Find the Latest Status about abhimaan 18100 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, abhimaan 18100.
Ankit verma 'utkarsh'
Autumn स्मृति एक जिदंगी की कहानी, स्मृति की लकीरें पानी, स्मृति ही संयोग,स्मृति ही वियोग। स्मृति ही आनंद,स्मृति ही विषाद। स्मृति ही नभ,स्मृति ही गर्त। स्मृति ही अज़ीज़,स्मृति ही गरल। स्मृति ही संपूर्ण,स्मृति ही तुच्छ। ©Ankit verma 'utkarsh' #autumn ❤️❤️Manu Govind Batra R K Mishra " सूर्य " Dharm Chand Paliwal Archana Chaudhary"Abhimaan" Ambika Jha
Namrata
GRHC~TECH~TRICKS
आधुनिक शिक्षा काल **************************** क्या सोचना चाहिए? क्या बोलना चाहिए? क्या लिखना चाहिए? क्या कर्म करना चाहिए? क्या शिक्षा देना/लेना चाहिए? क्या आकृति/विकृति स्मरण चाहिए हमें? क्या सम्पूर्ण संसार पैसे के बल जीवित हैं? इन सभी का एक गहनता से अध्ययन ही आज का वर्तमान स्वरूप ही संसार सागर है। इसमें से एक बीचों-बीच ही अच्छा विचार प्रवाह ही, ऊपर लिखे इन सभी का मनन:और चिंतन का अनुभव, से एक पृथ्वी पर जीतें जी मोक्ष का प्रमाण मिल सकता है । आप भी इस अनोखे एक लेखनी प्रकाश पर जरूर विवेचन करें। सुह्रदय से धन्यवाद जी ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #GateLight Jonee Saini MOHINI priyanka Patel Shubham Patel वंदना .... Pooja ¶__Anshika yadav__¶( @ तनु @ ) pankhudi
GRHC~TECH~TRICKS
SELF - CONFIDENCE **************************** यह दुनिया का वह बल होता है। वैसे तो -अपना सच्चा मित्र नाममात्र का ही होता है यह। साथ ही अपना ही दुश्मन भी विराट रूप में होता है। जानिए कैसे हैं ? जैसे कि- भीम पुत्र घटोत्कच भी महाभारत युद्ध में इसका प्रमाण पत्र इतिहास भी है। अपने स्वाभाविक रूप के अपना अति आकार से ही । एक घटोत्कच की मृत्यु का एक कारण बन जाता है । एक आत्म-विश्वास भी और एक आत्म बल भी, स्वयं के लिए विराट रूप में सम्भाल कर रखना। असमर्थ जैसे ही संसाररूपी वृक्ष मुल आधार को ठीक, एक आत्महत्या के सामान ही होता है । संसार में अपनी भौतिक जीवन में । सुह्रदय से धन्यवाद जी ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #Self #Exploration cute sanvi Shubham Raj Tiwari Swati sharma Sultan Khan दस्ताने हिंद सागर वंदना .... Angelus Rak
GRHC~TECH~TRICKS
जानिए सात चिरंजीवियों का इतिहास ************************************ १.राजा बाली- हृदय की धड़कन की पहचान है। २.परसुराम- एक विचार धारा की पहचान है। ३.विभीषण- एक गुप्त रहस्य की पहचान है। ४. हनुमान - एक पुरुषार्थ शक्ति की पहचान है। ५.अश्वत्थामा - एक अविवेकी रुपी की पहचान है। ६.श्री व्यास - एक हृदय संकल्प की पहचान है। ७. कृपाचार्य- एक सुषेण वैध की पहचान रुप है। ८.इनमें एक बदलाव ही मार्कण्डेय जी का रूप ही संसार में आपातकाल स्वरूप की पहचान है। सुह्रदय से धन्यवाद जी ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #New #Trending # #stilllife Rama Goswami Bhanu Priya Suneel Nohara M@nsi Bisht jeet musical world Shiv Narayan Saxena B
Sai Angel Shaayari
Abhimaan Ko Aane Mat Do Aur Swabhimaan Ko Jaane Mat Do.... Abhimaan Tumhein Uthne Nahin Dega Aur Swabhimaan Kabhie Girne Nahin Degaa. ©Sai Angel Shaayari Abhimaan Ko Aane Mat Do Aur Swabhimaan Ko Jaane Mat Do.... Abhimaan Tumhein Uthne Nahin Dega Aur Swabhimaan Kabhie Girne Nahin Degaa.
GRHC~TECH~TRICKS
निंचाईत्ता और ऊंचाईता का इतिहास ********************************** निंचाईत्ता और ऊंचाईता का सम्पूर्ण सृष्टि में सम्बंध । केवल ही केवल एक शब्द से ही होता है । केवल एक ही शब्द दोनों की प्राथमिकता को , अच्छी तरह से प्रमाण कर देता है एक दिन इस पृथ्वी पर। हे नारी शक्ति और हे पुरुषार्थ शक्ति.... यही एक शब्द शक्ति सम्पूर्ण शब्दों का भी गुरु शक्ति भी होता है। और वह एक शब्द है अर्थात जिसका नाम होता है - एक निरंतरता आपके जीवन में। हां यह सत्य है.........हे परमत्तव अंश जी। एक निरंतर अभ्यास से ही सफलता, निरंतरता से धन वृद्धि , एक निरंतरता से तुच्छता मे वृद्धि, निरंतरता से ही अज्ञान की वृद्धि, निरंतर से ही ज्ञानिज्ञता में वृद्धि, निरंतरता से ही मान -सम्मान की हानि व क्षति और वृद्धि , निरंतरता से ही एक पात्रता रुपी व्यक्तित्व में वृद्धि ..... ये शुरुआत के परिणाम ही हालांकि हे परमत्तव अंश , ये ही आपकी निरंतरता अभ्यास का निर्णय भी है... आपकी गहराईऔ और ऊंचाईऔ तक की यात्रा का , निरंतर ही आपकी एक विशेष पहचान होती है इस संसार में आपकी। एक निरंतर ही आपके जीवन को हर पल लेकर चलता -बढ़ता रहता है। यही दुसरी तरफआपके जीवन को ही चिन्हित मार्ग से लेकर चलता रहता है । निरंतर घटाता भी रहता है अर्थात साथ लेकर भी बढ़ता चलता भी है। और दोनों का भी अर्थ भिन्न-भिन्न भी होता है इसका आपके लिए। इस संसार में निश्चित रूप से आपके क़दमौ की निशानियां भी, एक मौत का दुसरा स्वरूप ही होता है। एक नजर की ये निरंतर अभ्यास की निशानियां भी ही ओर आपके जीविनता के जीवन मोजुदगी का सम्मुचित इतिहास भी होता है। यही एक शब्द निरन्तरता रूपी बाणौं की शक्ति ... आपके सम्मुख एक अमरत्व अंश मात्र इतिहास भी हो सकता है। व निश्चित रूप से अजर अमर ही पहचान ही हो जाता है। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #kitaab Jeevan gamerz N.B.S , liker boy @Dil_E_Nadan राजा बाबू!! बिहारी बाबू Yogendra Nath Yogi सोमराज मेघपूत भारत सोनी _
GRHC~TECH~TRICKS
समस्त पृथ्वी भौतिक जीवन जीने में आज़ाद हो चुका है। आपके जीवन का फायदा। आजकल के तुच्छ अन्धविश्वासी गुरु और इन्हें आपको एक मानसिक रूप से ग़ुलाम बना दिया है। इसमें गुलाम तो बड़े से बड़े शुर वीर बन चुकें गुलाम इस धरातल पर सम्पूर्ण नारी शक्ति और पुरुषार्थ शक्ति। वैज्ञानिकों की ये वास्तविक ज्ञान की ख़ोज नहीं है यै। केवल आपको एक मानसिक रूप से ग़ुलाम बनाने की , अज्ञान रुपी सीढियां चढ़ाना सीखा रहे हैं आपको हर पल वर्तमान में। सम्पूर्ण वैज्ञानिक व ज्ञान-विज्ञान और सन्त महात्मा साथ ही आधुनिक युग के तुच्छता की पहचान रुप डाक्टर । ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #Shajar Ashutosh Mishra Royal love story 2 Puja Udeshi Dhanraj Gamare •*~राधा~*• वंदना .... Sunita Pathania कट्टर सनातनी
Ž@£K
GRHC~TECH~TRICKS
महापुरूषौ व गुरूओ आत्मा का विवरण ****************************************** जानिए गुरु नानक देव जी की आत्मा से ही। 15/04/1469 जन्म का शुभ अंक योग=30 है। 22/09/1539 मृत्यु का शुभ अंक योग= 31 है। हे परमत्तव अंश समस्त ब्रह्माण्ड में एक गुरु ही 30 मंजिल पर पहुंचा सकता है समस्त पृथ्वी वासियों को क्योंकि समुद्र मंथन से निकली 21 शक्ति और सात ऋषियों के जीवन से और 28 प्रकृति गुण अर्थात शिव शक्ति और विष्णु शक्ति से समस्त ब्रह्माण्ड बना हुआ है। इसको गहराई से अध्ययन के लिए एक गुरू की आवश्यकता अनिवार्य है। इसलिए गुरु नानक जी की आत्मा श्री गीता जी को मौखिक रूप में लिखवाने वाली की थी। श्री व्यास जी आत्मा थी और अपने जीवन काल में सृष्टि चक्र को विपरित परिस्थितियों में भी समझाया था। समस्त पृथ्वी वासियों इनसे पहले आयें कुछ आत्मा का विवरण। कबीर- अश्वथामा नाम का हाथी की आत्मा थी - जो आज वर्तमान में रामपाल सतलोक है। मोहम्मद जायसी - गुरु द्रोणाचार्य की आत्मा थी। तुलसी दास -कृपाचार्य जी की आत्मा थी। सुरदास- भीष्म पितामह जी की आत्मा थी। गुरु नानक जी - श्री व्यास जी की आत्मा थी। गौतम बुद्ध -मेरी स्वयं की आत्मा थी। ईसा मसीह - राहु-केतु की आत्मा थी। ईसा मसीह मेरा गौतम बुद्ध जन्म में राहुल नाम का पुत्र भी था। यह मेरी वाणी श्री गीता जी गुप्त रहस्य भाव है। ©GRHC~TECH~TRICKS #grhctechtricks #KhaamoshAwaaz #treanding #New Shubham Bhardwaj Anushaka Singh karan Kamlesh Kandpal Nilesh Singh Puja Udeshi राजू दुबे