Find the Latest Status about 'प्रियतम कविता summary' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'प्रियतम कविता summary'.
Anamika Nautiyal
लिखकर कहीं गुम सी हो जाती हैं , उफ़्फ़ मेरी कविताएँ मुझसे रूठती बहुत हैं। #अनाम_ख़्याल #कविता #रूठना_मनाना #प्रियतम
Alok Vishwakarma "आर्ष"
धूप में भी सिहरन है, शीत में भी ऊष्णन है । नयन मनु असुवन है, हृदय का प्रदीपन है ।। प्रियतम की आशा है, तपसा नम भाषा है । क्रन्दन का शोर है, विदित मन विभोर है ।। #sadness #lovequotes #longing #oneness_of_souls #missingpiece #प्रियतम #कविता #yqdidi
Sri Harsha Reddy
Every Person In Your Life Teaches You a Lesson. It's Better to Remember the Moral than the Summary. #moral #Summary
TR Sriram
Keep your face to the sunshine and you cannot see a shadow. ... ©TR Sriram #Identity #Summary
Prakash Dwivedi
प्रियतम मेरे सोचा था कविता के माध्यम से,मैं अपना 'प्रेम' तुझसे कहूंगा। भावों को शब्दों में पिरोकर तुझसे अपना अनुराग कहूंगा।। शब्दों की धारा में सुंदर कुछ अलंकार बहे । हर पंक्ति मेरा 'प्रेम' रस भाव कहे । निस्वार्थ प्रेम मेरा ऐसे तिरस्कार में बदला। जैसे ग्रहण लगने से 'प्रकाश' अंधकार में बदला ।। क्षणभंगुर स्वप्न मेरा,मैं विषादी हो गया। खुशी का हर पल,अब अवसादी हो गया।। लेखक तो अब भी हूँ पर शब्द कम पीड़ा अधिक है। रस कितने प्यासे हैं जैसे रेगिस्तान में कोई पथिक है।। आस यही बस साँझ ढले तू 'प्रेम' के पास लौट आए। अंधकार भरे इस जीवन में 'प्रकाश' का तू प्रेम बन जाए।। #कविता #गजल #prakashdwivedi #prakashdwivedipoetry #poem #प्रियतम #love #prakash #prem
Ajay Kumar Dwivedi
सोचता हूँ प्रियतम पर किताब लिख दूं मैं। मन की व्यथा लिखूँ उसपर हर राज लिख दूं मैं। देख कर मुखड़ा उसीका होती सुबह हर दिन मेरी। हूँ सोचता की चौदवीं का उसको चाँद लिख दूं मैं। उलझनों में लाख उलझा है मेरा जीवन तो क्या। साथ उसके कितना हूँ खुश ए आज लिख दूं मैं। हमसफर बनकर मेरा वो गुनगुनाता चल रहा। हूँ सोचता की आज उसपर साज लिख दूं मैं। दूर होकर भी वो मुझसे पास रहता है मेरे। सोचता हूँ कि हृदय की हर बात लिख दूं मैं। ख्वाब में भी वो मेरे और है हकीकत भी वहीं। हूँ सोचता उसको कवि का राग लिख दूं मैं। सोचता हूँ प्रियतम पर किताब लिख दूं मैं। मन की व्यथा लिखूँ उसपर हर राज लिख दूं मैं। अजय कुमार व्दिवेदी 04/11/2019 00:52:10 कविता सोचता हूँ प्रियतम पर किताब लिख दूं मैं।