पड़ सकता है !! 🎊🎊 एन एस यादव।। {Bolo Ji Radh
Rohan Roy
बूंदों को तालाब बनते देखा है। तालाबों को दरिया बनते देखा है। दरिया को समंदर बनते देखा है। समुद्र में लहरे उठते देखा है। तुम बूंदों की औकात पूछते हो। ये बूंदे ही तो लहरों का जरिया है। मैंने इन लहरों में, जर्रे-जर्रे को मिलते देखा है। ©Rohan Roy बूंदों को तालाब बनते देखा है। तालाबों को दरिया बनते देखा है | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanro
Rohit singh
............. ©Rohit singh 'किसी सूखते हुए पेड़ की' आख़िरी....उम्मीद हैं ये बसंत...!! #रोhitsingh #shayari #thoughts #basant #mousam #deepthoughts #2liner