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वंदना ....
Unsplash सबसे अच्छा दोस्त ........................... हमारी डायरी और पेन हे....... 🌹🌹🌹 ©वंदना .... #डायरी #पेन #जज्बात_दिल_के 🌹🌹🌹
#डायरी #पेन #जज्बात_दिल_के 🌹🌹🌹
read moreMukesh Poonia
Nature Quotes जीवन एक पेन की भांति है इंक खत्म हो उससे पहले अपनी कहानी लिख दो ©Mukesh Poonia #NatureQuotes #जीवन एक #पेन की #भांति है #इंक #खत्म हो उससे पहले अपनी #कहानी #लिख दो
Shahana Parveen
पता नहीं कैसे मिल जाती है लोगों को खोयी हुई मौहब्बत वापस मेरा तो पेन भी गुम हो जाये तो दोबारा नहीं मिलता #खोयी #मौहब्बत #पेन #वापस #YQ #YQbaba #YQdidi #arthub
Parth kapadiya
कलम का सहारा मैने कुच इस कदर लिया सब बातों को आपसे साझा जो कर दिया ©Parth kapadiya कलम की बातें #कलम #पेन #साझा #प्यार #प्रेम #बात #Love
Vijay Milind
उस पेन के खटके सी हो गई जिंदगी। बस लोग खेलते रहते है, बिना काम अपने मजे के लिए। ©Vijay Milind #पेन
MD Verma
#OpenPoetry "" पैंसिल और पेन "" 👉पता है दोस्तों हम बचपन में पैंसिल से क्यो लिखते थें ताकि कोई भी गलती हो जाए तो हम आसानी से मिटा सकें और कुछ नया सीखने का मौका मिले 👉अब हम पेन से लिखते हैं कयोंकि अब गलती करने का सवाल ही पैदा नहीं होता । हम अब बड़े हो गए हैं हमे पता होना चाहिए कि अब कि गयी गलती मिट नहीं सकती "" माधव वर्मा "" दोस्तो ये मेरी नयी रचना है 👍👍👍
दोस्तो ये मेरी नयी रचना है 👍👍👍
read moreअश्लेष माडे (प्रीत कवी )
कधीकधी मनात खूप काही साठलेलं असतं, आणि तेच लिहावंसं पण वाटतं, पण, मन कुठल्या गुंत्यात गुंतलेलं असतं कळतच नाही मला, लिहायला बसतो तर, पेन पुढे वळत नाही, कागदावर पेन आणि शब्दांचा मेळ चं जुळत नाही. मनात काहूर माजलेला असतो तेव्हा शब्द पण आठवतात, पण ओळ च पूर्ण होत नाही, शेवटी ठेवतो बाजूला पेन आणि डायरी बसतो हनुवटीवर हात ठेवून, एकटाच विचार करत, असं का होते? हेच कळत नाही.... प्रीत
Altaf Husain
अरे आइए, आइए, प्रमिला जी! बैठिए, हां तो बताइए, हम आपकी क्या सेवा करें? विवेक ने बड़ी सहजता से प्रमिला से पूछा... दोनों हाथों को जोड़कर प्रमिला ने विवेक से कहा, नहीं वकिल बाबू, शुक्रिया हम खड़े ही ठीक है। उंगलियों में पेन फसाकर हिलाते हुए विवेक बोले.... और भैया जी,बच्चे कैसे हैं? वे सब ठीक है वकील बाबू , आप से कुछ पूछना था। कुछ्छ्..... संपत्ति के बारे में, हिचकिचाते हुए प्रमिला बोली.... पेन को मेज पर रखकर विवेक बोला, पहले आप बैठिए! फिर पूछिए, कुर्सी को थोड़ा पीछे खींच कर प्रेमिला उस पर बैठ
अरे आइए, आइए, प्रमिला जी! बैठिए, हां तो बताइए, हम आपकी क्या सेवा करें? विवेक ने बड़ी सहजता से प्रमिला से पूछा... दोनों हाथों को जोड़कर प्रमिला ने विवेक से कहा, नहीं वकिल बाबू, शुक्रिया हम खड़े ही ठीक है। उंगलियों में पेन फसाकर हिलाते हुए विवेक बोले.... और भैया जी,बच्चे कैसे हैं? वे सब ठीक है वकील बाबू , आप से कुछ पूछना था। कुछ्छ्..... संपत्ति के बारे में, हिचकिचाते हुए प्रमिला बोली.... पेन को मेज पर रखकर विवेक बोला, पहले आप बैठिए! फिर पूछिए, कुर्सी को थोड़ा पीछे खींच कर प्रेमिला उस पर बैठ
read moreमाही मुन्तज़िर
मेरी पेन्सिल मेरी जिंदगी का हिस्सा है अनसुना सा किस्सा है ... दूनिया के लिये तो तुम एक मामूली सी पेंसिल हो लेकिन मेरे लिये तुम्हारे मायने कुछ और ही है .. तुम मेरी जिन्दगी का हिस्सा हो जो लोगो ने ना वो किस्सा हो ... तेरे संग की वो सारी मस्ती याद बहूत मुझे आती है .. याद है तुझे अपने नैल्स(नाखून ) पर घिस कर तुझे वो ब्लॅक नैल्स पोलिस भी तो पेहली बार लगाई थी ... कभी तुझे दाँतों तले चबा तेरा स्वाद चखा तो कभी मस्ती करने को तेरी नुकीली नोक भी तो दोस्तो को चुभाई थी ... दोस्त तो तू मेरी पक्के वाली है दोस्ती तूने क्या खूब निभाई थी ... तूने ही तो मेरी हर गलती को रबड़ से मिटा छुपाई थी ... याद है मुझे बढ़ती क्लास के साथ इन लोगो ने मेरे हाथ मे पेन थमा पेन्सिल मेरी मुझसे छुड़ाई थी ☹☹☹ और हम दोनो को ही ये जुदाई ना भाही थी .. तब थोड़ी सी चालकी मेने भी दिखाई थी सबकी नज़रो से चुरा अपनी पेन्सिल बेग मे मेने छुपाई थी ... अब थोड़ी बड़ी तो मै भी होगई थी सारा काम पेन से करने लगी थी... पेन भी बहूत कुछ सिखाता था तेरी याद वो भी बहूत दिलाता था जब - जब पेन का लिखा मुझसे मिट ना पाता था .. तब - तब गुस्सा मुझे बहूत आता था ... लेकिन बचपन तो अब भी मुझमे समाया था 😊😊 पेन को दरकिनार कर मेने अपना हाथ छुड़ाया था ... और फिर चुपके से निकाली बेग से मेने अपनी पेंसिल प्यारी थी जिससे करी मेने सुँदर - सुँदर चित्रकारी थी ... याद है तुझे वो सँस्कृत वाली टीचर से डाट भी तो तूने लगवाई थी उनके पीरियड मे मेहँदी के डिजाइन और वो तस्वीर भी तो तूने ही मुझसे बनवाई थी ... उस दिन तो बहूत डाट पड़ी और एक थप्पड़ भी और मेरी कोपी भी मेम अपने साथ ही ले गई थी .... फिर कुछ दिन बाद मेम ने मेहँदी भी तो मुझसे ही लगवाई थी और मजा तो तब आया जब मेम ने मेरी कॉपी मुझे वापिस लौटाई थी ...😃😃 उस दिन एक बात पेन ने मुझे समझाई थी , भाग मत मुझसे ... अगर पेन्सिल तुझे प्यारी है तो रख साथ उसे हमेशा कोई ना तुझको रोकेगा.... लेकिन मेरे द्वारा हुई गलती पर तुझे हर कोई टोकेगा ... पेन्सिल तेरा बचपना है और नया दौर हूँ मै तेरा .. जानता हूँ भली भाँति इस समाज को इसलिए भला चाहता हूँ तेरा ... तू अब भी बहूत नादान है जानती नही पेन्सिल ने तेरी गलतिया क्यूँ छुपाई थी ... पागल उसे तो तेरी गलतियोँ मे भी दिखी तेरे मासूम पचपन की परछाई थी ... पर मै ना ऐसा करूँगा तेरी गलतियोँ पे और ना पर्दा धकुंगा ... अब से तुझे अपनी गलतियोँ से सीख ले आगे है बढ़ना और इस निर्दयी समाज कासामना है करना ... ये सब सुन मेरी आँख से आँसु छलक गया उसी पल मेरा बचपन इस समाज के कदमो तले कुचल गया .... आज भी अपनी प्यारी पेन्सिल को अपने पास रखती हूँ ... उससे वही तस्वीर बना देखा करती हूँ ... पेन भी हम दोनो का साथ देख कर मुस्कुराता है और यही बात वो भी कहता है ... पेन्सिल तेरी जिन्दगी का एक प्यारा सा हिस्सा है अनसुना सा किस्सा है .... by ❤ mahi मेरी पेन्सिल मेरी जिंदगी का हिस्सा है अनसुना सा किस्सा है ... दूनिया के लिये तो तुम एक मामूली सी पेंसिल हो लेकिन मेरे लिये तुम्हारे मायने कुछ और ही है .. तुम मेरी जिन्दगी का हिस्सा हो जो लोगो ने ना वो किस्सा हो ... तेरे संग की वो सारी मस्ती याद बहूत मुझे आती है .. याद है तुझे अपने नैल्स(नाखून ) पर घिस कर तुझे वो ब्लॅक नैल्स पोलिस भी तो पेहली बार लगाई थी ... कभी तुझे दाँतों तले चबा तेरा स्वाद चखा तो कभी मस्ती करने को तेरी नुकीली नोक भी तो दोस्तो को चुभाई थी ... दोस्त तो तू मेरी पक्के वाली है द
मेरी पेन्सिल मेरी जिंदगी का हिस्सा है अनसुना सा किस्सा है ... दूनिया के लिये तो तुम एक मामूली सी पेंसिल हो लेकिन मेरे लिये तुम्हारे मायने कुछ और ही है .. तुम मेरी जिन्दगी का हिस्सा हो जो लोगो ने ना वो किस्सा हो ... तेरे संग की वो सारी मस्ती याद बहूत मुझे आती है .. याद है तुझे अपने नैल्स(नाखून ) पर घिस कर तुझे वो ब्लॅक नैल्स पोलिस भी तो पेहली बार लगाई थी ... कभी तुझे दाँतों तले चबा तेरा स्वाद चखा तो कभी मस्ती करने को तेरी नुकीली नोक भी तो दोस्तो को चुभाई थी ... दोस्त तो तू मेरी पक्के वाली है द
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