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    PopularLatestVideo

arvind bhanwra

पैनी नजर ।

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वफा की राह मे 
वफा निभाता चला गया ।
पैनी नजर से सबको 
निहारता चला गया ।
न हो मुश्किल मे हो खाविन्द
सोचता चला गया ।
बुरी नजर, न हो इधर उधर
सिर अपना घुमाता चला गया । पैनी नजर ।

Amar Anand

#पैनी आंखे #paidstory

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 प्यार तेरा अब अंधा नहीं है पगले ,
 अभी अभी उसने आँख बनवाया है

महसूस कर , समझाने की कोई बात नही
भाव ने भरोसा , समर्पन बिकवाया है

गाड़ी , महल अटारी की बात मत पूछ
आंखों के धोखे ने उसे सब दिखलाया है

पैसों के चकाचोंध में लोभी प्रियतमा
खूनी प्रेमी संग अपना खून करवाया है

त्याग , निष्ठा , सादगी का कोई मोल नहीं
धूर्त , नीच , घाती को अपना गुरु बनाया है

प्यार तेरा अब अंधा नहीं है पगले
 अभी अभी उसने आँख बनवाया है

-Amar anand #पैनी आंखे       #paidstory

Praveen Jain "पल्लव"

#WForWriters कलमो की धार पैनी बनाती है #WForWriters

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Nojoto  पल्लव की डायरी
सबकी पसन्द शामिल करें
कलमो की ताकत बढ़ाती है
हर बिषय पर बिचार विमर्श करे
विभिन्न स्वादो  में लेखन का तड़का लगाती  है
पाँच लाइनों में लिखने पर
कलमो की धार पैनी बनाती है
नोजोटो परिवार की गरिमा में
चार चांद लगाती है
                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #WForWriters
कलमो की धार पैनी बनाती है
#WForWriters

Praveen Jain "पल्लव"

भूखों की जंग लड़ने के लिये कलमो की धार पैनी होना बहुत जरूरी है भूखों की खातिर जंग लड़ना कलमो की धार पैनी होना बहुत जरूरी है #PoetInYou

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क्या लिखूँ     पल्लव की डायरी
भावो के समुंदर जब सूखने लगते है
आसमान भी बिन मौसम बरसने लगते है
राजा बनकर हुकूमते बंदिशें करने लगते है
छल बल की बयानबाजी से 
सकून जनता का छीनने लगते है
अपनी वंदना करने में चाटुकार की फौज रखने लगते है
अन्याय के दीपक में दमन का तेल भरते रहते है
सच्चाई लिखने वालों की कलमो को
प्रताड़ित करने लगते है
बेशर्मी का लबादा ओढे हो जो
उस पर लिखना ना समझी है
जनता में हुँकार भरने के लिये
सच्चाई लिखना बहुत जरूरी है
भूखों की खातिर जंग लड़ना
कलमो की धार पैनी होना बहुतजरूरी है
                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" भूखों की जंग लड़ने के लिये कलमो की धार पैनी होना बहुत जरूरी है

भूखों की खातिर जंग लड़ना कलमो की धार  पैनी होना बहुत जरूरी है

#PoetInYou

Motivational indar jeet group

#जीवन दर्शन 🌹 मानवी गरिमा विकसित करने के लिए अंतर्मुखी बनना और पैनी दृष्टि से दोस्त दुर्गुणों को बुहारना पड़ता है !.i. j #विचार

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जीवन दर्शन 🌹
मानवी गरिमा विकसित करने के लिए अंतर्मुखी बनना और पैनी दृष्टि से दोषदुर्गुणों को बुहारना पड़ता है !.i. j

©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹
मानवी गरिमा विकसित करने के लिए अंतर्मुखी बनना और पैनी दृष्टि से दोस्त दुर्गुणों को बुहारना पड़ता है !.i. j

AK__Alfaaz..

#ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी ...जब समय की पैनी कुल्हाड़ी चली.. हमारी यह रचना "आदरणीय अमृता प्रीतम जी" की एक रचना "हादसा" से प्रेरित है.. #yqdidi #yqbaba #yqtales #yqthoughts #yqdiary #yqsahitya

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समय की कुल्हाड़ी हँस रही थी..,
यादों की धार बहुत तेज थी..,
खुशियों के वृक्षों का तना कट गया..,
विश्वास की डालियाँ टूट गई..,
उन पर खिले स्नेह रूपी फूल..,
और प्रेम के फल मुरझा गयें..,
मुस्कुराहटों का वह वृक्ष..,
अपनी आस के साथ..,
कुछ यूँ जमीं पर बिखर गया..,

पैरों में दर्द की एक फाँस जो चुभी..,
कुचले फूलों की आह..,
तन को कुछ ऐसे लगी..,
प्रेम के फल का स्वाद..,
लबों को ज़ख्मी कर गया..,
फिर भी अगले स्वाद की चाह में..,
एक और खुशियों का वृक्ष..,
समय की कुल्हाड़ी से कट गया..,
शायद इनका अस्तित्व..,
जीवन मे बस इतना ही रह गया.., #ज़िन्दगानी_मे_कुछ_यूँ_भी ...जब समय की पैनी कुल्हाड़ी चली..
हमारी यह रचना "आदरणीय अमृता प्रीतम जी" की एक रचना "हादसा" से प्रेरित है..

#yqdidi

कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

कब किसे कहाँ और कैसे मैं अपना समझूँ सबकी पैनी ज़ुबाँ ने मेरी दोस्ती दफ़ा की है । ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर नज़् #Poetry #नज़्म #गज़ल #shyari #ghzal #रेख़्ता

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कब किसे कहाँ और कैसे मैं अपना समझूँ 
सबकी पैनी ज़ुबाँ ने मेरी दोस्ती दफ़ा की है । 
©️✍️ सतिन्दर  #NojotoQuote कब किसे कहाँ और कैसे मैं अपना समझूँ 
सबकी पैनी ज़ुबाँ ने मेरी दोस्ती दफ़ा की है । 
©️✍️ सतिन्दर 

#kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्

ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

तु इधर आ,तु उधर जा,हर जगह बैचेनी,जितनी गहरी है छाया,उतनी धुप है पैनी,,,,,,,जो जितनी सुदंर मुरत,उतनी खाई. है छैनी,,,,,,,, ओम भक्त मोहन बनाम क

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जिदंगी,,,,,तु इधर आ,तु उधर जा,हर जगह बैचेनी,जितनी गहरी है छाया,उतनी धुप है पैनी,,,,,,ओम भक्त मोहन तु इधर आ,तु उधर जा,हर जगह बैचेनी,जितनी गहरी है छाया,उतनी धुप है पैनी,,,,,,,जो जितनी सुदंर मुरत,उतनी खाई. है छैनी,,,,,,,, ओम भक्त मोहन बनाम क

Parul Sharma

कहाँ लेखनी है वो औजार बनती है इसके शब्दों की धार बहुत पैनी कहाँ लेखनी है वो जो शिक्षा बनती है नन्हें हाथों से उनका भविष्य लिखती है कहाँ लेख #nojotohindi #nojotoquotes #kalakash #TST #Emotionalhindiquotestatic #NojotoTopicalHindiQuoteStatic

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कहाँ लेखनी है वो औजार बनती है
इसके शब्दों की धार बहुत पैनी 
कहाँ लेखनी है वो जो शिक्षा बनती है
नन्हें हाथों से उनका भविष्य लिखती है
कहाँ लेखनी है वो जो प्रेम बुनती है
प्रेम को प्रेम में रख जिन्दा करती है
कहाँ लेखनी है वो व्यवस्थायें गढती है
शासन अनुशासन तय कर एक करती है
लेखनी सबके पास है काम इसके हजार है
ये लेखनी है जो देश को साक्षर करती है
          पारुल शर्मा कहाँ लेखनी है वो औजार बनती है
इसके शब्दों की धार बहुत पैनी 
कहाँ लेखनी है वो जो शिक्षा बनती है
नन्हें हाथों से उनका भविष्य लिखती है
कहाँ लेख

✍️ लिकेश ठाकुर

*पेंसिल* लिखकर मैं मिट जाती, मुझे बात समझ न आती। लम्बी मेरी कद काठी, आखिरी में बौनी हो जाती।

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बचपन की यादें  
*पेंसिल*

लिखकर मैं मिट जाती,
मुझे बात समझ न आती।

लम्बी मेरी कद काठी,
आखिरी में बौनी हो जाती।

साफ सुथरी मेरी थाती,
पैनी नोंक से लिख जाती।

मोटे बारीक़ अक्षर बनाती,
रंग बिरंगे रंगों में ढल जाती।

किसी के सपनों को संजोती,
पेंटिंग जब दिल से होती।

बच्चों बड़ो के हाथ में होती,
बनठन के मैं इठलाती।

चित्रों के साये को बुनती,
चलती जल्दी किसी की न सुनती।

लिखकर मैं मिट जाती,
मुझे बात समझ न आती।।
    लिकेश ठाकुर
 #NojotoQuote *पेंसिल*

लिखकर मैं मिट जाती,
मुझे बात समझ न आती।

लम्बी मेरी कद काठी,
आखिरी में बौनी हो जाती।
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