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Mahadev Son
झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद हो जायेगी पूरी तेरी जिस दर पे झुक जाये सिर तेरा खुद ब खुद आशीर्वाद भी वहाँ अपने आप मिल जाता ©Mahadev Son झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद पूरी हो जायेगी दर कहते उसको जिस दर पे झुक जाये सिर खुद ब खुद तेरा आशीर्वा
Shivkumar
White दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के रिश्ते को सजाया। जीवन के हर मोड़ पर, साथ देने वाला कोई यार। मुसीबतों में सहारा है वो, खुशियों के अंगारा है वो। हंसी-मजाक से भरी जिंदगी, मेहनत की सफलता का रास्ता है वो। जिसे देखो दिल बहक जाए, उन पलों को याद करके मुस्कराए। दोस्ती की अमरीत रूह से, हंसता हर लम्हा निकल आए। जैसे रंगीन बादलों की गति, दुनिया को आँचल से छू लेती है। यारों के हाथों में बंध जाती है, हर गम की बंधन खो लेती है। चाहे जहां भी सफर करो, दोस्ती की हो जबरदस्त नजर। उस्तादों की तरह बनकर लापरवाह, हर मुकाम पे शानदार हो जाए। चोकर जो मिले खुद को अपनाए, मुसीबतों को झेलते रहें ये दिल्लगी से। यारों की यारी, अमर राशि है, जीवन का सहारी, नहीं गुँजारी है। आज इस पंक्ति को बनाने के लिए, हम दोस्ती की बांहें फेला रहें हैं। यारों के दिल की धड़कन, ये कविता में झलक रही है। तारे हमसे नाते बनाए हैं, हर पल बदलते जैसे मौसम। दोस्ती की राहों में चलना, हर कदम जैसे ख्वाब पूरे। यारों को नहीं मिलता हमें पढ़ंध, इस काव्य की विरासत मिल जाए। यह दोस्ती का रंगीन काव्य, बनाएगा आपके दिल को रंगीन। हमारे दिल की गहराई को छूने, सूरज की किरणें यहाँ ढली हैं। नयी उम्र में जीने का हाथ पकड़ें, दोस्ती की रौशनी को फैलाएं। ये काव्य सिर्फ आपकी मेहनत से, हो जाएगा खुद ब खुद सुंदर। हम यहाँ क़लौंजी से परख कर, आपके दिल को छू लेंगे सुंदरता। सामान्य शब्दों की सजा में, इन्हीं शब्दों का जूनून, यह दोस्ती की मिठास और प्यार का गुंजारा है हमारा। ©Shivkumar #Friendship #दोस्ती #दोस्त #Nojoto #nojotohindi #दिलकीबातशायरी143 दोस्ती का प्यारा रंग छाया, दिल के #रिश्ते को सजाया। #जीवन के हर मोड़
AJAY NAYAK
जितने जितने मोड़ उतने उतने रोमांच कहीं कहीं ऊपर कहीं कहीं नीचे नीचे देखने का अपना अपना रोमांच ऊपर देखने का अपना अपना रोमांच पीछे है खाई आगे है ऊंचाई हर मोड़ पर है नव जीवन थोड़ा है सम्हलना थोड़ा है रुकना थोड़ा है झुकना थोड़ा है चलना खुद ब ख़ुद नित नए पथ जिंदगी का पहाड़ बनाते जाएगा सुगम –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #lakeview #जिंदगी_का_सफर #जिंदगी_का_पहाड़ जितने जितने मोड़ उतने उतने रोमांच कहीं कहीं ऊपर कहीं कहीं नीचे नीचे देखने का
Ravendra
||स्वयं लेखन||
अपने आज को संवार लो, कल ख़ुद-ब-ख़ुद संवर जायेगा। ©Gunjan Rajput अपने आज को संवार लो, कल ख़ुद-ब-ख़ुद संवर जायेगा। #Life #Life_experience #thought #Poetry
Rabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** तसब्बुर *** " हम याद जऱा तुम्हें करेंगे , तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये , हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे , रास आये हयाते-ए-हिज्र फिर वो बात कहां मुलाक़ात कहा , सवालात जो करु फिर वो बात कहां , मिलना हैं की बिछड़ना हैं वो , मुख्तलिफ सवगात हैं , मिल की बिछड़ना ना परे , ऐसे में हमारी गुफ्तगू कहा , सब आईने के दस्तूर पुछते हैं , अभी तुम से मेरा मिलना हुआ कहा , कोई रुख करु तो फिर कोई बात हैं , बुझते जज्बातों के वो दौर कहा , यु खोना भी तूझे खोना है , फिर तुझसे मैं ग़ैर इरादातन फिर मिला कहां , कोई बात आज भी आईने के दस्तूर लिये बैठा हैं , मिलते तो पुछते तुम से कौन शक्ल अख्तियार किए बैठे हो , जो तसब्बुर के ख्यालों से तुम हु-ब-हू कहीं नहीं मिलते ." --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** तसब्बुर *** " हम याद जऱा तुम्हें करेंगे , तेरी बात जऱा खुद से करेंगे , मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये , हम खुद में तु
Mukesh
चुपके से कोई कहता है शाएर नहीं हूँ मैं क्यूँ अस्ल में हूँ जो वो ब-ज़ाहिर नहीं हूँ मैं भटका हुआ सा फिरता है दिल किस ख़याल में क्या जादा-ए-वफ़ा का मुसाफ़िर नहीं हूँ मैं क्या वसवसा है पा के भी तुम को यक़ीं नहीं मैं हूँ जहाँ कहीं भी तो आख़िर नहीं हूँ मैं सौ बार उम्र पाऊँ तो सौ बार जान दूँ सदक़े हूँ अपनी मौत पे काफ़िर नहीं हूँ मैं ©Mukesh #swiftbird चुपके से कोई कहता है शाएर नहीं हूँ मैं क्यूँ अस्ल में हूँ जो वो ब-ज़ाहिर नहीं हूँ मैं भटका हुआ सा फिरता है दिल किस ख़याल में क्य
# musical life ( srivastava )
Das Sumit Malhotra Sheetal