Nojoto: Largest Storytelling Platform

New दिवास्वप्न Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about दिवास्वप्न from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दिवास्वप्न.

    LatestPopularVideo

Sneh Lata Pandey 'sneh'

#sadak दिवास्वप्न से दिखते हो #कविता

read more

Prerana Jalgaonkar

मनाने आत्मदहन केलेल्या इच्छेचा टाहो फोडत दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो... वास्तविकतेचा स्पर्श दिवास्वप्नाला होताच त्याचा चक्काचूर होतो

read more
मनाने आत्मदहन केलेल्या 
इच्छेचा टाहो फोडत
दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो...
वास्तविकतेचा स्पर्श
दिवास्वप्नाला होताच 
त्याचा चक्काचूर होतो ... 
तो चुरा चिमटीत हाताळता
चिमटी नैराश्याने 
रक्तबंबाळ होऊन जाते...
मन मात्र भाबड्या
दिवास्वप्न पुनर्जन्माचं
बारसं करत असते...
--प्रेरणा
 
मनाने आत्मदहन केलेल्या 
इच्छेचा टाहो फोडत
दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो...
वास्तविकतेचा स्पर्श
दिवास्वप्नाला होताच 
त्याचा चक्काचूर होतो

Prerana Jalgaonkar

मनाने आत्मदहन केलेल्या इच्छेचा टाहो फोडत दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो... वास्तविकतेचा स्पर्श दिवास्वप्नाला होताच त्याचा चक्काचूर होतो

read more
मनाने आत्मदहन केलेल्या 
इच्छेचा टाहो फोडत
दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो...
वास्तविकतेचा स्पर्श
दिवास्वप्नाला होताच 
त्याचा चक्काचूर होतो ... 
तो चुरा चिमटीत हाताळता
चिमटी नैराश्याने 
रक्तबंबाळ होऊन जाते...
मन मात्र भाबड्या
दिवास्वप्न पुनर्जन्माचं
बारसं करत असते...
--प्रेरणा
 
मनाने आत्मदहन केलेल्या 
इच्छेचा टाहो फोडत
दिवास्वप्नामध्ये पुनर्जन्म होतो...
वास्तविकतेचा स्पर्श
दिवास्वप्नाला होताच 
त्याचा चक्काचूर होतो

Triveni Shukla

!! रातों के उजियारे !! पुलकित मन के स्पन्दन का नित निशा संग अनुनाद रहा, उगते सूरज की किरणों से एक बैर सा पाला है मैंने! दिन #Inspiration #philosophy #yqdidi #yqhindi #aestheticthoughts #RatonKeUjiyare

read more
पुलकित मन  के स्पन्दन  का 
नित निशा संग  अनुनाद रहा,
उगते  सूरज  की  किरणों  से
एक  बैर  सा  पाला  है  मैंने!

दिन  कोलाहल  से भरा हुआ
है  रात  पियारी   घोर  शान्त,
निर्बाध   विचरता   रहता   हूँ
लेता विराम  जब  हो विहान!

एकाग्रशील  है  मन मेरा अब
सहज  हो  रहा   चिन्तन  भी,
साकार  'कल्पना'  करने  को
तादात्म्य हो रहे तन-मन भी!

जग कहता जिनको निशाचरी 
वो   दिवास्वप्न   के   मारे    हैं,
रातें   उजली   दिन   कारे   हैं
ये   'रातों   के   उजियारे'   हैं! !! रातों के उजियारे !!

पुलकित मन  के स्पन्दन  का 
नित निशा संग  अनुनाद रहा,
उगते  सूरज  की  किरणों  से
एक  बैर  सा  पाला  है  मैंने!

दिन

Insprational Qoute

"मैं कविता हूँ" यह मूल कविता मेरी सहभागी Monika Agrawal जी द्वारा रचित हैं। जिसका मेरे द्वारा कविता पुनःनिर्मित की गई हैं। क़लम उठाकर प्रय #yqrestzone #rzमहफ़िल #Magnetic_monisha #rzमहफ़िल2

read more
जैसे घट-घट में वास हो भगवान का कविता उसका प्रमाण हैं,
भावों भरी अभिव्यक्ति उसकी,शब्द इसके सम धनुष बाण हैं,

जीव निर्जीव में जान भर दे अल्हड़ को भी दे नई पहचान हैं,
जो खो गया दुनिया के मेले में कविता दिलाती उसका मान हैं,

मैं नदी की धार सम,कविता समुद्र की गहराइयों के समान है,
मैं नाचीज़ सी इंसाँ हूँ,कविता में ही समाया समस्त ब्रह्याण्ड है,

क्या कविता शब्दों का सार हैं?नही यह अभिव्यक्ति का आधार है,
कण-कण में विराजमान को प्रस्तुत कर,जी हाँ! कविता ही संसार है,

अद्वितीय,अलौकिक,अद्भुत दिव्यता में समाई एक अमूल्य पारस है,
उघाड़ के रख दे सफेदपोशों को मिनटों में इसमें वो बात भी खास है,

भूत, भविष्य, वर्तमान का सार बताये,युगों युगों की कहानी सुनाये,
कभी प्रेमवारिधि की बारिश कर दे,तो कभी कभी संस्कृति भी बताये,

जिसे खरीद लो मुँह बोले दाम मे ये न कोई बाजारू बिकाऊ चीज़ है,
वस्त्रधारी की निर्वस्त्र कर दे,भरे बाजार में दिखाती तुम्हारी तमीज़ है। "मैं कविता हूँ" यह मूल कविता मेरी सहभागी Monika Agrawal जी द्वारा रचित हैं। जिसका मेरे द्वारा कविता पुनःनिर्मित  की गई हैं।

क़लम उठाकर प्रय

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #चींखती_पाज़ेब ​चैत चढ़े ​उसकी ​देह के, ​समुंदर से निकली, वो ​आह की लहर, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

read more
​चैत चढ़े
​उसकी ​देह के,
​समुंदर से निकली,
वो ​आह की लहर,
​लबों के किनारों पर,
​जमकर ​खामोशियों का नमक,
​बन गयी,
​​डूबती उम्मीदें उसकी,
​निरंतर प्रयासरत रहीं,
​तैरने को,
​हृदय के आवृत्ति की तरंग,
​शरद पूर्णिमा का चाँद बन,
​पुनः लातें रहे,
​उसके मन की,
​व्याकुलता के सागर मे,
इक ​वृहद अतृप्ता का ज्वार, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#चींखती_पाज़ेब

​चैत चढ़े
​उसकी ​देह के,
​समुंदर से निकली,
वो ​आह की लहर,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #रेहन_ईप्सा जीवन का अभिज्ञ लिए, ​अनभिज्ञ रही मै, ​स्मृतियों की स्थिरता, ​तय करती रही, #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes

read more
जीवन का अभिज्ञ लिए,
​अनभिज्ञ रही मै,
​स्मृतियों की स्थिरता,
​तय करती रही,
काल के प्रहार से विघटित,
​विस्मृत उम्र मेरी,

​रूढ़ियों के पौरुष से चिरप्रसूतिका मै,
​कभी कोई,
​अभिलाषा नही करूँगी गर्भित,
ना जन्मूंगी श्वाँस मात्र लिप्सा अपनी,
​पालने की रिक्तता,
​पुकारेगी मेरी ममता, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे 

#रेहन_ईप्सा

जीवन का अभिज्ञ लिए,
​अनभिज्ञ रही मै,
​स्मृतियों की स्थिरता,
​तय करती रही,

AK__Alfaaz..

#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे_है.. स्त्रियाँ अक्सर शून्य रहती हैं... जो सामाजिक रूढियों और पुरूषवादी समाज में..आगे और न्यून हो जाती हैं..कर्तव्य #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #bestyqhindiquotes #सफर_शून्य_से_न्यून_तक

read more
ममता सहसा ही,
​स्तब्ध हो कर उठी..
अपने दिवास्वप्न से,
और जा बैठी आईने के सामने,
अरसे बाद खुद से ही मिलने,
नैनों के किवाड़ खोले,
​​खुले बालों में..कल्पना का जूड़ा बाँधा,
​वो एहसासों की लाल बिंदिया,
जो गिर गयी थी..​करवटें बदलते..
​तकिए के गिलाफ़ पर चिपकी मिली,
​उसने उसे चुटकी से उठाया,
​और माथे पर फिर,
करीने से सजाकर श्रृंगार किया,
​जैसे वो उसके सर का ताज बन गया,
लाज के ​​दुपट्टे को कांधे पर रखा,
​और निहारने लगी,
​दुपट्टे का कोना..
​जो शायद भीग गया था नींद में बही,
​भावनाओं की नदियों से, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे_है..

स्त्रियाँ अक्सर शून्य रहती हैं... जो सामाजिक रूढियों और पुरूषवादी समाज में..आगे और न्यून हो जाती हैं..कर्तव्य

vasundhara pandey

कहानी- मैं वैलेंटाइन नहीं मनाती। एक गहरे सन्नाटे में खोयी हुई, वो अतीत की यादें उसे खींचे ले रही थी। अतीत कहने को तो अतीत होता है पर एक अजी #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqstory #yqbesthindiquotes #yqwriting

read more
कहानी
मैं वैलेन्टाइन नहीं मनाती
भाग १ कहानी- मैं वैलेंटाइन नहीं मनाती।

एक गहरे सन्नाटे में खोयी हुई, वो अतीत की यादें उसे खींचे ले रही थी।
अतीत कहने को तो अतीत होता है पर एक अजी

i am Voiceofdehati

बहुत से लोग जीवन में इसलिए असफल रह जाते हैं क्योंकि वे वर्तमान को भविष्य में ले जाकर “भूत” बनाकर दिवास्वप्न की तरह सोचते हैं.... #lifequotes #yqdidi #मेरेविचार #मेरीक़लमसे #voiceofdehati #समयकेसाथ #यूपीएससी_मोटीवेशन

read more
बहुत से लोग जीवन में 
इसलिए असफल रह जाते हैं
क्योंकि
 वे वर्तमान को भविष्य में ले जाकर 
“भूत” बनाकर दिवास्वप्न की तरह सोचते हैं.... बहुत से लोग जीवन में 
इसलिए असफल रह जाते हैं

क्योंकि

 वे वर्तमान को भविष्य में ले जाकर 
“भूत” बनाकर दिवास्वप्न की तरह सोचते हैं....
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile