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Dr.Minhaj Zafar

#ब्रेललिपी #ब्रेल लुई ब्रेल जयंती- 4 जनवरी ब्रेल दिवस

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वीरान थीं आंखें मगर दिल में थी रौशनी
लुई ने नाबीनोंं को बीनाई अता कर दी #ब्रेललिपी #ब्रेल
लुई ब्रेल जयंती- 4 जनवरी
ब्रेल दिवस

Pradeep Phandan

#BaadalBarse लुई ब्रेल आविष्कारक #Knowledge

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Nadbrahm

लुई ब्रेल एक महान व्यक्तित्व जिनकी साधना दुनियां के लाखों दृष्टि बाधित लोगों को एक दिशा देने में सहायक सिद्ध हुई। Fortunate to have young f #विचार #दृष्टिकोण #लुई_ब्रेल #नजरऔरनजरिया

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स्वार्थ में तो सभी अंधे थे  तेरी महफ़िल में 
जाने क्यों चर्चा सिर्फ हमारे आँख की थी

©BK Mishra लुई ब्रेल एक महान व्यक्तित्व जिनकी साधना दुनियां के लाखों दृष्टि बाधित लोगों को एक दिशा देने में सहायक सिद्ध हुई। 
Fortunate to have young f

Swechha S

तुम पढ़ना मुझे किसी ब्रेल लिपि की तरह 💌 #15Feb #tum #विचार

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तुम पढ़ना मुझे किसी ब्रेल लिपि की तरह,
देखना तुम्हारे स्पर्श से ही,
मैं किसी आसान भाषा सी नजर आऊंगी

©Swechha S तुम पढ़ना मुझे किसी ब्रेल लिपि की तरह 💌
#15Feb #Tum

Ramvinay Prajapati

लाल रंग का पानी कहानी : रामविनय प्रजापति एक मच्छर  था . नाम था उसका लुई . एक दिन लुई उड़ते हुए एक बगीचे में पहुंचा  . बगीचे में एक आदमी ब #Shayari #AkelaMann

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लाल रंग का पानी 
कहानी : रामविनय प्रजापति 

एक मच्छर  था . नाम था उसका लुई . एक दिन लुई उड़ते हुए एक बगीचे में पहुंचा  . बगीचे में एक आदमी बैठा ऊंघ रहा था . लुई उस आदमी के कान के करीब जाकर भनभनाते हुए बोला , " भाई साहब मुझे भूख लगी है जरा सा अपना खून चूसने देंगे  . " 
वह आदमी  कान के पास भनभनाते लुई  मच्छर को हाथ से उड़ाने  लगा .लेकिन  लुई भी कहां मानने वाला था वह उस आदमी के पैर पर  बैठ गया . यह देख उस आदमी ने जोर से चपत लगाई लेकिन लुई बड़ी चपलता से बच निकला . 
" क्यों मुझ  जैसे  दुबले पतले आदमी के पीछे पड़ा है , जा बगीचे के बगल में एक ब्लड बैंक है वहां जाकर जितना चाहे उतना   खून पी ले , जा भाग . " वह आदमी बडबडाया 
" ब्लड बैंक यह क्या  होता है ? " लुई ने एक पल रुककर सोचा , " चलो चलकर देख लेते हैं . " 
लुई ब्लड बैंक में गया . अंदर घुसते ही वह ठंड से कांपने लगा . " अरे बाप रे यहां तो बड़ी ठंड है . " उसके मुंह से निकला . 
अंदर का नजारा देखकर लुई की आंखें फटी रह गईं . 
अंदर खून से भरी बोतलें सजा कर रखी गईं   थीं . 
" अरे वाह यह तो खून की फैक्ट्री है , यहां  खून बनता है . अगर खून  बनाने का तरीका मुझे आ जाए तो इंसानो के पास जाकर उनका खून चूसने  की जरुरत ही नहीं पड़ेगी  , इंसान भी कितने जालिम होते हैं  थोड़े से खून के लिए जान तक ले लेते हैं . " लुई मच्छर बैठा सोच रहा था 
तभी एक कर्मचारी की नजर उसपर पड़ गई . वह उसे देखते ही चिल्लाया , " अरे यह मच्छर अंदर कहां से आ गया , जल्दी से मच्छर भगाने वाला स्प्रे लाओ . " 
इतना सुनते ही लुई सर पर पैर रखकर बाहर भागा . ब्लड बैंक के बाहर एक शरबत  की दूकान  थी . लुई आकर शरबत की दुकान पर बैठ गया और शरबत वाले को देखने लगा . 
शरबत वाले ने पानी की एक बोतल में कोई पुड़िया खोलकर डाली और बोतल हिलाने लगा . थोड़ी ही देर में बोतल का पूरा पानी  लाल हो गया . 
" अच्छा तो खून ऐसे बनता है और  यहीं से ब्लड बैंक के अंदर जाता है . " लुई  हैरानी से बोला , "  सारा कमाल उस पुड़िया में है , मुझे वह पुड़िया हासिल करनी होगी . लेकिन इतनी बड़ी पुड़िया मुझ अकेले से उठेगी नहीं , हां चलकर अपने दोस्तों को बुला लाता हूं . " 
लुई ने जाकर जब अपने दोस्तों को खून बनाने के तरीके के बारे में बताया तो वे सब बहुत खुश हुए  , और फौरन उसकी मदद को उड़ चले . 
लुई के एक दोस्त ने शरबत वाले का ध्यान भटकाने के लिए जोर से उसके पैर में काटा . शरबत वाला जब अपना पैर खुजलाने लगा तब लुई और उसके दोस्त एक पुड़िया लेकर उड़ गए . 
लुई ने लाई हुई पुड़िया को एक छोटे से पानी के गड्ढे में मिलाया , और जब  पानी लाल हो गया तब उसने सब से कहा , " अब हमें इंसानो के खून की कोई जरुरत नहीं , आओ चलो पार्टी करते है . " 
फिर तो सारे के सारे मच्छर गड्ढे पर टूट पड़े .   
" यार इसका स्वाद कुछ अजीब सा है . " लुई के एक  दोस्त ने कहा 
" इसे पीकर तो मेरी भूख भी नहीं मिटी . " दूसरे दोस्त ने कहा 
" मुझे तो उल्टी आ रही है " तीसरे ने कहा 
" हां दोस्तों, सच में मजा नहीं आया . " लुई बोला 
तभी उन लोगों ने  बुजुर्ग मच्छर चाईं को अपने पास आते देखा 
" चाईं  दादा जरा  चखकर बताइए यह किस तरह का खून है ? " लुई ने उससे कहा 
चाईं दादा ने चखा और मुस्कराते  हुए कहा , " अरे  यह कोई खून नहीं यह तो लाल रंग का पानी है  . " 
" मतलब हम खून बनाने में असफल रहे , ख़ून के लिए हमें इंसानों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा " लुई निराश होकर बोला 
" ख़ून तो अब तक इंसान भी नहीं बना पाए हैं हम मच्छर क्या ख़ाक बनाएंगे " चाई  दादा ने कहा " शाम हो रही है मैं तो चला ."
" कहां चले दादा ?" लुई ने पूछा
" उन्हीं  बस्तियों में जहां गंदगी होती है , घर का पानी खुला रहता है , और  जहां  जगह जगह गड्डों में पानी जमा रहता है इन्हीं बस्तियों में लापरवाही से घूमते  हुए बहुत से इंसान मिल  जाएंगे जिनका खून आसानी से चूसा जा सकता है ." चाई बोला ," तो कौन कौन मेरे साथ आ रहा है ?" 
" हम चलेंगे , हम चलेंगे " सब एक साथ बोल पड़े

©Ramvinay Prajapati लाल रंग का पानी 
कहानी : रामविनय प्रजापति 

एक मच्छर  था . नाम था उसका लुई . एक दिन लुई उड़ते हुए एक बगीचे में पहुंचा  . बगीचे में एक आदमी ब

cursedboon

प्रेमीसिंह पार्ट -1 बहुत समय पुरानी बात है शांतिपुरम नाम के एक जंगल में राजा शांतिसिंह नाम के शेर का शासन था, चूंकि वह बहुत ही शांत स्वभाव

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प्रेमीसिंह पार्ट -1 प्रेमीसिंह पार्ट -1

बहुत समय पुरानी बात है शांतिपुरम नाम के एक जंगल में राजा शांतिसिंह नाम के शेर का शासन था, चूंकि वह बहुत ही शांत स्वभाव

Dipak Jha

युद्ध सीमाएं नहीं जानता युद्ध कोई नियम नहीं जानता युद्ध आर्मी और सिविलियन नहीं जानता युद्ध जब घर आएगा अपने साथ सिर्फ तबाही, मातम लाएगा #Thoughts

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युद्ध सीमाएं नहीं जानता 
युद्ध कोई नियम नहीं जानता 
युद्ध आर्मी और सिविलियन नहीं जानता 
युद्ध जब घर आएगा 
अपने साथ सिर्फ तबाही, मातम लाएगा 
चाहे वह हिंदुस्तान हो या पाकिस्तान, रूस या युक्रैंन 

बात-बात पर एटम बम निकालनेवालों 
न्यूक्लियर वॉर का मतलब तुम्हें पता भी है ? 

युद्ध हजारों साल पुराना खेल है 
पहले राजा महाराजा लुई थे 
अब डेमोक्रेसी है 
लेकिन गेम वही है 
असली मकसद पैदा करना हिस्टीरिया है 
ताकि हुकूमत बनी रहे 
ताकि कोई सवाल ना पूछे 
कि भूख, अशिक्षा, बेरोजगारी क्यों है ! 

शतरंज के खेल में ना समझन पाने वालो
सरहद पर खड़ा अपना बच्चा सिर्फ एक प्यादा है!

©Dipak Jha युद्ध सीमाएं नहीं जानता 
युद्ध कोई नियम नहीं जानता 
युद्ध आर्मी और सिविलियन नहीं जानता 
युद्ध जब घर आएगा 
अपने साथ सिर्फ तबाही, मातम लाएगा

Poonam bagadia "punit"

"हाँ..सारी गलती मेरी ही है मैं लड़की जो हूँ पुरूष प्रधान संसार मे, पुरुषों को लाई जो हूँ खुद को हर पल उनकी नज़रो में बेलिबास देख खामोश जो हूँ #Poetry #Women #author #kavishala #Shayari #कविता #एहसास #nojotohindi #Though #कलम #kalakaksh #TST #एकसच #Emotionalhindiquotestatic #CTL #कलमसे

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हाँ... सारी गलती मेरी है  मैं लड़की जो हूँ "पुरूष प्रधान संसार मे, पुरुषों को लाई जो हूँ
खुद को हर पल उनकी नज़रो में बेलिबास देख खामोश जो हूँ
हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ
हर एक को रिश्ते से बांध कर चलती जो हूँ
रिश्तों का मान न समझ, हर पुरुष के लिए, महज़ एक खिलौना जो हूँ
हाँ .... गलती मेरी है मैं लड़की जो हूँ
चाहे 2 साल की बच्ची ही क्यो न हो उनके लिये केवल भोग की वस्तु जो हूँ
खुद को बचाने के लिए, नही किसी क़ाबिल जो हूँ
हर पल उठते सवाल मुझी पर, शायद मैं ही कमजोर जो हूँ
एक चाह, खुद की पहचान बनाने की, निकल चार दिवारी से आई जो हूँ
देख कर हर पुरुष की आंखों में, अपनी एक ही छवि घबराई तो हूँ
चाहते सभी पढ़ना मुझे, हाथो से छू कर क्यों...शायद इन अंधे पुरुषों के लिए शायद  कोई ब्रेल लिपि  जो हूँ....
©✍🏻Poonam Bagadia "Punit" "हाँ..सारी गलती मेरी ही है मैं लड़की जो हूँ
पुरूष प्रधान संसार मे, पुरुषों को लाई जो हूँ
खुद को हर पल उनकी नज़रो में बेलिबास देख खामोश जो हूँ

cursedboon

प्रेमीसिंह पार्ट - 4 कहते हैं कहानी के अंत तक सब अच्छा हो जाता है और अगर अच्छा ना हो तो...... तो फिर हम कर ही क्या सकते हैं??? वैसे हम सब क

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प्रेमीसिंह पार्ट - 4 प्रेमीसिंह पार्ट - 4

कहते हैं कहानी के अंत तक सब अच्छा हो जाता है और अगर अच्छा ना हो तो...... तो फिर हम कर ही क्या सकते हैं??? वैसे हम सब क

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प्रेमीसिंह पार्ट - 3 वक्त धीरे-धीरे बड़ी तेजी से बढ़ रहा था अब शांतिसिंह का पुत्र प्रेमी बड़ा हो चुका था, तब राजा ने प्रेमी की शादी कराने क

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