Nojoto: Largest Storytelling Platform

New ग्राहकों Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about ग्राहकों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ग्राहकों.

    LatestPopularVideo

Bazirao Ashish

https://youtu.be/eflYueSv7Kw 😃😀 उत्तर प्रदेश में मुसलमान डरे हुये हैं और बरेली में पलायन होने को हिन्दू मज़बूर है। 😃😀 "जागो ग्राहक जागो" #विचार

read more
https://youtu.be/eflYueSv7Kw 

😃😀
उत्तर प्रदेश में मुसलमान डरे हुये हैं और बरेली में पलायन होने को हिन्दू मज़बूर है।
😃😀 
"जागो ग्राहक जागो"
 का विज्ञापन ग्राहकों की भलाई के लिए होता है।
"मगर जागो हिन्दू जागो"
बोल दूँ तो 
मैं साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ देता हूँ। 
😀😃

©Bazirao Ashish https://youtu.be/eflYueSv7Kw 

😃😀
उत्तर प्रदेश में मुसलमान डरे हुये हैं और बरेली में पलायन होने को हिन्दू मज़बूर है।
😃😀 
"जागो ग्राहक जागो"

Naresh

प्यार में बटन खुल रहे आबरू के... मोहब्बत नुमाइश हो रही जिस्म की... अब हर दिन प्यार की कसमें बदल रही... अब प्यार दुकान की कोई चीज हो रही बस #Poetry #Love #lost #Broken #Shayari #mohabbat #शायरी

read more
प्यार में बटन खुल रहे आबरू के...
मोहब्बत नुमाइश हो रही जिस्म की...

अब हर दिन प्यार की कसमें  बदल रही...
अब प्यार दुकान की कोई चीज हो रही बस ग्राहकों में बंट रही...

©Naresh प्यार में बटन खुल रहे आबरू के...
 मोहब्बत नुमाइश हो रही जिस्म की...
अब हर दिन प्यार की कसमें  बदल रही...
अब प्यार दुकान की कोई चीज हो रही बस

Sunil itawadiya

नीली कंपनी( jio)ने अपने ग्राहकों को फिर दिया एक जोरदार झटका टेलीकॉम सेक्टर में एक और झटका देने वाली है जियो जिओ भोक्ता ध्यान दें 1 दिसंबर स

read more
.         नीली कंपनी( jio)ने अपने ग्राहकों को फिर दिया एक जोरदार झटका टेलीकॉम सेक्टर में एक और झटका देने वाली है जियो
 जिओ भोक्ता ध्यान दें 1 दिसंबर स

Ravendra

चौकी पुलिस ने साप्ताहिक बाजार में सुरक्षा का जायजा लिया। रविवार को रुपईडीहा थाना क्षेत्र में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में चौकी इंचार्ज वि #न्यूज़

read more

Mo. Asiph

18 लाख से ज्यादा हिंदू खाताधारक' राघव चड्डा ने कहा, 'देश में जब एनडीए की दूसरी बार सरकार बनी तो देनदारी 55 हजार करोड़ थी जो अब बढ़कर 2 लाख 40 #story

read more
18 लाख से ज्यादा हिंदू खाताधारक'

राघव चड्डा ने कहा, 'देश में जब एनडीए की दूसरी बार सरकार बनी तो देनदारी 55 हजार करोड़ थी जो अब बढ़कर 2 लाख 40 हजार करोड़ हो गई. बीजेपी अपने को हिंदुओ की पार्टी कहती है. आपको बताना चाहता हूं कि एक अनुमान के मुताबिक 18 लाख ज्यादा हिंदू ग्राहक हैं. किस बात की सजा हिंदुओं को दे रहे हैं. इसी पार्टी के शासन काल में हमारे भगवान जगन्नाथ ट्रस्ट के 545 करोड़ यस बैंक में है. बीजेपी ने भगवान के पैसे को नहीं छोड़ा. पीएमसी में 51 हजार ग्राहकों में से 42 हजार ग्राहक हिन्दू थे. ये पार्टी ना हिन्दू, ना मुस्लिम और ना इंसान की है. ये पार्टी कुछ उद्योगपतियों की पार्टी है.' 18 लाख से ज्यादा हिंदू खाताधारक'

राघव चड्डा ने कहा, 'देश में जब एनडीए की दूसरी बार सरकार बनी तो देनदारी 55 हजार करोड़ थी जो अब बढ़कर 2 लाख 40

R.S. Meena

#rsmalwar दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है। बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।। बादल भी शहर वालों से कुछ न

read more
बारिस
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।। 

बादल भी शहर वालों से  कुछ नाराज से लगते है,
सुरज निकलने के बाद शायद यहाँ लोग जगते है।

कोई समझना ना चाहे यहाँ, सबके सब सलाहकार है।
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।। 

मतलब का शहर बना कर रख दिया शहरवासियों ने,
धरती से आसमाँ तक फैला दिया विष लालचियों ने।

मतलब और लालच की दलदल में फँसता पहरेदार है।
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।। 

सावन और भादो की हरियाली अब होने लगी है पुरानी,
छल-कपट से भरी प्राचीर, अश्रु भरी सुनाने लगी है कहानी।

धोखा देना और वचन तोड़ने वाला यहाँ समझदार है।
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।।

जीवन जीने की विधा बनाती है, अलग इस शहर को,
नयन रखते व्यापारी के, ग्राहकों पर रहते हर पहर को।

आँखो वाले आँखो से ना देख पाएँ, छाया यहाँ अँधकार है।
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।।  #rsmalwar 
दो बूंद क्या गिरी इस शहर में, लोग समझे मुसलाधार है।
बादलों को लगा कि यहाँ तो सब पर छाया अहंकार है।। 

बादल भी शहर वालों से  कुछ न

Vedantika

Day:8 बाजार सज चुका था। जरूरत और मनोरंजन के साजो सामान से दुकाने भरी हुई थी। हर दुकानदार अपना सामान बेचने के लिए ग्राहक को खुश करने में लगा

read more
ज़िंदगी का बाज़ार

बाजार सज चुका था। जरूरत और मनोरंजन के साजो सामान से दुकाने भरी हुई थी। हर दुकानदार अपना सामान बेचने के लिए ग्राहक को खुश करने में लगा हुआ था। ग्राहक भी अपनी मनपसंद चीज खरीदने के लिए कोई भी कीमत देने के लिए तैयार थे। बस फर्क सिर्फ इतना था कि सभी ग्राहकों को अपनी मनपसंद या जरूरत की चीज खरीदने के लिए बोली लगानी पड़ती थी और जिस ग्राहक की बोली सबसे अधिक होती थी, उस चीज पर उस ग्राहक के नाम का ठप्पा लगा दिया जाता था।

 Day:8

बाजार सज चुका था। जरूरत और मनोरंजन के साजो सामान से दुकाने भरी हुई थी। हर दुकानदार अपना सामान बेचने के लिए ग्राहक को खुश करने में लगा

Vedantika

लड़कर ज़िन्दगी से स्वप्नलोक में एक रात में जब हम थक गए गहरी नींद सुबह जब खुली तो पत्थर का एक बुत बन गए बुत बन कर हमने जाना वृक्षों की अनकही वि

read more
लड़कर ज़िन्दगी से स्वप्नलोक में एक रात में जब हम थक गए
गहरी नींद सुबह जब खुली तो पत्थर का एक बुत बन गए
बुत बन कर हमने जाना वृक्षों की अनकही विवशता को
बांध कर रख दिया हमने हृदय में उमड़ रही भावनाओं के ज्वार को
मौन हो देख रहे थे हम समाज की परिपाटी का चलन
एक व्यापारी ले गया हमें जब अपनी दुकान पर कल

शेष अनुशीर्षक में........ लड़कर ज़िन्दगी से स्वप्नलोक में एक रात में जब हम थक गए
गहरी नींद सुबह जब खुली तो पत्थर का एक बुत बन गए
बुत बन कर हमने जाना वृक्षों की अनकही वि

CalmKazi

This would one of my favorite pieces I wrote long back when I was away from home. Its poignant and reminds me of everything I loved about my #Morning #दिन #सुबह #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #छोटेशहर #rememberingchildhood #calmkaziwrites #SmallTownMornings

read more
कुछ सुबह की बातें

चाय का ठेला
लगता है हर नुक्कड़ पर
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग और गाय मदमस्त
लेखक है एक कोने में सोता
रात को कुछ थका सा था
वहीँ दूसरी ओर लफंदर लौंडे
ठिठोली करते हैं किसी अनसुनी बात पर
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

गिनी चुनी खाली थैलियाँ
और कुछ प्लास्टिक के छोटे खिलोने
बटोर रही वो बूढी अम्मा
और कहीं दूर से घंटियों की टनटनाहट
आती है मेरे कानो में
सुबह की पूजा चल रही होगी उस घर में
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

(Read caption for full text) This would one of my favorite pieces I wrote long back when I was away from home. Its poignant and reminds me of everything I loved about my

CalmKazi

(READ FULL POETRY BELOW) कुछ सुबह की बातें... चाय का ठेला, लगता है हर नुक्कड़ पर । पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त । लेखक है एक #Morning #दिन #yqbaba #हिंदी #कविता #yqdidi #repost #Allahabad #mycity #छोटेशहर #rememberingchildhood #calmkaziwrites #SmallTownMornings #ReverseTimelineChallenge

read more
कुछ सुबह की बातें

चाय का ठेला
लगता है हर नुक्कड़ पर
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग और गाय मदमस्त
लेखक है एक कोने में सोता
रात को कुछ थका सा था
वहीँ दूसरी ओर लफंदर लौंडे
ठिठोली करते हैं किसी अनसुनी बात पर
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी

गिनी चुनी खाली थैलियाँ
और कुछ प्लास्टिक के छोटे खिलोने
बटोर रही वो बूढी अम्मा
और कहीं दूर से घंटियों की टनटनाहट
आती है मेरे कानो में
सुबह की पूजा चल रही होगी उस घर में
कुछ ऐसी सुबह होती है मेरे शहर में
जैसे रात का साया ही न रहा हो कभी (READ FULL POETRY BELOW)

कुछ सुबह की बातें...

चाय का ठेला,
लगता है हर नुक्कड़ पर ।
पैदल सड़क पर घूमते हैं लोग, और गाय मदमस्त ।
लेखक है एक
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile