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Harsh Khanna
ऐ नींद कभी ऐसी राह पर ले चल, जहाँ अल्फाज़ो की निन्दा से अलग मैं और माँ का आँचल हो। #yqbaba#yqdidi#नींद#निन्दा
Anjali Jain
किसी के निंदा करने पर शर्म से गड़ मत जाओ और प्रशंसा करने पर फूल कर उड़ मत जाओ क्यों कि जरूरी नहीं दोनों में सच्चाई हो!! © Anjali Jain निन्दा/प्रशंसा 06.05.22 #Books
NASAR
निन्दा "उपेक्षा से बेहतर है" उपेक्षा #yqdidi #yqbaba #निन्दा #उपेक्षा
Health Is Wealth DK
हम दूसरों के कार्यों की जो निन्दा करते है वह वास्तव में हमारी अपनी ही निन्दा है, ©Health Is Wealth DK हम दूसरों के कार्यों की निन्दा करते है,
हम दूसरों के कार्यों की निन्दा करते है, #विचार
read moreHealth Is Wealth DK
हम दूसरों के कार्यों की जो निन्दा करते है वह वास्तव में हमारी अपनी ही निन्दा है, ©Health Is Wealth DK हम दूसरों के कार्यों की जो निन्दा करते है,
हम दूसरों के कार्यों की जो निन्दा करते है, #विचार
read moreDeath_Lover
दोहा दोस पराए देखि करि,चला हसन्त हसन्त, अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत अर्थ इंसान की फितरत कुछ ऐसी है कि दूसरों के अंदर की बुराइयों को देखकर उनके दोषों पर हँसता है, व्यंग करता है लेकिन अपने दोषों पर कभी नजर नहीं जाती जिसका ना कोई आदि है न अंत। ॥मेरे राम॥ ©Himanshu Tomar #मेरे_राम #कबीर #खुद #स्वयं #निन्दा #अन्त #मन #मेरा_मन #दोहा #humantouch
Swatantra Kumar Singh
बदलती फ़िज़ा से हैराँ आसमाँ देखें हम पत्ते देखें कि रुख़-ए-हवा देखें चलो सेंकते हैं आग में तपिश अपनी फ़ुरसत किसे है सैलाब-ए-धुआँ देखें शहर में सबसे महँगा ख़ुदा बिके जहाँ आओ चल के हम भी वो दुकाँ देखें ख़्वाहिश-ए-ज़िन्दगी थी मुसाफ़िर रहें ता-उम्र भटकते अपने ही मकाँ देखें तज़ुर्बे पहचानते हैं हर क़तरा-ए-ग़र्द गहराई नापने को हम क्यूँ कुआँ देखें अलक़ाब-ए-गुमाँ का हिक़ारत तोहफ़ा 'क़ासिद' क्यूँ न हम ख़ुद में ही अपना ख़ुदा देखें ग़र्द - Dust - मिट्टी अलक़ाब - Title - उपाधि हिक़ारत - Humiliation - निन्दा #YQbaba #YQdidi #YQbhaijan #YQhindi #YQurdu #Yopowrimo #Gazal #YQt
ग़र्द - Dust - मिट्टी अलक़ाब - Title - उपाधि हिक़ारत - Humiliation - निन्दा #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #yqhindi #yqurdu #yopowrimo #gazal YQt #yqtales
read moreHasanand Chhatwani
*गुरसिख सेवा-सुमिरन-सत्संग से कमाई करता है और निन्दा नफरत में फँसकर उसे गँवा बैठता है। कमाता सैंकड़ों में है और गँवाता हजारों में है। जो गुरसिख निन्दा-नफरत से बचा रहेगा, दातार उस सेवक की झोंलियाँ सुखों से भरता रहेगा।* *-बाबा हरदेव सिँह जी महाराज* *धन निरंकार जी* 🙏🏻 *गुरसिख सेवा-सुमिरन-सत्संग से कमाई करता है और निन्दा नफरत में फँसकर उसे गँवा बैठता है। कमाता सैंकड़ों में है और गँवाता हजारों में है। जो गुर
*गुरसिख सेवा-सुमिरन-सत्संग से कमाई करता है और निन्दा नफरत में फँसकर उसे गँवा बैठता है। कमाता सैंकड़ों में है और गँवाता हजारों में है। जो गुर #MereKhayaal
read moreSwatantra Kumar Singh
मशहूर हो रहे हैं मेरे अल्फ़ाज़ों के अब किस्से मुमकिन है मेरा नाम भी कुछ ज़बानों पे मिले ऐतबार के निशाँ अब रंजिशों का धुआँ बन गए मुमकिन है अपना इश्क़ भी अब बहानों में मिले शातिरों को इस्तेमाल-ए-दिमाग़ का सलीका पता है मुमकिन है ज़खीरा-ए-दिल महज़ नादानों में मिलें ये मसला-ए-मज़हब न जाने क्या गुल खिलायेगा मुमकिन है ज़िक्र-ए-इंसानियत बस क़ुरानो में मिले ये वहशत ख़लिश तोहमतें रश्क और हिक़ारत मुमकिन है इज़्तिराब को सुकूँ शमशानों में मिले इंसानी दिलों में ख़ुदा भी दम तोड़ रहा है 'क़ासिद' मुमकिन है पत्थर की लाशें कल दुकानों में मिलें #YQbaba #YQdidi #YQbhaijan #Love #Life #Truth #Gazal #Possible ज़खीरा - treasure - खजान वहशत - Fear - डर ख़लिश - Anxiety - चिंता तोहमत - fals