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Babita Wadhwani
जैसे ही एयरटेल मोबाइल कंपनी ने मोबाइल नम्बर छीना। अपराधियों के मौज हो गयी। सब जगह टूवेवेरिफिकेशन आन कर दिया। अब न ओ टी पी आयेगा , न सोशल अकाउंट खुल पायेगे। बैंक अकाउंट के साथ भी यही समस्या । पासवर्ड याद हो या न हो कोई मतलब नहीं। जब तक मोबाइल पर आया कोड नहीं है आपके पास। OTP(one Time Passward) अपराधियों का मददगार। ©Babita Wadhwani #otp #onetimepassword अपराधियों का मददगार हमारा दुश्मन बन गया है।
birbalram Sai
हम अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचायेंगे किसी को विधायक तो किसी को सांसद बनाएंगे
chandan
क्या अपराधियों को सिर्फ सजा मिल जाना ही न्याय है!! या आगे ऐसी घटना कभी न घटे वो न्याय है !! क्या अपराधियों को सिर्फ सजा मिल जाना ही न्याय है!! या आगे ऐसी घटना कभी न घटे वो न्याय है !!
MANJEET SINGH THAKRAL
उम्मीद यही है कि लोग समस्या की गहराई और गंभीरता को समझें, बेरोजगार युवा सबसे पहले देश विरोधी ताकतों, अराजकतावादीयों, नशे के व्यापारियों और अपराधियों का शिकार बनते है। इसे जल्द से जल्द सुधारने की जरूरत हैं। #Youth4Swaraj #9Baje9Minute उम्मीद यही है कि लोग समस्या की गहराई और गंभीरता को समझें, बेरोजगार युवा सबसे पहले देश विरोधी ताकतों, अराजकतावादीयों, नशे के व्यापारियों और अ
Gopal Pandit
अदनासा-
🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 जिस प्रकार सनातन धर्म ग्रंथ रामायण में एक चौपाई छंद है रघु कुल रित सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना जाई 🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹 🤪😛🤪😛🤪😛🤪😛🤪😛🤪😛🤪😛🤪😛🤪 उसी प्रकार सत्ता धर्म तंत्र नेतागण में एक चौपटाई गंद है राज नीति सदा चली आई हम ही चोर हम ही सिपाही 😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂🤣😂 ©अदनासा- #हिंदी #चुटकुले #Jokes #WorldEmojiDay2023 #Instagram #Pinterest #Facebook #राजनीति #politicalsatire #अदनासा माफ़ी के साथ कहना चाहता हूं, ज
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त