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दूध नाथ वरुण
White मौसम ये सुहानी आ गई, चहुं ओर बहारें छा गई। ऐसे में जो तूने छुआ मुझे,मेरे सैयांजी मैं शर्मा गई।। ©दूध नाथ वरुण #चहुं #ओर #बहारें #छा #गई
Bhanu Priya
White अश्रुओं को चुरा लिया मगर चक्षुओं को न छुपा पाया एक ओर कांच तोड़ती गई एक ओर छल का धागा जोड़ती गई । ©Bhanu Priya #अश्रुओं को चुरा लिया मगर चक्षुओं को न छुपा पाया एक ओर कांच तोड़ती गई एक ओर छल का धागा जोड़ती गई ।
शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )
कुछ घंटे रो कर लोग चुप हो जायेंगे कुछ दिनों तक तुम्हारे बारे में बाते करेंगे फिर कभी-कभी उन्हें तुम्हारी याद आएगी फिर तुम उनके लिए एक भूली हुई कहानी बन जाओगे ©शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन ) कड़वा सच मौत ओर जीवन #sheetalchoudhary #मेरेशब्दसंकलन
Rakesh India
White स्त्री के बगैर पुरुष की जिंदगी बेकार है. उसे हमेशा एक स्त्री का साथ चाहिए. फिर वो चाहे मन्दिर हो या संसार. मंदिर में कृष्ण के साथ --> राधा राम के साथ --> सीता शंकर के साथ --> पार्वती सुबह से रात तक मनुष्य को अपने हर काम में एक स्त्री की आवश्यकता होती ही है. पढ़ते समय --> विद्या फिर -> लक्ष्मी और अंत में --> शाँति दिन की शुरुआत ऊषा के साथ, दिन की समाप्ति --> संध्या से होती है. किन्तु काम तो -> अन्नपूर्णा के लिये ही करना है। ©Rakesh India #आदमी#ओर#ओरत का किरदार
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सर्व व्यापी अहिंसा ही, जग को जीवित कर सकती है लालच की प्रवर्ति विध्वंसक हो चली रुदन जल थल नभ के जीव करते है प्रतिपादित है सिद्धान्त महावीर के जियो और जीने दो का प्रतिफल जीने की चाह जीवो में भर सकती है अणु व्रतों की ओर जीवन मोड़कर परमाणुओं विस्फोटक शक्ति आत्म रूप में भगवत रूप में महावीर बन सकती है जन्म मरण के काल चक्र से मुक्ति हो सकती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #God अणुव्रतों की ओर जीवन मोड़कर #nojotohindi
Dev Rishi
गुजर गये है गांव से शहर की ओर.... तनख़ा दो से चार हुई है हां शहर की ओर... अपनी मंजिल अक्सर शहर में क्यों मिलती है गांवों की रौनक धुंधली हो चुकी है क्योंकि कि ... सब जा रहा है शहर की ओर ©Dev Rishi #शहर की ओर
चारण गोविन्द
होली बधाइयाँ मिल ले मन से मानवी, कंश रचेगा रात। हर दम बेरंग होलिका, कृष्ण रंग बरसात।। कृष्ण रंग बरसात, बेरंग जीवन रंग ले। दुख पीसे नित दाँत, चोखे सुख के चंग ले।। दो दिन की है दौड़, चख रिश्तों की चासनी। छल नफरत सब छोड़, मिल ले मन से मानवी।। चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द की ओर से #Holi #होली के #पर्व की #बधाइयाँ #govindkesher #CharanGovindG
pramod malakar
# गांव की ओर चलो # कहां सो गए हो चलो निकलो घर से, गांव की ओर चलो।। आगे बढ़ने को हम हैं तैयार, तुम भी होकर तैयार चलो।। हर घर को साथ जोड़ कर, भारत को तुम संवार चलो। कदम से कदम मिलाकर, लेकर कमल फूल का बयार चलो।। प्रमोद मालाकार है साथ तुम्हारा, लेकर भाजपा का तुम प्रकाश चलो। नरेंद्र मोदी के तुम साथ चलो।। नाराज और बिछड़े को भी, लेकर तुम साथ चलो।। एक हाथ में कमल फूल, दुसरे में तिरंगा थाम चलो। कहां सो गए हो चलो निकलो घर से, गांव की ओर चलो।। ################## प्रमोद मालाकार के सौजन्य से....... ©pramod malakar #गांव की ओर चलो