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Arora PR
ये कृत्रिम हंसी अपने अधरों पर. सज़ा कर तुम क्या साबित करना चाहते हो? कही ये तुम खुद को ही तसल्ली देने की.. व्यर्थ चेष्टा तो नहीं कर रहे हो? न कभी देखी न समझी फिर भी उन बातो को सच क्यों मान लेते हो? कही तुम् सच से पीछा. छुड़ाने की व्यर्थ कोशिश तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR कृत्रिम हंसी
अदनासा-
फोटो में पांच चांद है मगर, चमकते चार कृत्रिम चांद भी, चार चांद ना लगा सके, मगर ऊपर प्रकृति का एक चांद, ज़मीं पर चमकते असंख्य लाइट भी, हमारे चंदा मामा का मुकाबला नही कर सकते। ©अदनासा- #हिंदी #चांद #चंदा_मामा #चारचांद #प्रकृति #कृत्रिम #Instagram #Facebook #Pinterest #अदनासा
Ravi Shankar Kumar Akela
प्राकृतिक पर्यावरण एक प्रकार का वातावरण है जहाँ मानव प्रभाव या अंतःक्रिया अत्यंत सीमित रही है। एक प्राकृतिक वातावरण में प्राकृतिक रूप से होने वाली सभी जीवित और निर्जीव चीज़ें शामिल होती हैं, जिसका अर्थ इस मामले में कृत्रिम नहीं है। यह शब्द प्रायः पृथ्वी या पृथ्वी के कुछ भागों के लिए प्रयुक्त होता है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #adventure प्राकृतिक पर्यावरण एक प्रकार का वातावरण है जहाँ मानव प्रभाव या अंतःक्रिया अत्यंत सीमित रही है। एक प्राकृतिक वातावरण में प्राकृतिक
Nitu Singh जज़्बातदिलके
#yoga #yogaday2023 #अतंर्राष्ट्रीययोगदिवस #योगदिवस 🙏 सुबह-शाम का हो साथी यदि योग हमारे जीवन में । बिना मिलावट चीजों का उपयोग हमारे जीवन में । रहें प्रकृति के निकट निरन्तर कृत्रिम सुख को कम भोगें । पास फटकते भी डरता फिर रोग हमारे जीवन मे । ©Nitu Singh(जज़्बातदिलके) #yogaday #yoga #अतंर्राष्ट्रीययोगदिवस #योगदिवस🙏 सुबह-शाम का हो साथी यदि योग हमारे जीवन में । बिना मिलावट चीजों का उपयोग हमारे जीवन में
Abhishek 'रैबारि' Gairola
लबालब फल के रस के ऊपरलपेट कर गत्ते की एक जिल्द चढ़ाई गई है जिसे कोने में दिनों, हफ़्तों, महीनों यूँ ही रखा रहता है। कभी कभी ये हमें सावधान भी किए जाती हैं कि इसे किसी ठंडी जगह रखें,ठंडी और अंधेरी जगह। शायद यह भी हमारी तरह है, हमारी वर्तमान आपे जैसी, केवल ठंडे अंधेरे में ही पनप पाती है। और गर्मी के अभाव में, अधोमुख पड़ी, बहुत ही निचला महसूस करते हुए, खिन्न, दबा दबा सा रहना चाहती हैं। हमारे मूकदर्शन के मानिंद इसका मुख भी मोहरबंद है, इसे तोड़कर ही किसी रक्त धमनी की फुहार सा रस रिसाव होगा। यह कृत्रिम माधुर्य से भरा रस जिव्हा और दाँतों में एक खटास छोड़ जाता है। बड़ी अजीब बात है न? यह वैसा ही है, हमारे मीठे सपनों सा, स्वप्न, जो उत्कर्ष से वंछित रह गए थे, और अब जिन्होंने हमारे चित्त के तालू पर एक खटास छोड़ दी हैं। ©Abhishek 'रैबारि' Gairola लबालब फल के रस के ऊपरलपेट कर गत्ते की एक जिल्द चढ़ाई गई है जिसे कोने में दिनों, हफ़्तों, महीनों यूँ ही रखा रहता है। कभी कभी ये हमें सावधान
Sandeep Sharma
Madhur Bihani
. अपनो की फिक्र भी किया करते थे वो गैरों की कद्र भी किया करते थे चाहे जान हो या अनजान ही सही वो खुशी का ज़िक्र भी किया करते थे रूह थी इंसान म
Kulbhushan Arora
एक प्रश्न, एक फूल, एक उत्तर, एक फूल Dedicating a #testimonial to ज़ोया🖤 क्या यही सच है?.. प्रश्र जब उत्तर से संतुष्ट नहीं होते, प्रश्न पुन: प्रश्न हो के लौट आते हैं, हमारे लाख
Sarita Shreyasi
खुश रहती है,चुप रहती है, माँ से दूरी सह जाती है, अब सब खुश रहने लगे हैं, क्यूँकि बिटिया माँ बिन रह जाती है। अपनी कोख के कतरे को, अपने कलेजे के टुकड़े को, किसी और के भरोसे जब, वह छोड़ के चली जाती थी। कामकाजी माँ को निर्मम, अहंकारी कहा जाता था तो, जा
Sarita Shreyasi
बँटती माँ और बढ़ती बेटी, अंतत: क्या कर पाती हैं, समय,सुविधा,संबंधों में माँ का विकल्प ढू़ंढ़ लाती हैं। गैरहाजिर माँ की यादें, आधुनिक यंत्रों में भूला दी जाती हैं, ममता के दो बूँद,माँगने से पहले ही, शिशु को कृत्रिम घूँट पिला दी जाती है। अपनी कोख के कतरे को, अपने कलेजे के टुकड़े को, किसी और के भरोसे जब, वह छोड़ के चली जाती थी। कामकाजी माँ को निर्मम, अहंकारी कहा जाता था तो, जा