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✍️ हरीश पटेल "हर"
गाँव की गलियों में कभी घूम कर आना हवा वहाँ कैसे लगी अदब से बताना जलती गर्मी शहर ,धुंध नाक भर आया गाँव की अमराई श्वशन को न भुलाना वाहन का शोर , गूंजता है चारो ओर ग्राम्य कोयल की किलोर दिल में बसाना टैंक का सड़ा हुआ जल ,बैठ करते स्नान गाँव की सरिता धार में बहते नहाना चाय - काफी हो गई हो तो सुनो साथी जग माता गौ की गोरस घूंट पी जाना शहर में सगा पड़ोसी कौन है कहो जी ग्राम्य के लोगों को मध्यरात जगाना "हर" देहात से वो जानता स्वर्ग कैसा वहाँ अन्नदाता के दरस को तुम पाना ,,,,,,,,,🖋️हरीश पटेल "हर" ग्राम - तोरन (थान खम्हरिया) बेमेतरा #हर ग्राम्य जीवन
Unconditiona L💓ve😉
ये कैसा आध्यात्मिक जीवनम् है, नया साल में ना आध्यात्मिक बच्चा ❤मिला, ना ही उनके गुड विशेज..... मिलो कभी खोपचे में फिर बताता हूँ आपको 😐😐 ह
Ajay Amitabh Suman
arrey.oh.chachu
Aaj kal ke daud mein Umeed Ki phasal ughti kahan hai Yaa toh Deewana ya maasom bacha Khush hai Varna iss Duniya mein Aake Muskhuraatha kaun जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
Mohit Bhardwaj
को उगाएंगे हम हस कर जीते जाएंगे जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
Aditi Mishra
हर साल हर महीने उगती रहे...... जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
PS T
उम्मीदों की फ़सल वास्तव में होती ही नहीं है, फ़सल होती है लक्ष्य के बीजों की बुद्धि की मिट्टी में बाजुओं की मेहनत से जैसा बोओगे वैसा काटोगे को ध्यान में रखते हुए ! जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
Ashish Mishra
अब उग रही है। लगता है कि जिन्दगी, फिर अपने पुराने रवैया पर आ रही है। जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
Gita Khanna
Rang birange sapne saath le aayee hai, Is baisaakh Tumse tumko maang hi loonga Ab na kehna soch rahi hoon... Ab na chalega koyee bahaana.. जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह
Pushkar Sahu
उम्मीद की फसल आपके हौसले आत्मविश्वास और सोच पर निर्भर करती हैं जहाँ एक ओर नवरात्र और रमज़ान का शुभारंभ है, वहीं आज वैशाखी (बैसाखी) भी मनाई जा रही है। फ़सलों का यह त्योहार ग्राम्य जीवन का उत्सव है। यह त्योह