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अंकित दुबे
राजनीति के गठबंधन में कैसे दंगे होते हैं कुर्सी के चक्कर मे नेता भी अब नंगे होते हैं हर राज्य के गठबंधन की देखो यही कहानी है नेताओं की हरकत से अब शर्म भी पानी-पानी है ■◆अंकित दुबे #शिवसेना
HANAMANT YADAV (कवीराज)
शिवसेना... (सफुर्तीगीत) चालतो उठवूनी माना। हिंदवी आमुचा बाणा। लढू एकदीलाने सारे। मनी आठवून शिवराणा। उठा बाळासाहेबांची घेवूनी आन। फडकूद्या भगवा धुष्यबान। कणा-कणातून या मातीच्या। दिशा -दिशातून महाराष्ट्राच्या,। होवूद्या पुन्हा गर्जना।... पक्ष शिवसेना शिवसेना... पक्ष शिवसेना शिवसेना... रयतेचं आणूया राज्य। पुन्हा घडवूया स्वराज्य। शिवशाही आपूली आस्मिता, पुन्हा बनवूया शिवराज्य। पाठीशी राही उभी भवानी। आशीर्वाद घेवूया एकदीलानी। जना-जनातून या राज्याच्या। मना-मनातून या जनतेच्या। होवूद्या पुन्हा गर्जना... पक्ष शिवसेना शिवसेना... पक्ष शिवसेना शिवसेना... कवीराज(हणमंत यादव) ९०२१०३४९१७. शिवसेना स्फुर्तीगीत
Abhishek Singh
नाप लो मैली राजनीति की कुर्सी का परिमाप यहाँ एक से एक हैं बढ कर, इक दूजे के बाप लोभ लुच्चई लोलुपता में लिप्त सियासतदान लॉली पॉप के लालच में लल्लू खाये कंटाप #राजनीति #महाराष्ट्र #शिवसेना #भाजपा #nojoto
Abhishek Singh
किसी और से करी सगाई किसी और से शादी रचाई सत्त्ता की दुल्हनिया ऐसी आपस में लड़ गये दो भाई #राजनीति #महाराष्ट्र #शिवसेना #भाजपा #nojoto
praveshKumar
हर जवाब पत्थर के दिल मेआग होती है जब तक ना छेड़ो वो सर के पर्दे पर होती है। ©praveshKumar प्रवेश कुमार
Geeta Sharma pranay
"गृह-प्रवेश " =========== गृह प्रवेश था आज उसके घर में मेरा | मेरी ही नजर में थे अनजान स्वागत था ,सत्कार था | पर !बहू के रूप में नहीं , मेहमान के रूप में या सच्चा ग्रह प्रवेश तो वह था, जो वह मेरा हाथ थाम कर मुझे अपने प्यार की दुनिया में ले गया था | पर तभी तो वह अनजान न होकर मेरी आंखों का अरमान बन गया | शायद वह ऐसा अरमान था जो मेरी जिंदगी को सँवार देता जो कहीं जाकर भी हमारा 'प्रणय' तो हो जाता,,,,,,| गीता शर्मा 'प्रणय' गृह प्रवेश
Parasram Arora
जबसे मेरी मौन कुटिया मे तुम्हारा ग्रह प्रवेश हुआ है मेरी प्रतिक्षित घड़ियों के विषाद का भी आज समापन हुआ है उत्सुकता अकुलाहट के अति भार से जीवन मेरा धन्य हुआ है तुम्हारे मधु ताप के स्पर्शो से मौन जीवव मेरा मुखरित हुआहै असमजस मे विचलित थीं ज़ो उद्वेलित साँसे. मेरी तुम्हारा सानिध्य पाकर उनकी लय मे भी संतुलन कायम हुआ है ©Parasram Arora ग्रह प्रवेश
Geeta Sharma pranay
"मन-प्रवेश " ============= थामा था जब उसने हाथ को मेरे,,, और ले गया था,,,,, जो मुझे अपने प्यार के अहसास में,,,,,,,,,,, हो गया था मेरा उसी दिन उसकी जिंदगी में प्रवेश......... प्यार, मान, सम्मान ये सब कुछ उसी के प्यार ने सिखाया,, उसी ने रिश्तों को निभाना सिखाया,,,,,, बस! वास्तविकता में वही था मेरा उसके मन के द्वार पर मेरा "मन-प्रवेश " स्वागत, सत्कार सब कुछ उसकी नजरों से प्रारंभ होकर उसकी चरणों की रज तक था,, | गीता शर्मा 'प्रणय' मन-प्रवेश