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malay_28
White फँसी मझधार में है ज़िन्दगी छूटा किनारा चले जो साथ साहिल तक लहर वो ढूँढता हूँ चले कुछ इश्क की बातें ज़रा सा दर्द भी हो ग़ज़ल मैं कह सकूँ अपनी बहर वो ढूँढता हूँ. ©malay_28 #वो ढूँढता हूँ
Arora PR
White सुन रहा हूँ मै ऐसा गीत जिसकी धुन अभी साज़ में कैद हैं औरवो गीत कभीसाज़ से बाहर निकला नही आ रही हैं मुझेखुशबू ऐसे फुल की . जो आज तक कभी खिला नही. खिलने की बात तो बेमानी हैं आज तक उस फुल का बीज कभी फूटा नही ©Arora PR सुन रहा हूँ
koko_ki_shayri
Black नया आगाज़ हूँ, नयी पहचान हूँ! ख़ुद को ढूँढे, ख़ुद में तूफ़ान हूँ!! ©koko_ki_shayri #nya आगाज़ हूँ
Sethi Ji
Meri Mati Mera Desh 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 💗 माँ की खुशबू , माँ की आरज़ू 💗 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 मेरी मिट्टी की खुशबू मुझे बुला रही हैं मुझ में कुर्बानी का जज़्बा जग रही हैं नींद नहीं आती मुझे अक्सर रातों में मेरी माँ की गरीबी मुझे सता रही हैं मैं भी कुछ करना चाहता हूँ अपनी माँ के आँचल में सोना चाहता हूँ ऐ मेरे माँ आज गले से लगा मुझे तेरी ममता के आंसू मुझे अंदर से जला रही हैं एक दिन कुछ ऐसा कर जाऊंगा जिससे गर्व होगा आपको मुझपर हर बच्चा जीना सिखता अपनी माँ से मेरी माँ मुझे बिल्कुल अपने जैसा बना रही हैं ♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️ 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🩷💫 किस्मत की अमीरी 💫🩷 🩷💫 किस्मत की फ़कीरी 💫🩷 किस्मत का लकीरों से क्या लेना देना दोस्तों नसीब तो उनके भी होते हैं , जिनके हाथ नहीं होते हैं
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- अब उसे आफताब कैसे दें । प्यार का हम हिसाब कैसे दें ।। जिनको इतना पसंद करता हूँ । उनको बासी गुलाब कैसे दें ।। हुस्न की आज मल्लिका वह है । सोचता हूँ ख़िताब कैसे दें ।। चंद कतरे मिलें हमें खत में । तू बता दे जवाब कैसे दें ।। गीत जिनके लिए लिखे हम थे । हम उन्हें वो किताब कैसे दें ।। प्यार उम्र भर जवान रहता है । तू बता फिर ख़िज़ाब कैसे दें ।। हसरतें दीद की लिए दिल में । अब प्रखर ये नक़ाब कैसे दें ।। १३/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- अब उसे आफताब कैसे दें । प्यार का हम हिसाब कैसे दें ।। जिनको इतना पसंद करता हूँ । उनको बासी गुलाब कैसे दें ।। हुस्न की आज मल्लिका वह
paras Dlonelystar
बहुत देर तक बैठकर मैं सोचता रहा काश ये,काश वो के कशमकश मे था हुई सुबह की जगाने लगी, अंगड़ाइयां था ख़्वाब की हक़ीक़त से, पर्दा था गिरा खैर,ज़िन्दगी मिली तो थी हर एक मोड़ पे मैं ज़िन्दगी की तलाश मे यूँ ही भागता रहा जैसे,मंज़िलों से परे भी कोई सफर बचा हुआ जैसे,गम कोई दिल के आशियाने में सज़ा रखा और,दिल रो रहा की दर्द मिटे,सुकून मिले कहीं जब ले, आखरी साँस हम,ना रहे सिलसिले यही ©paras Dlonelystar सोचता रहा #parasd #Poetry #सांस #कशमकश #सफर #ज़िन्दगी
Pragya Pandey
जहाँ से देखती हूँ खुद को अकेली ही पाती हूँ। तुम्हें मुबारक हो अपनी सारी खुशियाँ। सुनो ख़्याल रखना अपना ,अब मैं बहुत दूर जाती हूँ।। ©Pragya Pandey #achievementदूर जाती हूँ
Razzj D
कुछ खोया सा रहता हूँ , ना जाने कहाँ रहता हूँ, मंजिल की आस में चलता हूँ, अब मैं राहो में अकेला बढ़ता चलता हूँ... ©Razzj D #Preying चलता हूँ...
Dil galti kr baitha h
जो कहते थे हमसे हैं तेरे सनम, वो दगा दे गए देखते देखते। देते मोहब्बत का इनाम क्या, वो सजा दे गए देखते देखते। सोचता हूँ कि वो कितने मासूम थे, जो बेवफा हो गए देखते देखते।, ©Dil galti kr baitha h जो कहते थे हमसे हैं तेरे सनम, वो दगा दे गए देखते देखते। देते मोहब्बत का इनाम क्या, वो सजा दे गए देखते देखते। सोचता हूँ कि वो कितने म
alfaaz_or_ishq