Find the Latest Status about केसर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, केसर.
Roohi Bhargava
तेरा यों नज़रें घुमा लेना, वो चेहरा छुपा लेना, वो मीठी सी मुस्कान, वो रूमानी अंदाज़, वो तल्ख आवाज़, सब याद है, बस तेरा चेहरा अनजान है... केसरीया बालम... तेरा ही इंतज़ार है। #केसर #केसरीया #YQDidi
Rajendra Kumar
ठुकरा दिया जिन्होंने मुझे मेरा वक्त देखकर कसम खाता हूं ऐसा वक्त लउगा कि मिलना पड़ेगा मुझसे वक्त लेकर राजेन्द्र केसरवानी
kt
केसरिया महबूब नही इश्क होता है! हसने से ज्यादा बेहतर अश्क होता है! यहा जो काबिल हो गये उन्हे जितनी खुशी नही होती उस्से ज्यादा लोगो को उन्हे देखकर रश्क होता है! सबसे गेहरा घाव देने वाला हथियार इन्सान का अपशब्द होता है! लोग सरताज बन्ने की जिद्द करते है! मगर हमेशा बादशाह ये वक्त होता है! लोग आपस मे मनमुटाव कर के रिश्ते खराब कर लेते है! पर एक परिवार कई तुफान झेलने वाला दरख्त होता है! ख्वाब पूरा करने के लिये चालाकी का पैतरा ये गलत होता है! क्योकी जिन्दगी बसर करने के लिये सासो के साथ जरूरी रक्त होता है! और कभी न कभी तो वो मालिक सजा देता ही है यारो उसका नियम बढा सख्त होता है u known me 👑Name.of.king 👑 ©kt केसरीया# #Anger
kesaravinash
हे ऋषि! तुम गए- असत् से सत् की ओर! तम से ज्योति की ओर! मृत्यु से अमृत की ओर! हम गए - सत् से असत् की ओर! ज्योति से तम की ओर! अमृत से मृत्यु की ओर! तुम कितने असभ्य थे! तुम कितने पौराणिक थे! तुम कितने बर्बर थे, ऋषि! तुम कितने अविकसित थे! हम कितने सभ्य हैं! देखो न- हवा ही जला डाली। हम कितने सभ्य हैं! प्यास बढ़ा ली, पानी सूखा डाला। हम कितने नवीन हैं - धरा खोद डाली, नाले पाट डाले। हम कितने उदार हैं! हमारा हर काम 'स्वान्तः सुखाय' है। तुम्हारा हर काम 'परोपकाराय पुण्याय ' था। हाँ, ऋषि! हम विकसित हैं - तुमने नदियों में (किनारे ) घर बनाये, हमने नदियों पर (भर कर ) घर बनाये। ©kesaravinash #केसर
kesaravinash
दर्द के बहाने न देख इस बेदर्द जमाने के चलते-फिरते ताने न देख! दिल के ज़ज्बातों के आगे होंठ के गाने न देख!! डूब के,दरियाव के मौजों में पलते जाले न देख! दिल में सबके दर्द देख, दर्द के बहाने न देख!! गर्दिशों में पल रहे जो सैकड़ों सितारे न देख! यूँ किनारे बैठके लहरों के ताने न देख !! छलछला उठे कभी जो दर्द के प्याले न देख! जिंदगी मदहोशियाँ है, तू मग़र मयख़ाने न देख!! नब्ज़ देख, मर्ज़ देख, सिरहाने- पैताने ना देख! दरमियाँ देख अपने दामन भी कभी, तू मेरे फाने ना देख!! ---------- कुमार अविनाश केसर ©kesaravinash #केसर
Author Harsh Ranjan
भूख नहीं प्यास नहीं सिन्दूरी आसमान की तलाश नहीं। घंटे घड़ियाल की आवाज़ सुनूँ पत्थरों पर है नाज़ करूँ। जल नहीं थल नहीं, रथों के घोड़े चंचल नहीं, महाकाय की माया में, हर रोज धुप और छाया में, गुजरते जाएँ अमावस से पूनम के दिन पल छिन पल छिन। जिंदगी नहीं सुधारनी है मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ मुझे झख मारनी है जहाँ पहुँचूँ वहां बस यही केसरिया ध्वजा गाड़नी है। केसरिया
Abhikrti Sonakiya (Palak
Kashmir मेरा लघु केसरी मेरा देश केसरी मेरा तिरंगा केसरिया केसरिया