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DHAKAD HAI HARYANA
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Rahul Jai Gupta
Kashinath Dubey
अदनासा-
Ravendra
Nisheeth pandey
शीर्षक - चॉकलेट --------- प्रेम में विव्हल होकर पहली बार प्रेम में मैंने सबसे पहले भेंट किया था.... चॉकलेट । दिया था मैंने कोमलता और सुंदरता के प्रति अपना योगदान। रैपर में बंद मेरे प्रेम का मीठा एहसास शायद उस वक्त का सूचक था..... उसने भी अपने मन की प्रीति दिखाई मेरे प्रति उसने भी जताया मीठा मीठा सा प्रेम सबसे पहले उसने भी मुझको भेंट की.... चॉकलेट । यह था मेरा और उसका मीठा मीठा एहसास जैसे हमने मांगा था, आसमां से कुछ पल अपने लिए नए रिश्तों में मिठास ही मिठास। प्रेम में जब सबसे पहले लिखीं होगी किसी ने किसी पर कविता.... भौतिक युग में कदाचित कवि ने सबसे सुंदर भेंट चॉकलेट की सराहनीय स्थिति कहीं होगी। "प्रेम से प्रेम में और प्रेमी ने प्रेमिका या प्रेमिका ने प्रेमी को दी गई होगी।" चॉकलेट..... पर रैपर में बंद चॉकलेट चॉकलेट और रैपर का सम्बंध कैसा उफ्फ ये मिलन और जुदाई सफर है कैसा .... फट जाए गर रैपर चढ़ जाए जैसे बलि मिठास प्रेम की जुदाई में मीठापन का अंत स्थिति कैसी रैपर की अब .... न कोई जाने न कोई समझे ..... #निशीथ ©Nisheeth pandey #chocolateday शीर्षक - चॉकलेट --------- प्रेम में विव्हल होकर पहली बार प्रेम में मैंने सबसे पहले भेंट किया था.... चॉकलेट । दिया था मैंन
Ravendra
Mili Saha
// मैरी कॉम // स्वयं की प्रतिभा और हुनर के दम पर इतिहास रचाया, भारत ही नहीं संपूर्ण नारी जाति को गौरवान्वित किया, मुफ़लिस भी रोक ना पाई जिसके बढ़ते हुए कदमों को, मैरी कॉम वो नाम, जिसने खुद अपना आसमां बनाया। आर्थिक रूप से कमज़ोर गरीब कृषक का था परिवार, जन्मी जहांँ ऐसी प्रतिभा, जिसे जाने आज पूरा संसार, किसी प्रकार होती थी गुजर-बसर खेतों में करके काम, कदम-कदम पे कितनी चुनौतियांँ फिर भी न मानी हार। पांँच भाई बहनों में सबसे बड़ी सभी का ख़्याल रखती, पढ़ाई के साथ खेतों में माता पिता का हाथ भी बंटाती, माता थी मांगते अक्हम कोम, पिता मांगते तोंपा कोम, जिनकी बेटी मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम बड़ी निडर थी। शिक्षा पर आर्थिक स्थिति को कभी होने न दिया हावी बचपन से ही खेल-कूद में रूचि, किरदार बड़ी मेधावी, ख़्वाब एथलीट बनने का फुटबॉल बखूबी खेला करती, दृढ़ विश्वास से ढूंँढ निकाली सुनहरी किस्मत की चाबी। मणिपुर में जन्मी बॉक्सिंग चैंपियन की अजब कहानी, एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट का प्रभाव हुआ सुनामी, जिसने बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं भाग कभी लिया नहीं, उसने बॉक्सिंग क्षेत्र में, अपना कैरियर बनाने की ठानी। ( पूरी कविता अनुशीर्षक में ) ©Mili Saha मैरी कॉम सामने खड़ी थी कई चुनौतियांँ माता-पिता नहीं तैयार, बॉक्सिंग पुरुषों का खेल महिला को कैसे करे स्वीकार, ऐसे में कैरियर बनाना था किसी