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Dil Jale.Uday Raj (Subham) writer
वतन हमारा ऐसा इसको ना कोई छोड़ पाए रिश्ता हमारा ऐसा इसको ना कोई तोड़ पाए हाय हमारा एक दिल एक जान आजाद भारत वासी मेरे देश की धरती उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
मेरे देश की धरती उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती बैलों के गले में जब घुंघरू जीवन का राग सुनाते हैं
read moreGAUTAM GOVIND
!! हमारा देश !! हम है भारत के बच्चे, मन के बड़े ही सच्चे। नही किसी से लड़ते, नही किसी से डरते। भारत है आन हमारी,
!! हमारा देश !! हम है भारत के बच्चे, मन के बड़े ही सच्चे। नही किसी से लड़ते, नही किसी से डरते। भारत है आन हमारी, #Poetry
read morei am Voiceofdehati
सुनसान खेतों में अपने बैलों के साथ बातें करते हुए,सहसा देखा किसी को जाकर निकट और जब देखा वहां एक बूढ़ा खड़ा था सिर पर मटमैल गमछा बांधे खड़ा था धूप में पसीने से तर-बतर नंगें बदन पैरों में बिवाई फटी फिर भी हंसते हुए बैलों से कर रहा बातें बैल भी प्रेम के रस में मग्न हो सहमति से सर हिला देते देखा तभी दूर मेंढ़ों पर पुटकी में कुछ बांधे चली आ रही कोई अबला निडर आकर के रूकी बूढ़े के पास कुछ कहती है बुढ़े को डांटकर कुछ बुदबुदाते हुए बुढ़ा खांसकर बैलों को बगल के खेतों में बांधकर दोनों बैठकर छांव में बात करने लगे पुटकी में से सूखी रोटी नमक लेकर माथे से लगाकर छकते हुए दोनों आपस में झगड़ते हुए एक दूजे को फिर कुछ कहने लगे देखकर प्रेम के दो रूप एक साथ में मेरे दोनों अश्रु सजल हो गये जिस जीवन को मैं व्यर्थ समझता रहा ऐसे जीवन को ये हंसकर जी रहे फिर चला वापस अपने राह पर मन में यही सोचते हुए कि आज के युग में ऐसा प्रेम कहां रह गया सभी सर्वार्थ सिद्धि में बस हैं लगे हुए प्रेम की परिभाषा आखिर बयां कैसे हो जब सब प्रेम की अभिलाषा को लेकर जी रहे। प्रेम, #किसान और वर्तमान सुनसान खेतों में अपने बैलों के साथ बातें करते हुए,सहसा देखा किसी को जाकर निकट और जब देखा वहां एक बूढ़ा खड़ा था सिर
प्रेम, #किसान और वर्तमान सुनसान खेतों में अपने बैलों के साथ बातें करते हुए,सहसा देखा किसी को जाकर निकट और जब देखा वहां एक बूढ़ा खड़ा था सिर #yqdidi #मेरीक़लमसे #मेरेएहसास #प्रेम_की_परिभाषा #yqsnatni #प्रेम_की_अभिलाषा
read moreN S Yadav GoldMine
अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस की कहानी {Bolo Ji Radhey Radhey} 🍄 एक गांव में एक गरीब ब्राह्मण था। वह गांव से भिक्षा मांग कर अपना गुजरा करता था। उसके पास सर्दी और गर्मी के लिए भी पर्याप्त कपडे नहीं थे। एक दिन जब वह भिक्षा मांगने के लिए गांव गया तो एक यजमान ने उसे बैलों की जोड़ी भिक्षा में दी। 🍄 ब्राह्मण ने भी उसे उन्हें भिक्षा मांग-मांग कर घी और अन्य सामान से उन्हें बहुत तगड़े बना दिया। लेकिन ब्राह्मण के घर से गुजरते हुए एक चोर ने उन्हें देख कर सोचा- इन बैलों को मैं आज रात चोरी करूँगा और इन्हे बेचकर बहुत धन कमाऊंगा। 🍄 चोर रात में ब्राह्मण के घर को निकल पड़ता है लेकिन रस्ते में उसे एक लाल आँखों वाला, लम्बी नाक वाला, बड़े-बड़े दांतो वाला और सुखी हुयी चमड़ी वाला बहुत तगड़ा राक्षस दिखाई पड़ता है। चोर उससे डर जाता है वह भागने ही वाला होता है कि राक्षस उससे पूछता है – अरे! तुम कहाँ जा रहे हो। 🍄 चोर डरता हुआ कहता है- मैं ब्राह्मण के घर बैलों की चोरी करने के लिए जा रहा हूँ। राक्षस कहता है -तुम डरो मत हम एक ही काम करते है तुम बैल चुरा लेना और मैं ब्राह्मण को खा लूंगा इसलिए हम इकट्ठा चलते हैं। 🍄 दोनों ब्राह्मण के घर पहुँच जाते हैं और राक्षश कहने लगता है -पहले मुझे ब्राह्मण को खाने दो, अगर बैलों की चोरी करते समय आवाज हुयी तो वह जाग जायेगा और मुझे भगा देगा। चोर कहता है – नहीं पहले मुझे बैलों की चोरी करने दो अगर ब्राह्मण को खाते समय तुमसे कोई गलती हो गयी तो वह उठ जायेगा और हमें भगा देगा। 🍄 दोनों में शत्रुओं की तरहं लड़ाई हो जाती है और शोर-शराबे से ब्राह्मण जाग जाता है। राक्षश को देख वह अपने देवता के मन्त्रों के उच्चारण लगता है, मंत्रो की शक्ति से राक्षस भाग जाता है और चोर को तो वह डंडे से ही डरा कर भगा देता है। कहानी की शिक्षा:- 🍄 आपस में लड़ते हुए शत्रु हितकारी होते हैं जैसे चोर और राक्षस ब्राह्मण के शत्रु थे अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर उन दोनों के बिच से ब्राह्मण फायदा उठा गया। ©N S Yadav GoldMine #boat अगर वो एक साथ काम करते तो शायद सफलता प्राप्त करते पर आपस में लड़कर दोनों के बिच ब्राह्मण फायदा उठा गया !! 🎀🎀 ब्राह्मण चोर और राक्षस क
i am Voiceofdehati
उसे पता था कि गांवों में उसकी आत्मा बसी है लेकिन वो उदास होकर रूह लिए बेचारा चला गया बूढ़े बैलों की मोह लिए सोंधी मिट्टी की खुशबू को ओढ़कर पुरखों की विरासत को छोड़कर जिंदा रहकर भी आज मरकर भी किसी को कुछ न कुछ दे गया, वो सताया हुआ अपनों का अपनों को न चाहते हुए कुछ यादें लेकर कुछ यादें देकर रूंआसां सा गांव छोड़ गया... उसे पता था कि गांवों में उसकी आत्मा बसी है लेकिन वो उदास होकर रूह लिए बेचारा चला गया बूढ़े बैलों की मोह लिए सोंधी मिट्टी की खुशबू को ओढ़कर प
उसे पता था कि गांवों में उसकी आत्मा बसी है लेकिन वो उदास होकर रूह लिए बेचारा चला गया बूढ़े बैलों की मोह लिए सोंधी मिट्टी की खुशबू को ओढ़कर प #yqdidi #myquotes #गांव_की_यादें #voiceofdehati #बिछड़तेवक़्त #अपनीजगहपर #देहाती_बाबा #बाबाकागांव
read morePooja Nishad
प्रेम पत्र......चिरंजीवी रहेंगे Read in caption एक दिन फिर वही गाथा दोहराई जाएगी वही गीत गाए जाएंगे, फिर होंगी बैलों के गले में घंटियाँ फिर वही सावन के सुर में सुर मिलाए जाएंगे
एक दिन फिर वही गाथा दोहराई जाएगी वही गीत गाए जाएंगे, फिर होंगी बैलों के गले में घंटियाँ फिर वही सावन के सुर में सुर मिलाए जाएंगे #yqdidi #yqhindi #yqkavita #yqsahitya
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