Find the Latest Status about कैलकुलेशन का हिंदी मीनिंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कैलकुलेशन का हिंदी मीनिंग.
Author Harsh Ranjan
न! मैं इतना भी भोला नहीं! मैं बोला, मैंने मुँह खोला तक नहीं! लेकिन बाज़ार देखकर ये समझ पा रहा हूँ कि वो सफाई का सिपाही नहीं है, झाड़ू बेचने वाला हर बन्दा चुपचाप गंदगी फैला रहा है! ...और मेरे कानों में दूर से आता एक भाषण घुसता चला जा रहा है! मुझे लगता है कि उसका उच्चारण या तो समझ या तर्क निवारण गलत या बड़ा गंभीर है, वो अर्थ और अनर्थ की सीमा से खेलता बड़ा हुनरमंद वजीर/फकीर है! जिंदगी की कुछ सच्चाइयां मौन रहकर भी इतनी बलवती हैं अर्थ उनके समर्थक हैं भले वो शब्द क्यों न एक चुनौती हैं! अहिंसा! एक गोल, सफेद रोटी है, जिसके नीचे चूल्हे में राख ही राख है, मुझे लगता है हिंसा का न होना असल में हिंसा की मोल-तोल और वजन-नाप है। पीछे मुड़कर देखता हूँ कुछ मेमने झाड़ों से लड़ पड़े हैं, न लहू, न कराह, फिर भी हम फट पड़े हैं। फिर हमने पाया, झाड़ों में प्राण नहीं होते, किसी ने तपाक से कहा, बकरे भी तो महान नहीं होते। एक कैलकुलेशन
Author Harsh Ranjan
न! मैं इतना भी भोला नहीं! मैं बोला, मैंने मुँह खोला तक नहीं! लेकिन बाज़ार देखकर ये समझ पा रहा हूँ कि वो सफाई का सिपाही नहीं है, झाड़ू बेचने वाला हर बन्दा चुपचाप गंदगी फैला रहा है! ...और मेरे कानों में दूर से आता एक भाषण घुसता चला जा रहा है! मुझे लगता है कि उसका उच्चारण या तो समझ या तर्क निवारण गलत या बड़ा गंभीर है, वो अर्थ और अनर्थ की सीमा से खेलता बड़ा हुनरमंद वजीर/फकीर है! जिंदगी की कुछ सच्चाइयां मौन रहकर भी इतनी बलवती हैं अर्थ उनके समर्थक हैं भले वो शब्द क्यों न एक चुनौती हैं! अहिंसा! एक गोल, सफेद रोटी है, जिसके नीचे चूल्हे में राख ही राख है, मुझे लगता है हिंसा का न होना असल में हिंसा की मोल-तोल और वजन-नाप है। पीछे मुड़कर देखता हूँ कुछ मेमने झाड़ों से लड़ पड़े हैं, न लहू, न कराह, फिर भी हम फट पड़े हैं। फिर हमने पाया, झाड़ों में प्राण नहीं होते, किसी ने तपाक से कहा, बकरे भी तो महान नहीं होते। एक कैलकुलेशन
Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
Manoj Bhatt
(हिन्दी का उद्भव और विकास) हिंदी से मैं पढ़ा लिखा हिंदी की बात बताता हूं, हिंदी है मां मेरी में उसकी गाथा गाता हूं। संस्कृत है जननी उसकी उर्दू कि वो बहन बनी, पांचों को फिर गोद लिया ना जाने कितनों का रूप बनी। तुलसी का वो मानस है सुर-मीरा का गीत बनी, वीरों का वो रासो है जन-जन का संगीत बनी। अ अज्ञानी से शुरू हुई ज्ञ ज्ञानी बना कर छोड़ा है, ऐसी है वो मां हिंदी जिसने सबका दिल जोड़ा है। ऐसी हिंदी की गाथा कैसे तुम्हें बताऊं मैं, चंद शब्दों में कैद कर महिमा कैसे गाऊ में ।। (m.bhatt) ©Manoj Bhatt #हिंदी का विकास
U shivan rajauria
हिंदी दिवस की शुरुआत कैसे हुई? हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत 1953 में भारत के प्रधानमंत्री पद पर पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit jawaharlal nehru) ने संसद भवन में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से हर साल इस दिन को नेशनल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. ©U shivan rajauria #Hindidiwas हिंदी का प्रारम्भ
Amit Singhal "Aseemit"
हिंदी साहित्यिक मंचों का बहुत वृहत है यह संसार, मंचों के सब रचनाकारों का बन गया है एक परिवार। बहुत गुणी और भांति भांति के रचनाकारों से है भरा, जैसे विभिन्न प्रकार के वृक्षों से भरी है हमारी यह धरा। ©Amit Singhal "Aseemit" #हिंदी #साहित्यिक #मंचों #का
Bambhu Kumar (बम्भू)
नेता और उनके पालतू बेटो ने आपके दिमाग के साथ खेलने का काम शुरू कर रखा है। डिजिटल युग में यह भी एक दौर है जब आपके दिमाग में डिजिटल माध्यमों से कूड़ा भरा जा रहा है। अपने दिमाग को कूड़ेदान होने से बचाएं किताबें पढ़ें सही जानकारीे लें सतर्क रहें जागरूक रहें जय हिंद जय हिंदी हिंद का मतलब हिंदुस्तान हिंदी का मतलब हिंदुस्तानी #जय #हिंदी #जय #हिंद