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malay_28
किसे अपना कहूँ है कौन बेगाना शमा पर जो जला था कौन परवाना यही मिट्टी यही आसमाँ यही घर है यहीं पर आख़िरी साँस बाशिंदा है. ©malay_28 #बाशिंदा
Neophyte
उन्हें भी पता है कितना ज़िंदा हु मैं पिज़रे में कैद एक परिंदा हु मैं आँधियों को जिसकी खुशी नागवार गुजरी एक ऐसी बस्ती का बाशिंदा हु मैं जिसके पेट नही भरे वो इबादत क्या करे खुद में ही खुद का ख़ुदा हु मैं काश हमारी भी बातें हो कभी साहिबो में किसको बताऊँ कि कितना ज़दा हु मैं मैंने भी समझा था खुद को सबका हिस्सा समय बदला तो लगा कितना ज़ुदा हु मैं किसी की नज़र मुझ सताये पर क्यों नही पड़ती लगता है किसी पुराने समाज़ का क़ायदा हु मैं खुदा करे ये ज़ख्म मुझ तक ही रहे ऐसा न हो कि अभी इब्तिदा हु मैं -(क्षत्रियंकेश) बाशिंदा !
Ravi Aftab
मैं ठहरा या उड़ता भटकता परिंदा रहूँ! मग़र कोशिश यही है कि बस ज़िंदा रहूँ! वक़्त के साथ तुम मुझे भुला दोगे साथियों मग़र; मेरी तो चाहत है, मैं सबके दिल का बाशिंदा रहूँ! #दोस्त #बाशिंदा #परिंदा
paras Dlonelystar
उड़ रहा हूँ मगर परिंदा नहीं हाँ ज़िंदा हूँ कहीं,पर कहीं ज़िंदा नहीं ये हालात यूँ गुज़रती है रोज़ दिल पे धड़कन हूँ मगर, दिल का बाशिंदा नहीं ©paras Dlonelystar #parasd #midnightthoughts #lovepoetry #बाशिंदा #परिंदा #दिल
VATSA
कुछ हो कर उदास कुछ हो कर शर्मिंदा चला मसान फिर से बस्ती का बाशिंदा जिस्म पिघला दिया जलाकर आग ने रूह बस ताकती रही हर मौत को ज़िंदा चला मसान फिर से बस्ती का बाशिंदा #बाशिंदा #वत्स #vatsa#dsvatsa #illiteratepoet #hindishayari #vatsapoet
Chavi Saxena
कैसे पूजते हो किसी देव को उस देवालय में ऐ दरिंदों? जिसके आंगन तले ज़ार ज़ार की तुमने उस मासूम की अस्मत! सलाखों के पीछे पहुँचो न पहुँचो अंधेर नगरी के बाशिंदों, दोज़ख़ में भी दाखिला न मिलेगा जब होगे जहाँ से रुख़सत! #अस्मत #yqquotes #yqbaba #yqthoughts #yqhindi #yqdidi #रुखसत #बाशिंदा
Lokesh Mishra
उम्मीदों से जिंदा हूं, उम्मीदों का ही बाशिंदा हूं, उम्मीदों से सजी मंजिल मेरी, और उम्मीदों में ही छिपी मेरी जिंदगानी है, उम्मीदों से जिंदा हूं, उम्मीदों का ही बाशिंदा हूं,☕✍️✍️
S. Bhaskar
शांत शहर का बाशिंदा मैं शांत शहर का बाशिंदा हूं, शमशानों में रहता हूं, कोई क्या मिटाएगा हस्ती मेरी, मैं गुमनामों में रहता हूं, जलती चिता पे सब रोटी सकेंगे, प्रतिदिन परखता हूं, मुझे खोज के क्या पाओगे, मैं हर रोज सवरता हूं, मैं शांत शहर का बाशिंदा हूं, शमशानों में रहता हूं। कुछ को कफन सोने की, कुछ नंगे सर आते है, राजा हो या रंक सभी, जीवन तर के आते है, मृत अस्मत लूट जाती है, इसपे विचार करता हूं, मैं शांत शहर का बाशिंदा हूं, शमशानों में रहता हूं। ना तेज ललाट ना पैरों में पाखुर की छाप, ना स्वर्ण मुकुट ना तन पर वस्त्रों का ढाप, दफन कब्रों में घूटीं सांसों की परवाज करता हूं, मैं शांत शहर का बाशिंदा हूं, शमशानों में रहता हूं। मिलन विलय सब मिट्टी में है, माटी की पूजा करता हूं, वक्त ध्वस्त हो क्षण में, काल की कपाट पे रहता हूं, क्या संवारोगे लम्हों को, बस घात को शिकार करता हूं, मैं शांत शहर का बाशिंदा हूं, शमशानों में रहता हूं। शांत शहर का बाशिंदा #yqbaba #yqdidi #yqaestheticthoughts #yqrestzone #yqshantisagar #yqkanmani #yqbhaskar #yqhindi
Abhishek Trehan
दुनिया ने बाँधा है मौजों में जिंदा हूं जिसकी तुम मेहर हो उसका मैं बंदा हूं... © abhishek trehan #बेधड़क#बेपरवाह#परिंदा #मनमौजी#बाशिंदा #yquotes #yqdidi✍️✍️ #YourQuoteAndMine Collaborating with Roopali Trehan