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Ritik Jangda
दोस्ती वह है जिसे हम अपने दिल की सारी बात बताए चाहें बात सही हो या गलत। #दोस्ती क्या है
PRADHAN SHAB
मित्र गरीब है या अमीर मायने नहीं रखता वल्कि वो आपके बुरे समय में आपका साथ कितना देता है यह मायने रखता है...💓🫂💓 ©PRADHAN SHAB जरा सोचों दोस्ती क्या है #Like #follow
Ranjit Kumar
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
क्या आप लिख सकते हैं आज कुछ अपने दोस्त के लिए? कुछ के लिए दोस्ती प्यार है ,आप लोग के लिआ दोस्ती क्या है ? अपने प्रियजनों को अपनी भावनाओं क
PawanDubey_a_writer
Vedaanshi
क्या खबर तुमको दोस्ती क्या हैं, ये रोशनी भी हैं और अँधेरा भी हैं, दोस्ती एक हसीन ख़्वाब भी हैं, पास से देखो तो शराब भी हैं, दुःख मिलने पर ये अजब भी हैं, और यह प्यार का जवाब भी हैं, दोस्ती यु तो माया जाल हैं, इक हकीकत भी हैं ख़याल भी हैं, कभी जमीं कभी फ़लक भी हैं, दोस्ती झूठ भी हैं सच भी हैं, दिल में रह जाए तो कसक भी हैं, कभी ये हर भी हैं जीत भी हैं, दोस्ती साज भी हैं संगीत भी हैं, शेर भी नमाज़ भी गीत भी हैं, वफ़ा क्या हैं वफ़ा भी दोस्ती हैं, दिल से निकली दुआ भी दोस्ती हैं, बस इतना समझ ले तू एक अनमोल हिरा हैं दोस्ती। true friendship क्या खबर तुमको दोस्ती क्या हैं, ये रोशनी भी हैं और अँधेरा भी हैं, दोस्ती एक हसीन ख़्वाब भी हैं, पास से देखो तो शराब भी हैं,
RJ {arzoo0827}
मुश्किल घड़ी और दोस्त क्या खबर तुमको दोस्ती क्या हैं, ये रोशनी भी हैं और अँधेरा भी हैं, दोस्ती एक हसीन ख़्वाब भी हैं, पास से देखो तो शराब भी हैं, दुःख मिलने पर ये अजब भी हैं, और यह प्यार का जवाब भी हैं, दोस्ती यु तो माया जाल हैं, इक हकीकत भी हैं ख़याल भी हैं, कभी जमीं कभी फ़लक भी हैं, दोस्ती झूठ भी हैं सच भी हैं, दिल में रह जाए तो कसक भी हैं, कभी ये हर भी हैं जीत भी हैं, दोस्ती साज भी हैं संगीत भी हैं, शेर भी नमाज़ भी गीत भी हैं, वफ़ा क्या हैं वफ़ा भी दोस्ती हैं, दिल से निकली दुआ भी दोस्ती हैं, बस इतना समझ ले तू एक अनमोल हिरा हैं दोस्ती। क्या खबर तुमको दोस्ती क्या हैं, ये रोशनी भी हैं और अँधेरा भी हैं, दोस्ती एक हसीन ख़्वाब भी हैं, पास से देखो तो शराब भी हैं, दुःख मिलने पर ये
Dharm Desai
खैर हुए है देर अभो कैसे वापस आए सभो वो बूढ़ी मां बुलाएगी मन में थोड़ा मुस्कायेगी पापा फिर से हस लेंगे थोड़ा लेकिन तबियत लथड़े जायेगी क्या फायदा इस शोहरत का जो काम ना आए गर्दिश में हाथ दुआ के लिए उठाना रज़ा में या रंजिश में। वो आंचल मां का, पापा का कंधे पे हाथ याद आता है अपना घर अपने जज़्बात वो खाना खिलाना ज़बरदस्ती के साथ या तोड़ मरोड़ के जोड़ना जब कुछ हो यार या
चाँदनी
Read in caption 👇 ©chandni जिंदगी के इस भागदौड़ के बीच कुछ रिश्तों के नाराजगी को भी गले लगाना पड़ता है उन्हें भरोसा दिलाना पड़ता है... हम उन्हें भूले नहीं... बस वक़्त