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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी बन गये नर पिशाच खून सबका चूसने लगे है भाव मनोभाव दैत्यों जैसे राजा बनकर छलने लगे है जनता की सांसे रोकर फतेह सिंहासन जबरन करने लगे है पुण्यकर्म का सहारा लेकर पापो को बड़ा करने लगे है गति मति का ज्ञान नही आगे आने वाले भवो के दर्पण नरको जैसे दिखने लगे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri भाव मनोभाव दैत्यों जैसे पुण्यकर्म की आड़ में पाप करने लगे है #nojotohindi
#Sad_shayri भाव मनोभाव दैत्यों जैसे पुण्यकर्म की आड़ में पाप करने लगे है #nojotohindi #कविता
read moreshivangi thakur ♥️
164 क्षत्रिय- राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावली सूची हिंदी में https://www.mystatuses.com/2020/05/rajputgotralisthindime.html
164 क्षत्रिय- राजपूत के गोत्र और उनकी वंशावली सूची हिंदी में https://www.mystatuses.com/2020/05/rajputgotralisthindime.html
read moreRUPAL SINGH 'भारतीय नारी'
वो अजर अमर डमरू वाला जो पी गया था विष का प्याला मैं उस भोले की पुजारन हूँ जो पहनें सापों की माला जब बढ़ा प्रकोप दैत्यों का नेत्रों से ही भष्म कर डाला मैं उस भोले की पुजारन हूँ जो है काल को हरने वाला हैं शांत चित्त शिव हैं पवित्र महिमा महेश की है विचित्र जब कहर बढ़ा पापियों का महादेव ने ताण्डव कर डाला मैं उस भोले की पुजारन हूँ जो है भक्तों का रखवाला। वो अजर अमर डमरू वाला जो पी गया था विष का प्याला मैं उस भोले की पुजारन हूँ जो पहनें सापों की माला जब बढ़ा प्रकोप दैत्यों का नेत्रों से ही भष्
वो अजर अमर डमरू वाला जो पी गया था विष का प्याला मैं उस भोले की पुजारन हूँ जो पहनें सापों की माला जब बढ़ा प्रकोप दैत्यों का नेत्रों से ही भष् #HappyMahaShivratri #yqbaba #yqdidi #merikalamse #Bholenath
read moreRakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
read moreVibha Katare
"दहेज : दान , भीख या डकैती यह है समाज की घ्रणित लेकिन प्रतिष्ठित कुरीति " इंद्र के दरबार में देवों दैत्यों की बैठक हुई, आने वाले युगों युगों की इस बैठक में चर्चा हुई, बैठक में जो विचार था, विधेयक कुछ इस प्रकार था, देवदल दैत्यदल कौन किस युग का कितना हिस्सेदार था, निर्णय कुछ इस प्रकार था, देवों का तीन युगों पर अधिकार था, दानव दल तो केवल कलयुग का हक़दार था... पूर्ण कविता अनुशीर्षक में पढ़े... इंद्र के दरबार में देवों दैत्यों की बैठक हुई, आने वाले युगों युगों की इस बैठक में चर्चा हुई, बैठक में जो विचार था, विधेयक कुछ इस प्रकार था,
इंद्र के दरबार में देवों दैत्यों की बैठक हुई, आने वाले युगों युगों की इस बैठक में चर्चा हुई, बैठक में जो विचार था, विधेयक कुछ इस प्रकार था, #yqbaba #Dowry #yqdidi #दहेज #socialissues
read moreAnuj Ray
खुशबू चरित्र की" खुशबू चरित्र की, हीरे सी चमकती है, फूलों सी महकती है। खुशबू चरित्र की, जीवन के आईने में, सूरज सी दमकती है। खुशबू चरित्र की, आदर्श भी गढ़ती है, इतिहास भी रचती है। ©Anuj Ray # खुशबू की चरित्र की"
# खुशबू की चरित्र की" #कविता
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