Nojoto: Largest Storytelling Platform

New खरीद फरोख्त Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about खरीद फरोख्त from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, खरीद फरोख्त.

    PopularLatestVideo

S Ram Verma (इश्क)

रूह की खरीद-फ़रोख़्त ,
बंद है अब ;
तभी तो ये जिस्म ;
बेज़ान है अब ! #रूह #की #खरीद #फरोख्त

Anuj Jain

बनने चले थे युगपुरुष दिखा रहे थे सबको ठेंगा बता कर विराट को गौण खुद को दिखा रहे थे महान कागज़ के फूल थे खुशबू नही होती उनमे #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #होश

read more
बनने चले थे युगपुरुष
दिखा रहे थे सबको ठेंगा
बता कर विराट को गौण
खुद को दिखा रहे थे महान
कागज़ के फूल थे
खुशबू नही होती उनमे
काबलियत धेले की नही है
बिकना चाहते थे रुपये के मोल
होश ठिकाने लग गए न
पता चला कैसे संभलती है
सत्ता का बागडोर
नही चलती खरीद फरोख्त यहाँ
ये है उखड़ती साँसों की डोर
शर्म है कुछ अगर 
डूब मरो चुल्लू भर पानी में 
कैसे जियोगे लेकर
लोगों की बद्दुआएं पुरज़ोर 

बनने चले थे युगपुरुष
दिखा रहे थे सबको ठेंगा
बता कर विराट को गौण
खुद को दिखा रहे थे महान
कागज़ के फूल थे
खुशबू नही होती उनमे

Shree

चले थे कारवां लिए, रास्ता नापा अकेले हमने रुक रुक विरह मेरे राम वनवास तोड़ आए ना हलाहल वो ज़माने का मन मसोस कर पीते रहे जिंदगी की खरीद फरोख् #lovequotes #YourQuoteAndMine #deeplove #deep_thoughts #yqdeep #a_journey_of_thoughts #Collabwithdeepthoughts

read more
चले थे कारवां लिए, रास्ता नापा अकेले हमने
रुक रुक विरह मेरे राम वनवास तोड़ आए ना
हलाहल वो ज़माने का मन मसोस कर पीते रहे
जिंदगी की खरीद फरोख्त हम बस लूटाते रहे
दिन-रैन पहर का भेद भूल हां खुद को भी भूले
ले जाओ कसक इस भीड़ की पीड़ से बचाओ
वक्त रहते मौसमों के फेरबदल आदि बने जा रहे
चेहरे पर चेहरा आंसू हंसी अब सूखते जा रहे हैं
अकाल विरक्त सी दुल्हन सा कोमल ह्रदय संभालें
चले कहां थे, जाने कहां हम चल कर आ गये हैं! चले थे कारवां लिए, रास्ता नापा अकेले हमने
रुक रुक विरह मेरे राम वनवास तोड़ आए ना
हलाहल वो ज़माने का मन मसोस कर पीते रहे
जिंदगी की खरीद फरोख्

PRIYA SINHA

#मुहब्बत का बाजार 💝"मुहब्बत का बाजार"💝 मुहब्बत के बाजार में हर कोई, अपना दिल बिछाएं बैठे हैं;

read more
mute video

Kunwar arun ¥

मन हो तो पड़ लो 🙃🙃🙃 मैं एक गाँव था जो बर्षों पहले था हरा भरा जिसमें बादल थे परियाँ थी किस्से थे कहानियां थी कच्चे मकान थे मैदान थे मुझ मे ख #Quote #Stories #wordporn #quoteoftheday #yourquote #qotd #Gudipadwa

read more
मैं पहले एक गाँव था.....
✍कुँवर अरुण
👇👇👇👇👇👇👇👇👇

©Kunwar arun ¥ मन हो तो पड़ लो 🙃🙃🙃
मैं एक गाँव था 
जो बर्षों पहले
था हरा भरा जिसमें बादल थे
परियाँ थी किस्से थे कहानियां थी
कच्चे मकान थे मैदान थे
मुझ मे ख

Divyanshu Pathak

:💕🙅 हमारी गिनती औरतों में करें..... देह का व्यापार हो गलियों की मद्धिम बत्ती में हो रही हो खरीद फरोख्त घर का बिस्तर हो रसोई के धुवें में ज #shweta #seema #deepali #komal #शैलजा #Mridula

read more
स्त्री की पीड़ा...........
:
#शैलजा पाठक
आपको जब भी पढ़ता हूँ !
स्तब्ध रह जाता हूँ !
संघर्ष कर रही मेरी मातृ शक्ति को प्रणाम !
:
यह पोस्ट डालने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि ये भी एक चिंतनीय विषय है ।
 :💕🙅
हमारी गिनती औरतों में करें.....

देह का व्यापार हो
गलियों की मद्धिम बत्ती में हो रही हो खरीद फरोख्त
घर का बिस्तर हो 
रसोई के धुवें में ज

Swatantra Yadav

कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे.... उन कीड़े मकोड़ों को खान

read more
नियंत्रण रेखा पार कर गया है तुझे तेरा यूं महंगें रिसार्ट शिफ्ट करना 
क्यों ना अब द्विपक्षीय वार्ता कर ,गोलमेज सम्मेलन करा लें 
बस एक तुम समर्थन कर दो मेरे दावेदारी का
आओ ख़रीद फरोख्त कर मिलीजुली सरकार बना लें। 
कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से  बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे....
उन कीड़े मकोड़ों को खान

स्वतन्त्र यादव

कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे.... उन कीड़े मकोड़ों को खान

read more
नियंत्रण रेखा पार कर गया है तुझे तेरा यूं महंगें रिसार्ट शिफ्ट करना 
क्यों ना अब द्विपक्षीय वार्ता कर ,गोलमेज सम्मेलन करा लें 
बस एक तुम समर्थन कर दो मेरे दावेदारी का
आओ ख़रीद फरोख्त कर मिलीजुली सरकार बना लें। 
कोई किसान अपने खेत में हल चला रहा था। बरसात के बाद का मौसम था ,हल के पीछे जमीन से  बहुत से कीड़े मकोड़े निकल रहे थे....
उन कीड़े मकोड़ों को खान

Kaushambhi Dixit

माँ, बहन, बेटी, सखी, प्रेयसी, पत्नी और न जाने कितने रूप हैं स्त्री के । प्रत्येक रूप में वह सृष्टि की और समाज की पूरक है ,कहने भर मात्र ही स #yqdidi #वैश्या #prostitute🖤

read more
"वो लाज़ ओढ़े बैठी रही अपने 
'घराने' ,
मुरेड़ पर
कि ज़मीर बिक गया 
उन इज़्ज़तदारों का ,
उसके 'कोठे' की चौखट पर"

•(caption)• माँ, बहन, बेटी, सखी, प्रेयसी, पत्नी और न जाने कितने रूप हैं स्त्री के । प्रत्येक रूप में वह सृष्टि की और समाज की पूरक है ,कहने भर मात्र ही स

Praveen Thakre

mute video
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile