Find the Latest Status about उतार चढ़ाव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उतार चढ़ाव.
Rimpi chaube
White जो हो जैसे हो वैसे ही नजर आओ ना। क्यूं ना अब अपने ये दोहरे व्यक्तित्व हार दो ।। इश्क है मुझसे...मुझे बहम में रखते हों। सच नजर में है मेरी..,अब तो मुखौटे उतार दो।। ©Rimpi chaube #मुखौटे_उतार_दो 🙃 जो हो जैसे हो वैसे ही नजर आओ ना। क्यूं ना अब अपने ये दोहरे व्यक्तित्व हार दो ।। इश्क है मुझसे...मुझे बहम में रखते हों। सच
Mukesh Poonia
White जिंदगी में उतार चढ़ाव का आना आम है मेहनत अगर जिद्दी हो तो मुट्ठी में हर मुकाम है . ©Mukesh Poonia #SAD #जिंदगी में #उतार #चढ़ाव का आना #आम है #मेहनत अगर #जिद्दी हो तो #मुट्ठी में हर #मुकाम है
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White जो मेरे साथ में बुगज रखे हुए सोगवार हो, लानत हो ऐसो पर और बेशुमार हो//१ अदु अब चाले ना चल,ये ना हो कहीं तू खुद से ही फंस कर मुझसे ता उम्र शर्मसार हो//२ मैं शिरीन हूं,तु मुझे दिल में रखता क्यूं नही,तू तुर्श है तो फिर मेरे इस दिल से तेरा उतार हो//३ तेरे दीदार को ये चश्म बहुत तमन्नाई है,कहीं ये ना हो तु आ गया हो और फिर भी इंतजार हो//४ खामख्वाह क्यूं करे अब ऐसे अपनों से इसरार,के "शमा" को नहीं हाजत ऐसो की जो बस दिखावे से सोगवार हो//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Couple जो मेरे साथ में *बुगज रखे हुए सोगवार हो,लानत हो ऐसो पर और बेशुमार हो//१ *ईर्ष्या*शोकाकुल *अदु अब चाले ना चल,ये ना हो कहीं तू खुद से
संगीत कुमार
Meri Mati Mera Desh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा अपने को जनता का बेटा बता रहा घर घर सब से मिल रहा अपने को जनता का हितैषी बता रहा पैदल गाँव गाँव घूम रहा एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहा अपना गुणगान गा रहा सबको उल्लू बना रहा चुनाव चुनाव में ही मिल रहा चुनाव जीतने पर जनता को भूल रहा अपना जेब सब भर रहा जनता का खून चूस रहा सब अपने को ईमानदार बता रहा सच्चाई ऐसा न दिख रहा दागी दोषी से है भरा पड़ा कोई जेल का चक्कर काट रहा तो कोई जेल से चुनाव लड़ रहा कुछ तो बीबी,बेटे को चुनाव उतार रहा कर जोड़ विनती कर रहा जाँच परख कर वोट डालना किसी के बहकावे में मत आना जर्जर हाल है शिक्षा व्यवस्था का महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सिर्फ चमक रहा ज्ञान न अब उसमे मिल रहा नेतागिरी सिर्फ हो रहा प्रोफेसर साहब कक्षा में न दिख रहे लगता जैसे शिक्षण संस्थान बंद पड़ा अंचल, अनुमण्डल, जिला कार्यालय में लोग भटक रहे समय से न काम हो रहा पर नेता जी कहते खूब तरक्की हो रहा बाढ़ सूखे से ग्रस्त रहा नहर नाले का न व्यवस्था हुआ लोगों का जीवन बदहाल हुआ मच्छर सब जगह भनभना रहा अस्पताल सब गंदगी से भरापरा लोगों को उपचार न मिल रहा उद्योग धंधा कुछ न स्थापित हुआ जनता तो प्रांत छोड़ चला गुंडागर्दी दिख रहा लोग बात -बात पर लड़ रहा हाल बहुत बुरा है भैया जात पात से ऊपर उठना अच्छे प्रत्याशी को मिल चुनना चला दौर चुनाव का भैया ©संगीत कुमार #MeriMatiMeraDesh (चुनाव) चला दौर चुनाव का भैया पार्टी सार्टी मन रहा दारू मुर्गा खूब चल रहा नेता जनता का पैर पकड़ रहा खूब वादा कर रहा
Anjali Singhal
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Village Life औरत इश्क में अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१ नही पसंद उसे किसी रिश्ते में मिलावट उसको,वो अपनी मुफलिसी में खुशहालो की तरह होती है//२ तब तक नही होती मुत्तासिर जब तक उसे अपनापन ना मिले,वोऐसे मे अबुझे सवालो की तरह होती है//३ फिजूल फितने फसाद नहीं उसकी आदत में शुमार ,वो अपनी पेआए तो*कमोबेशजवालों की तरह होती है/४ हां"शमा"औरत इश्क में अल्हड़ ही होती है नही समेट पाती खुदको,वो गोया फिर बदहालों की तरह होती है//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #villagelife औरत इश्क में*अल्हड़ की तरह होती है,वो सहरा में बेफिक्र*गजालो की तरह होती है//१ दुनियादारी न जानने वाला / वाली*वन*हिरण नही पसंद
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
Jai Shri Ram मनहरण घनाक्षरी:- भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा , पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं । छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया , भज ले तू प्रभु नाम , थामे तेरा हाथ हैं । पग-पग देख तेरे , चलते है नाथ मेरे , कहीं भी अकेला नहीं, वही तेरे साथ हैं । वही कण-कण में हैं , वही तेरे प्रण में हैं, जान ले तू आज उन्हें , वही प्राण नाथ हैं ।।-१ वही राधा कृष्ण अब , वही सिया राम अब , वही सबके कष्टों का , करते उतार हैं । कहीं नहीं आप जाओ , मन में उन्हें बिठाओ, मन के ही मंदिर से , करते उद्धार हैं । भजो आप आठों याम , राम-सिया राधेश्याम, सुनकर पुकार वो , आते नित द्वार हैं, असुवन की धार वे , है रोये बार-बार वे , देख-देख भक्त पीर , आये वे संसार हैं ।।२ १४/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:- भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा , पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं । छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया , भज ले
Niaz (Harf)
कुछ भीड़ इकट्ठे होती है, फिर तमाशा शुरू हो जाता है। सवाल करोगे तो, यहां यही अंजाम होता है, कपड़े उतार के जिस्म से, एक नंगा खेल शुरू हो जाता है। देखते रह गए लोग तमाशा जिस्म का। देखते रह गए लोग तमाशा जिस्म का। माँ , बीवी, बहन और बेटी । माँ , बीवी, बहन और बेटी । यह सब की होती है। और हर नारी का जिस्म, एक जैसा होती है, फिर भी देखते रह गए लोग तमाशा जिस्म का, फिर भी देखते रह गए लोग तमाशा जिस्म का। तमाशा जिस्म का ।।।।।। तमाशा जिस्म का ।।।।।। ©Niaz (Harf) कुछ भीड़ इकट्ठे होती है, फिर तमाशा शुरू हो जाता है। सवाल करोगे तो, यहां यही अंजाम होता है, कपड़े उतार के जिस्म से, एक नंगा खेल शुरू हो जाता