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꧁ARSHU꧂ارشد
दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है , चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है ... ©꧁ARSHU꧂ارشد दिया ख़ामोश है लेकिन किसी का दिल तो जलता है चले आओ जहाँ तक रौशनी मा'लूम होती है... Anupma Aggarwal sana naaz Ishika Mahi Nîkîtã Guptā
Aabid Khan
Eklakh Ansari
INDIA CORE NEWS
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ
Yogesh Goswami
White न जाने क्यों सारे दर्द अश्क बनकर आ रहे हैं। शायद मेरी डायरी के पन्ने कोई गीत गुनगुना रहे हैं। आते आते रुक जाते हैं लब्ज़ लब पर तेरे लिए। आख़िरी वादा किया था जो वही निभा रहे हैं । ©Yogesh Goswami #SAD शेष कथा फिर कभी
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें आज भी हैं , आज उसे इक दफा गले लगाने को दिल कर रहा हैं , फकत अंजुमन कुछ भी तो कुछ बात बने , फ़ुर्क़त में उसे दाटने को जि कर रहा है , क्या समझाये की अब मुहब्बत नहीं हैं तुझसे , फकत तुझे महज़ इक याद की तरह रखी , तेरी तस्वीर आज भी इक पास रखी हैं , फिर जो कहीं मुहब्बत और नफ़रत की गुंजाइश हो तो याद करना , आखिर हम रक़ीबों से दिल लगा के आखिर करते क्या . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** फ़ुर्क़त *** " आज इक दफा उस से मुलाकात हुई , फ़ुर्क़ते हयाते-ए-ज़िक्र अब जो भी हो सो हो , मुहब्बत में बचे शिकवे शिकायतें
Mr RN SINGH
White बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई ©Mr RN SINGH #City बहुत अंधेरा है ऐ, इश़्क तेरी गलियों में हमने दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई #MrRNSINGH #mrrnShayr Rajni Pandey Montu Pegu Disha sa