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Mohan Sardarshahari
White Retirement Diary First view from my room on First floor of my house. A mixture of Enjoying & Missing मैं बाद में घर पहुंचा पहले घर पहुंचा मेरा पेंशन पेमेंट आदेश देखकर दिल खुश हुआ दिल ने दी आशिष। ब्रेकर लगाने की तरह RVPN तेरी तत्पर सेवा धूप, छांव , बरसात की ड्यूटी का यों मिला है मेवा। घर मेरा लगता है जैसे बगीचे में है बसा ब्रेकर लगने की तोप सलामी और ट्रांसफॉर्मर के हमिंग को मन आज बहुत तरसा।। 🙏🙏🙏🙏 ©Mohan Sardarshahari रिटायरमेंट डायरी
रिटायरमेंट डायरी
read moreवंदना ....
Unsplash सबसे अच्छा दोस्त ........................... हमारी डायरी और पेन हे....... 🌹🌹🌹 ©वंदना .... #डायरी #पेन #जज्बात_दिल_के 🌹🌹🌹
#डायरी #पेन #जज्बात_दिल_के 🌹🌹🌹
read moreबदनाम
White सफेद फूल ...... तुम्हे पसंद है न? या मेरी पसंद को अपनी पसंद बना ली पिछली बार जब मिला था किताबों में तुम्हारे ख्यालों से लिपटा हुआ,खूब महक रहा था जैसे महकता था क्यारियों में और.... वो तुमने क्या लिखा था आखिरी पन्नों में मोहब्बत है तो ज़ाहिर कर वरना तुम्हारी खेर नहीं. हैं.... भला ऐसा कौन करता है ? खैर हमें वही रख दो हिफाज़त से तुम्हारी डायरी में कुछ पन्ने अभी भी बाकी है. ©बदनाम डायरी
डायरी
read moreranjit Kumar rathour
मेरे वादे पर आयी थी वो बगैर गर्म कपड़ो के जाने के वक्त बोली ठण्ड है मजाक किया किसने कहा था ऐसे आने बोली था एक दोस्त उसे मेरे स्वेटर से एलर्जी थी लेकिन मुझे ठिठुरते देख बेचैन हो गया था वो बोला जल्दी घर जाओ अकड़ जाओगी बोली नहीं उसके लिए इतना तो बनता है ख़ुशी है मुझे कष्ट मे नहीं देख पाया जनता हूँ और महसूसता हुँ वो पास होता तो खुद ही शाल बन लिपट जता या फिर ओढ़ी हुईं चादर से मुझे ढक देता इस एहसास का सुख सिर्फ मै महसूस कर रहा हुँ हा और गरमाहट भी ©ranjit Kumar rathour ठण्ड वादों वाली
ठण्ड वादों वाली
read moreTafizul Sambalpuri
डायरी डायरी, उसके हर पन्ने बातें बयां करती है भारी भारी जब पलटते है पन्ने उसके कइ यादें लब्ज़ बनके कभी मुस्कान बनती है होठों के कभी आंसू बन रिश्ते को ढूंढ़ती हैं बारी बारी सुकून तो चाहिए था ज़िन्दगी को सुकून कभी बना जिम्मेदारी चलता गया चलता गया हर मोड़ पर बनता गया मैं चन्द्र अल्फाज़ या एक किरदार सफर कब शुरू हुआ कहां खत्म हुई पन्ने भर भर कर है कहानी इसमें मेरी या तुम्हारी इन्तजार कहां खत्म होती है आज भी चल रही है सफर कि तयारी पिठ पर लादे उम्मीद के बोझ दिल में लिए दर्द बेशूमार आंखें हैं अब भी भारी भारी रुखसत किसे दूं अब भी रास्ते लम्बी है बहुत ये ख़ामोशी भी मेरी ये दर्द भी मेरी ।। ©Tafizul Sambalpuri #डायरी 'दर्द भरी शायरी' Shiv Narayan Saxena Vishalkumar "Vishal" Writer Zindagi Yogenddra Nath Yogi
#डायरी 'दर्द भरी शायरी' Shiv Narayan Saxena Vishalkumar "Vishal" Writer Zindagi Yogenddra Nath Yogi
read moreBablukumar Raut
बाबा तुम्ही होते म्हणून आज आम्ही जगत आहोत सावधान देशाला एकता एकात्मतेच्या जोरावर आणि तुम्ही दिलेल्या सविधानाच्या भरवश्यावर ©Bablukumar Raut मेरी डायरी
मेरी डायरी
read moreBablukumar Raut
Unsplash लिखने को बहुत कूछ बाकी है सोचने के लिये बहुत कूछ बाकी है कोई पढे या ना पढे पुरी जिंदगी में आगे जाना और जिंदगी जीना अभी बाकी है balkrushna raut deori ©Bablukumar Raut #Book मेरी डायरी
#Book मेरी डायरी
read moreTejpal Singh
भाईयो न्यु शायरी आने वाली है लाईक ओर कमेन्ट करो ©Tejpal Singh न्यु शायरी आने वाली है shayari on life
न्यु शायरी आने वाली है shayari on life
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