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Amol Ghatvisave

घर कौलारू, मराठी गझल

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विष्णु कार्ले

घर कविता

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vikram

Preeti Naveen Makwana

मत ढूंढ ठिकाना,इस अँधेरे में,
ये कुछ पेड़ों का साया भर है।
झांककर उस और देख तो सही,
शायद वहीं कहीं तेरा मेरा घर है। #बात#विचार#कविता#घर

Rahul Shrivastava

r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

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NC

घर का रास्ता   कुछ के लिए सुकून भरा
कुछ के लिए तकलीफदेह
रोता कभी गाता कभी हंसता
ये टेढ़ा मेढ़ा घर का रास्ता

कुछ के लिए स्नेह लिए
कुछ के लिए द्वेष लिए
मुंह बनाता चिढ़ाता
ये मुस्कुराता घर का रास्ता

कभी फूलों से सजा
तो कभी कीचड़ से सना 
ये जीवन जैसा जीवंत
बेपरवाह ये घर का रास्ता .. #nojotohindi#घर#रास्ता#कविता#poetry

Navu Rawat

घर ऐ जा।गढ़वाली कविता। #BemisaalKahaniya

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NoFamePoetry

कविता का शीर्षक 'घर'
मैं घर हु,
किसी के लिए हकीकत तो अभी भी किसी का सपना हु मै,
हर छोटी-बड़ी खुशियों में शामिल सभी की जरूरत हु मै,
डरते मुझसे बहुत है लोग अक्सर 'घर की इज्ज़त' की दुहाई देते तो सुना ही होगा,
लेकिन-2 तुम्हारे भरोसे के लिए मैं दुःखो को तुम्हारे चार दीवारी में हु समेटे,
मैं घर हु।

मैं घर हु,
कही आकार में छोटा लेकिन विचारों से बड़ा हु,
ईंट, सीमेंट, लोहा तो है ही पर बल पे तो मैं तुम्हारे ही खड़ा हु,
अकसर तुम्हारे मेहनती लेप से मैं आकार ले एक ढांचा बन जाता हु,
कामयाबी का तुम्हारी मै डंका जोर शोर से बजाता हु,
मैं घर हु।

मैं घर हु,
जमाने जमाने तक मैं उन लोगों का अपना बहुत खास हो जाता हु,
लोग हमेशा पुजते है मुझे किसी का भगवान, तो किसी के त्योहार की वजह बन जाता हु,
मैं घर हु,
मैं उम्मीद कहलाता हु।

©Vaibhav Shrivastav Shubh) #nojohindi #poem #कविता #Nojoto 

#Home #घर

DHEEर की ✍️से....

कविता- गांव का सबसे पुराना घर

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गांव का सबसे पुराना घर
न कोई इंसान रहता है न जाता है
हां पास है तो नजर आ जाता है
गांव का सबसे पुराना घर...

टूटा ,बिखरा, मरा हुआ
इधर-उधर से सड़ा हुआ
हां जिंदा है अभी भी
मगर तूफानों से डरा हुआ
गांव का सबसे पुराना घर...

एक का नहीं, दो का नहीं
काफी सांसो का घर
पंछी का परिवार, मकड़ों का महल
रंग बिरंगी तितलियों का शहर
लाल-काली चीटियों का डगर
टूट न जाए सपनों का घर
छूट न जाए अपनों का घर
आ ना जाए तीव्र-तेज तूफा की लहर
गिर ना जाए,मर ना जाए
गांव का सबसे पुराना घर...

प्रकृति का ही दोष नहीं
भय अपनों का भी बना हुआ है
घर, दादा के तीन बेटों में बटा हुआ है
तोड़कर सबके घर को, एक घर बनाने में लगे पड़े हैं
ईट, पत्थर ,बजरी के ढेर रखे पड़े हैं
क्यों पीना है तुम्हें पाप का जहर
सोचता रहता है 'धीर' हर दोपहर
तोड़ना क्यों चाहते हो आखिर
गांव का सबसे पुराना घर.....
गांव का सबसे पुराना घर.....

©DHEEर की ✍️से.... कविता- गांव का सबसे पुराना घर
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