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Altifa
Ramji Mishra
Shaarang Deepak
Harshit Bharti
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- चर्चा जिनका रूका नहीं था , रसिया और जपान में । उनकी गाथा कौन छुपाए , बोलो हिन्दुस्तान में ।। चर्चा जिनका रुका नहीं था.... गर्म खून के नेता थे वह , दुश्मन के वह काल थे । नहीं हाथ से दुश्मन जाता , ऐसे बुनते जाल थे ।। ऐसे नेता कहाँ मिलेंगे , खोजो फिर इंसान में । चर्चा जिनका रुका नहीं था... आहट पाकर भाग रहे थे , दुश्मन जब मैदान से । पीछे उनके हिन्द फौज थी , जिसमें सब हनुमान से ।। ऐसे लगते थे सुभाष जी , जैसे वे भगवान में । चर्चा जिनका रुका नहीं था ..... गूँज रहा था गली-गली में , नारा फिर वह खून का । आजादी के संग सभी को , रोटी दूँ दो जून का ।। ऐसे नेक हृदय का नेता , आया हिन्दस्तान में । चर्चा जिनका रुका नहीं था ..... चर्चा जिनका रूका नहीं था , रसिया और जपान में । उनकी गाथा कौन छुपाए , बोलो हिन्दुस्तान में ।। २३/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- चर्चा जिनका रूका नहीं था , रसिया और जपान में । उनकी गाथा कौन छुपाए , बोलो हिन्दुस्तान में ।। चर्चा जिनका रुका नहीं था....
अदनासा-
Nisheeth pandey
प्रिये सावन में तुम बरिस बन कर आना, बहती हँवा में शीतलता समा कर आना ..... क्षण क्षण बदल रही हवा दिशा अपनी , प्रिय भूल नहीं तुम मुझको जाना.... नहीं वह हसीन अब वो राते, जिसमें थी बातें झूलती, झूल- झूल कर होती थी मतवाली रातें ....... याद तुम्हारी जब आती है, पुनः घूम कर आता है ताना बाना..... माना पहले वाला बहारें रहा नहीं अब, बदल गया है संसार हमारा अब ..... रंग रूप का इठलाना इतराना रहा अब नहीं, सुनहरी हवा सा मन दिखता नहीं ....... अब न सावन झूला झूलते , न कोयल कोई गीत सुनाती.... सुनो न , फिर जेहन में घुलने का ढूंढ लो बहाना, प्रिये कहना नहीं , करना नहीं मूसलाधार बारिश का बहाना ....... अब रात क्या दिन भी लगता अंधेरा, तुम नहीं ,हर पहर में लगता व्याकुल मन.... तिनका तिनका मन रसिया जल रहा, प्रिय मेरी ,भूल गई प्रीत की कसमें क्या निभानी ....... समय हर समय बदल रही धूप की छवि में , प्रिये भूला नहीं तुम्हारा मोहक मुस्कुराना ..... हर छन हर रंग बिखेड़ना दिल के कैनवास में, प्रिये अबकी सावन में तुम फिर आ जाना..... #निशीथ ©Nisheeth pandey प्रिये सावन में तुम बरिस बन कर आना, बहती हँवा में शीतलता समा कर आना ..... क्षण क्षण बदल रही हवा दिशा अपनी , प्रिय भूल नहीं तुम मुझको जान