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Indu Singh Kuswhaha
धोती वाले बापू की ये ऐसी एक लड़ाई थी, न गोले बरसाये उन्होंने न बन्दूक चलाई थी सत्य-अहिंसा के बल पर ही दुश्मन को धूल चटाई थी. हैप्पी गाँधी जय
read moreDevesh Dixit
मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां
#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां #Poetry #sandiprohila
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उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धोती कपड़े तो कभी बर्तन माँज रही थी, एक बड़े बच्चे और एक दुधमुँहे को भी संभाल रही थी, कोई उसका भी हाल पूँछे, कहाँ थी किसी को इतनी फुर्सत, निःस्वार्थ भाव से ख़ुद को उजाड़ रही थी, वो माँ थी दोस्त, ख़ुद को घिस-घिस कर हमको सँवार रही थी। ©HINDI SAHITYA SAGAR #MothersDay उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धोती कपड़े तो कभी बर्तन माँज रही थी, एक बड़े बच्चे और एक दुधमुँहे को भी संभाल रही थी
#MothersDay उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धोती कपड़े तो कभी बर्तन माँज रही थी, एक बड़े बच्चे और एक दुधमुँहे को भी संभाल रही थी #Hindi #motherlove #कविता #hindi_quotes #hindi_poetry #hindi_shayari #MothersDay2023
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बचपन और माँ उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धोती कपड़े तो कभी बर्तन माँज रही थी, एक बड़े बच्चे और एक दुधमुँहे को भी संभाल रही थी, कोई उसका भी हाल पूँछे, कहाँ थी किसी को इतनी फुर्सत, निःस्वार्थ भाव से ख़ुद को उजाड़ रही थी, वो माँ थी दोस्त, ख़ुद को घिस-घिस कर हमको सँवार रही थी। ©HINDI SAHITYA SAGAR #maa #bachpan #poem #Hindi #hindi_poetry #hindisahityasagar #motherlove #Maa❤ #maa_ka_pyar उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धो
#maa #bachpan #poem #Hindi #hindi_poetry #hindisahityasagar #motherlove #maa❤ #maa_ka_pyar उसे तेज़ बुख़ार था फिर भी घर बुहार रही थी, कभी धो #कविता #Maa❤
read moreVijay Kumar
Dipti Joshi