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Stories related to व्यंगात्मक

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RajeshKumar

एक व्यंगात्मक कवितासरकारी तोंता#

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##सरकारी तोंता##
############
ये सरकारी तोंता उसी का है होता,
जिसकी केंद्र में सरकार है होता!
विपक्षियों से अपनी दुश्मनी साधने का,
ये सबसे बड़ा अचूक हथियार है होता!!
जब तक कोई भी भ्रस्ट राजनीतिज्ञ 
केंन्द्र के सरकार के साथ है होता,
चाहे वह कितनी भी काली कमाई 
और काली करतूत क्यों न कर ले,
इस पालतू तोता के हांथों से ,
वह हमेशा बाहर ही है होता!!
तोता आँख बंदकर तबतक है सोता,
जबतक कि वह सरकार से बाहर नहीं होता!!
--Tr राजेश कुमार एक व्यंगात्मक कविता#सरकारी तोंता#

गुमनाम नैना

एक व्यंगात्मक लेख...कुत्ता #गुमनाम_नैना #बज़्म #बज़्म_जून

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कुत्ते की कई प्रजातियां समस्त भूलोक में देखने को मिलती हैं इनमें से कुछ कुत्ते एयर कंडीशन घरों में पाए जाते हैं कुछ गलियों में आवारा कुत्ते कुछ कुत्ते पतों पर कुछ बिना पतों में पर सब में समान रुप से बचने की प्रवृत्ति नहीं पाई जाती साउंड के लिहाज से अलग-अलग समय और परिस्थितियों में इनका भौंकना इन की परवरिश के हिसाब से पाया गया है एयर कंडीशन वाले कुत्ते का भौंकना अधिक अधिकतम लिहाज जी लहजे में पाया जाता है जब की गलियों के कुत्तों से रोकने में दबंगई का एहसास होता है इनमें से कुछ कुत्तों में तो बिना भाव के ही काटने का नया प्रश्न चल निकला है जबकि फुटपाथ के कुत्ते आपस में झगड़े कम और दौड़ाते ज्यादा है ताकि उनका फुटपाथ खाली रहे कुछ एयर कंडीशन वाले कुत्तों को देखकर इन में जलन नहीं होती यह भली भांति जानते हैं कि 

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा जो जस करहिं सो तस फल चाखा

इसी सिद्धांत से भैरव जी की सवारी दत्तात्रेय की सवारी युधिष्ठिर के साथ रहने वाले से साईं बाबा के साथ रहने वाले से कभी इन्होंने विद्वेष नहीं रखा इन ईर्ष्या है तो मैं आज उनसे जिन्हें क**** भी कहा जा सकता है कलयुग में प्रभाव बढ़ जाने से यह अपने आप को ठगा महसूस करते हैं इनकी वफादारी यों का तमगा भी इन्हीं लोगों ने कब्ज़ा रखा है साथ ही यह उन कुत्तों को अपनी प्रजाति का नहीं मानते जो स्वर में भोंकते हैं इनका एक समूह इस बात पर एक वृहद आंदोलन की तैयारी में है कि इनकी जाति में अन्य जातियों को शामिल करने से इनकी अस्मिता पर आ जा रही है इन्होंने विगत कुछ दिनों में एक बयान में खुली चेतावनी समस्त समाज को दिए कि यदि भविष्य में इनके असली स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की गई तो यह बिना किसी पूर्व सूचना के बिना भाव के किसी को अगर काट ले तो इन तो इसकी जिम्मेदारी समस्त समाज की होगी

#गुमनाम_नैना #बज़्म #बज़्म_जून एक व्यंगात्मक लेख...कुत्ता #गुमनाम_नैना

गुमनाम नैना

एक व्यंगात्मक लेख...कुत्ता #गुमनाम_नैना #बज़्म #बज़्म_जून

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कुत्ते की कई प्रजातियां समस्त भूलोक में देखने को मिलती हैं इनमें से कुछ कुत्ते एयर कंडीशन घरों में पाए जाते हैं कुछ गलियों में आवारा कुत्ते कुछ कुत्ते पतों पर कुछ बिना पतों में पर सब में समान रुप से बचने की प्रवृत्ति नहीं पाई जाती साउंड के लिहाज से अलग-अलग समय और परिस्थितियों में इनका भौंकना इन की परवरिश के हिसाब से पाया गया है एयर कंडीशन वाले कुत्ते का भौंकना अधिक अधिकतम लिहाज जी लहजे में पाया जाता है जब की गलियों के कुत्तों से रोकने में दबंगई का एहसास होता है इनमें से कुछ कुत्तों में तो बिना भाव के ही काटने का नया प्रश्न चल निकला है जबकि फुटपाथ के कुत्ते आपस में झगड़े कम और दौड़ाते ज्यादा है ताकि उनका फुटपाथ खाली रहे कुछ एयर कंडीशन वाले कुत्तों को देखकर इन में जलन नहीं होती यह भली भांति जानते हैं कि 

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा जो जस करहिं सो तस फल चाखा

इसी सिद्धांत से भैरव जी की सवारी दत्तात्रेय की सवारी युधिष्ठिर के साथ रहने वाले से साईं बाबा के साथ रहने वाले से कभी इन्होंने विद्वेष नहीं रखा इन ईर्ष्या है तो मैं आज उनसे जिन्हें क**** भी कहा जा सकता है कलयुग में प्रभाव बढ़ जाने से यह अपने आप को ठगा महसूस करते हैं इनकी वफादारी यों का तमगा भी इन्हीं लोगों ने कब्ज़ा रखा है साथ ही यह उन कुत्तों को अपनी प्रजाति का नहीं मानते जो स्वर में भोंकते हैं इनका एक समूह इस बात पर एक वृहद आंदोलन की तैयारी में है कि इनकी जाति में अन्य जातियों को शामिल करने से इनकी अस्मिता पर आ जा रही है इन्होंने विगत कुछ दिनों में एक बयान में खुली चेतावनी समस्त समाज को दिए कि यदि भविष्य में इनके असली स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की गई तो यह बिना किसी पूर्व सूचना के बिना भाव के किसी को अगर काट ले तो इन तो इसकी जिम्मेदारी समस्त समाज की होगी

#गुमनाम_नैना #बज़्म #बज़्म_जून एक व्यंगात्मक लेख...कुत्ता #गुमनाम_नैना

Dr Vikas Singh

महिला दिवस के पाखंड पर लिखी गई एक व्यंगात्मक कविता

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Kamlesh Jain

सालो से शोषित मध्यम वर्ग पर व्यंगात्मक और और ओज रस से मिश्रित रचना मिडिल क्लास हो तुम #कविता #nojotovideo

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Satish Chandra

खिचड़ी सी सादगी मेरे जीवन में आई
जब से बनी तू मेरी लुगाई,

मिर्च न मसाला रहा उस जहाँ में
जिस जहाँ में थी बस तेरी अगुवाई,

न जाने कैसे और क्यूँ पड़ा उस लफड़े में
जिस लफड़े में बस तेरी ही उल्फत थी छाई,

रोया मैं, खुद में ही खोया मैं
थी तब भी क्यूँकि मेरे पीछे तेरी परछाई,

न ये कर सकता न वो कर सकता
कुछ करने से पहले होना है तेरा अनुयायी,

जिंदगी का सारा सार ख़त्म हुआ शादी कर के
खिचड़ी सी सादगी लाई जब से तू बन मेरी लुगाई।

-Satty #खिचड़ी

#YQdidi

YourQuote Didi

#हिन्दी #सादगी

AAPAN BAAT

रोजगार चाहिए ?? नहीं मिलेगा !! एक व्यंगात्मक प्रयास ! 🤗🤗 #myvoice #aapanbaat #students #berojgari #PoetryOnline #poetryonissue #Rojgaar #sarcasm #modi_rojgar_do

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Suchita Pandey

// गधा..भ्रष्ट प्रशासन.. //

अतिसचेत  हैं  कान  खड़े  हैं ,
हम  लोगों  से  बहुत  बड़े  हैं !

               अनुशासित हैं, थिंक  टैंक  हैं,
               चिंताओं  से  पूर्ण   ब्लैंक   हैं ।

किसी बात का न कोई असर इन पर ,
सींग  नहीं  हैं  इनके  सर  पर !

               आओ  गर्दभ  के  गुण गायें ,
               गली - गली में माला पहनाएं ।

यह  राजाओं  के  राजा  हैं ,
बजा  रहे  सबका  बाजा  हैं !

               इनकी  जो  आरती  उतारे ,
               वही  करें  सब  वारे  न्यारे ।

- सुचिता पाण्डेय✍


 #व्यंगात्मक_कविता
#भ्रष्टराजनीति
#प्रशासन
#समाज़
#राजनीतिकपाखंड

// गधा..भ्रष्ट प्रशासन.. //

Mahima Jain

नमस्कार, जैसा की आप सभी जानते है कि हमारी हिन्दी भाषा का मूल है स्वर और व्यजंन। स्वर और व्यजंन के संगम से बनते है वर्ण और वर्णों के मेल से श #Humour #YQMeme #yqhumour #व्यंगात्मक_कविता #prantitask1 #merivarnkavita #prantimahima #pranti2021

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•| वर्ण कविता |•

चंचल समझ कर लाए थे, निकली वो चंडाल
चांद सी थी सुंदर, पर नहीं थी ज़रा भी निर्मल
चिल्लाती थी ऐसे, जैसे हो फटे बांस का स्पीकर
चुप हो जाए लगता था, मर गया कोई घर के भीतर।।
 नमस्कार,
जैसा की आप सभी जानते है कि हमारी हिन्दी भाषा का मूल है स्वर और व्यजंन।
स्वर और व्यजंन के संगम से बनते है वर्ण और वर्णों के मेल से श

Richa Mishra

तुम अमरोहा की रहने वाली मै अपने परिवार का जान प्रिय ! तुम दो एकड़ मकान में रहने वाली मैं दो कमरे का मालिक हूं ! तुम स्कूटी से चलने वाली मै #व्यंग्य #व्यंगात्मक_कविता #व्यगांत्मक

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|| व्यंगात्मक चित्रण ||

° काल्पनिक रूपरेखा °

( पढ़े अनुशीर्षक में )
 तुम अमरोहा की रहने वाली 
मै अपने परिवार का जान प्रिय !
तुम दो एकड़ मकान में रहने वाली 
मैं दो कमरे का मालिक हूं !
तुम स्कूटी से चलने वाली
मै
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