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Shivkumar
पेहली नजर में तुमसे हो गया है हमें प्यार टेडी बियर बनकर तुम मेरे जीवन में लाए हो बहार अब मत जाना छोड़कर हमको कहीं और तोड़ कर मेरे प्रेम की डोर ©Shivkumar #happyteddyday #teddyday #teddybear #Nojoto #पेहली #नजर में तुमसे हो गया है हमें #प्यार टेडी बियर बनकर तुम मेरे #जीवन में लाए हो बहार
Aacky Verma
Year end 2023 31 की साम और हाथ मे बियर आप सभी को हैप्पी न्यू ईयर Welcome 2024 Happy New Year ©Aacky Verma 31 की साम और हाथ मे बियर आप सभी को हैप्पी न्यू ईयर Welcome 2024 Happy New Year
Dr. Pradeep Kumar
Rehan Khan
😂😜😅😂😂😜कितनी अजीब दुनिया हैं, जहाँ औरतें ‘दूसरी औरतों की शिकायते करते नहीं थकती,जबकि पुरूष ‘दूसरी औरतों’ की तारीफ करते नहीँ थकते !!!पुरुष सच में महान हैं !!————हमने 5 औरतों को डव लगाया और 5 आदमियों को बियर पिलायी ..आदमियों के चेहरे पर ज्यादा रंगत थी|😂😜😅😂😂😜 ©Rehan Khan #Connections 😂😜😅😂😂😜कितनी अजीब दुनिया हैं, जहाँ औरतें ‘दूसरी औरतों की शिकायते करते नहीं थकती,जबकि पुरूष ‘दूसरी औरतों’ की तारीफ करते नहीँ थकते
Nisheeth pandey
रात निशीथ पहर के अंधियारा में आज डूबी है न चांद न सितारे भी नजाने कहाँ गुम है हवा का हुवा आज दिमाग खराब है काले बादल ने हुडदंग मचाया है तभी तेज बारिश ने दस्तख दी है कुझ ख्याल सौगात दी है तन्हाई में भटका मन करवट ली है ....……. तन्हा मन अब एक कप चाय बना ली एक सिगरेट जलाई ,एक कस ली लैपटॉप खोला , तुम्हारी तस्वीर की फ़ाइल खोल ली फिर तुम्हारी तस्वीर देखने लगा फिर देखने लगा देखता गया बस देखता गया बस देखता गया देखता गया तभी अचानक सिगरेट ने उंगलियां जला दी चाय ठंडी बियर बन गयी .... लेकिन तुम्हारी कोई आवाज नहीं आयी बस तुम खामोश तस्वीरों में मुंस्कुराती रही .... @निशीथ ©Nisheeth pandey #KhaamoshAwaaz रात निशीथ पहर के अंधियारा में आज डूबी है न चांद न सितारे भी नजाने कहाँ गुम है हवा का हुवा आज दिमाग खराब है काले बादल ने हु
Nisheeth pandey
#वो रात बेहया !!!! ----------- वो रात मानो ,बेहया हो गयी थी जब तुम बाल खोल कर घूर रहीं थी ... आधुनिकता में तुम्हारे शर्ट के खुले बटन नाभी के ऊपर से बाँधे शर्ट का कोर... मुझे रिझाती रहीं ... तुम्हारे होठों पर हँसी कातिल निगाहें ... वो रात बन गई थी शराब ... नहीं झेंप रहीं थी ...किसी भी बात पर अपनी अदां तुम ,मैं और वो रात कोई भी हो... मुहब्बत तन मन बेबाक सुनाती अपनी प्यास... दिल की चाहत प्यार बरसे मिटे प्यास.. इश्क़ के गीत...सरेराह गाती तुम बल्ब के घूरने पर... स्विच ऑन ऑफ करती तुम मानो 'आँख मारकर' लुभाती तुम... अपने पारदर्शी पोसाक में...इतना इतराती तुम . हाँ!बेहया सी दिख रहीं थी वो! आधुनिकता जो आज काम वासना ग्लाश में शराब शराब में घुलता बर्फ स्त्री पुरुष के हर गुण अपनाया...ये बेहयापन कैसे निभाया? दरवाज़ा बंद रहा...गैरों के लिए तो ,अपनों से भी... कभी अस्तिव बचाती थी ? धर्म पर अडिग थी हाँ! अब बेहया हो गयी थी आधुनिकता के तलब में वो! जो इरादों से अपनी आधुनिकता की पक्की थी सच में...वो रात ज़िद्दी थी... अब वो भीड़ में भी गम्भीर नही ...भीड़ से लड़ने की हुनर रखती अपनी हर मजबूरी से... हर-हाला लड़ी थी हर तूफ़ान जन्म देकर उड़ जाती जब उसके सर पे वोडका वाइन चढ़ता अपने ही ज़िस्म से चादर फाड़ देती ... ना सूरज की दरकार-ना चाँद का इंतज़ार चिटकती सड़कों पर नशे में झूमकर चलती है... हाँ! आधुनिकता में बेहया होती जा रहीं थी वो रात ! अपने हर ख्वाब को मुक़म्मल करने में हर पुरुष को ठोकर मार... खुद को बराबर जता रहीं ... स्त्रीत्व के चेहरे का नक़ाब नोंच कर पुरुष की तिलिस्म वो रच रहीं ... रात भर जागती-उघियाती , बियर के मगों से बतियाती है... कभी कुछ लिखती तो कभी संस्कार के कैनवास पर खुद को नंगी चित्रित करती है... हाँ! तुम बेहया हो गयी ! खुद को मॉडर्न बनाने में ढलती रात में , वाशना के चाशनी में मिठाई बनती रहीं... जिश्म का प्यार में रमी रहीं , रूह का गला घोंट दिया... आधुनिकता के बाज़ार में जिंदा रहेंगी मेरी साँसों के साथ वो रात और तुम , ये बात दोहराती रहेंगी ... आधुनिकता में परुष से बराबरी करना बराबरी में बेहया होने की जिद्द करना .... आधुनिकता की परिभाषा क्या था तुम्हारे लिये बस पुरुषों के दुर्गुणों का बराबरी करना .... हाँ वो रात बेहया हो गयी थी .... हाँ वो रात बेहया हो गयी थी .... #निशीथ ©Nisheeth pandey #WoRaat वो रात बेहया !!!! ----------- वो रात मानो बेहया हो गयी थी जब तुम बाल खोल कर घूर रहीं थी ... आधुनिकता में तुम्हारे शर्ट के खुले बटन
सुसि ग़ाफ़िल
है पूरी जिंदगी वैलेंटाइन उसके लिए एक ही दिन तुम वैलेंटाइन ना समझो बेवकूफियां चलती रही है जमाने की तुम फरवरी के एक सप्ताह को प्यार ना समझो... — % & जब भी होती है बात तुमसे इजहार ए दिन मेरा उसी को समझो दिन चुन चुन कर मुझसे इजहार नहीं होता है मोहब्बत तुमसे आज भी कल भी है पूरी जिंदगी व
Pawan Didwaniyaa
आबाद हूॅं थोड़ा बर्बाद होना चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं गुलाब लाया हूं इज़हार करना चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं बहुत फीका बताते हो, चाॅकलेट के तर्ज मीठा होना चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं टेडी बियर को भी तुमसा मखमल बनाना चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं अब करीब आए हो दुर ना जाना कभी, वादा चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं आकर तेरी बाहों में तुम्हें चुमना चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं इश्क के त्योहार में, थोड़ा प्यार चाहता हूं #valentinesweek #valentinespecial #yqbaba #yqdidi #didwaniyaa #viralquotes आबाद हूॅं थोड़ा बर्बाद होना चाहता हूं