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भारद्वाज
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ? क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ? सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्मकथा? अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा। ●●● जयशंकर प्रसाद | #पुण्यतिथि पर सादर नमन #जयशंकर प्रसाद
#जयशंकर प्रसाद #पुण्यतिथि
read moreशंभू दयाल अहिरवार
नमस्कार जी यह पंक्तियां जयशंकर प्रसाद जी की हैं जो इस प्रकार हैं बीती विभावरी जाग री अंबर पनघट में डुबो रही तारा घट उषा नागरी बीती विभावरी जाग री खग कुल कुल कुल सा बोल रहा, किसलय का अंचल डोल रहा लो यह लतिका अभी भर लाई नवल मुकुल रस गागरी बीती विभावरी जाग री कवि जयशंकर प्रसाद
कवि जयशंकर प्रसाद
read moreVR UpadhYaY
रजनी की रोई आंखे आलोक बिंदु टपकाती तम की काली छल नाए उनको चुप चुप पी जाती । - लेखक साहब जयशंकर प्रसाद जी
जयशंकर प्रसाद जी #विचार
read moreयतींद्र यति
आंसू- इस करुणा कलित हृदय में अब विकल रागिनी बजती क्यों हाहाकार स्वरों में वेदना असीम गरजती? मानस सागर के तट पर क्यों लोल लहर की घातें कल कल ध्वनि से हैं कहती कुछ विस्मृत बीती बातें महाकवि जयशंकर प्रसाद को उनकी जयंती पर शत शत नमन ©यतींद्र यति #जयशंकर प्रसाद #जयंती
Rajesh Singh
जगत है पाने को बेताब नारि के मन की गहरी थाह , किमये थी चिंतित और बेचैन मुझे भी कुछ दिन ऐसी चाह ,मगर उसके भी तन का भेद सका है अब तक कोई जान , मगर उसके भी मन का भेद सका है कोई अब तक जान ।। ©Rajesh Singh जयशंकर प्रसाद #TomAndJerryMovie
जयशंकर प्रसाद #TomAndJerryMovie
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