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Vikas Sharma Shivaaya'
भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं-भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है- रिद्धि और सिद्धि भगवान विश्वकर्मा की पुत्रियां हैं..., भाई-बहन-भगवान कार्तिकेय ( बड़े भाई ) ,भगवान अय्यपा ( बड़े भाई ) , देवी अशोकसुन्दरी ( बड़ी बहन ) , देवी ज्योति ( बड़ी बहन ) और मनसा देवी ( बड़ी बहन) संतान-शुभ (बड़ा बेटा "शुभता का प्रतीक"), लाभ (छोटा बेटा "लाभ का प्रतीक"), और मां संतोषी (बेटी "संतुष्टि की देवी") शास्त्र-गणेश पुराण, शिव महापुराण और मुदगल पुराण प्रतीक-स्वास्तिक और मोदक अस्त्र-त्रिशूल, तलवार, अंकुश, पाश, मोदक और परसु अन्य नाम-गणपति, विनायक, गजानन, गणेश्वर, गैरीनंदन, गौरीपुत्र, श्री गणेश, गणधिपति, सिद्धिविनायक, अष्टविनायक, बुद्धिपति, शुभकर्ता, सुखकर्ता विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 359 से 370 नाम 359 हविर्हरिः यज्ञों में हवि का भाग हरण करते हैं 360 सर्वलक्षणलक्षण्यः परमार्थस्वरूप 361 लक्ष्मीवान् जिनके वक्ष स्थल में लक्ष्मी जी निवास करती हैं 362 समितिञ्जयः समिति अर्थात युद्ध को जीतते हैं 363 विक्षरः जिनका क्षर अर्थात नाश नहीं है 364 रोहितः अपनी इच्छा से रोहितवर्ण मूर्ति का स्वरुप धारण करने वाले 365 मार्गः जिनसे परमानंद प्राप्त होता है 366 हेतुः संसार के निमित्त और उपादान कारण हैं 367 दामोदरः दाम लोकों का नाम है जिसके वे उदर में हैं 368 सहः सबको सहन करने वाले हैं 369 महीधरः पर्वतरूप होकर मही को धारण करते हैं 370 महाभागः हर यज्ञ में जिन्हे सबसे बड़ा भाग मिले 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं-भगवान गणेश की पत्नी का नाम रिद्धि और सिद्धि है- रिद्धि और सिद्धि भगव
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 "वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघनम कुरु मे देव, सर्वकार्येषु शुभ सर्वदा।।" “हे हाथी के समान विशाल गणेश, आपका तेज सूर्य की एक हजार किरणों के समान है, मेरे सभी कार्यों को हमेशा बिना किसी विघ्न बाधा के पूरा करें।” गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रमास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था,इसलिए हर साल भाद्र मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है-गणेश को वेदों में ब्रह्मा, विष्णु, एवं शिव के समान आदि देव के रूप में वर्णित किया गया है..., भगवान श्री गणेश सभी देवों में प्रथम पूज्य हैं, शिव के गणों के अध्यक्ष होने के कारण इन्हें गणेश और गणाध्यक्ष भी कहा जाता है -भगवान श्री गणेश मंगलमूर्ति भी कहे जाते हैं क्योंकि इनके सभी अंग जीवन को सही दिशा देने की सिख देते हैं..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणेश का मस्तक बड़ा है इसका मतलब है कि बड़े मस्तक वाला व्यक्ति काफी बुद्धिमान होता है,वह अपने बुद्धि बल से बड़ी से बड़ी समस्याओं का अंत कर सकता है, गणेश जी का बड़ा मस्तक यह भी बताता है कि इंसान को अपनी सोच को हमेशा बड़ा रखना चाहिए, तभी वह अपना मुकाम हासिल कर सकता है- छोटी सोच इंसान को आगे बढ़ने नहीं देती..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणेश के कान सूप की तरह बड़े हैं, बड़े कान चौकन्ना रहने का संकेत देते हैं- साथ ही सबकी सुनना और फिर अपनी बुद्धि और विवेक के आधार पर निर्णय लेते हैं,गणेशजी के बड़े कान यह भी शिक्षा देते हैं कि आप वही सुनें जो आपको ज्ञान देता हो, बेकार और बुरी बातों को कान तक पहुंचते ही बाहर कर दें..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गणपति बप्पा की आंखें छोटी है, छोटी आंख का मतलब होता है कि व्यक्ति चीजों के बेहद गंभीरता से लेता है और चिंतनशील भी है,छोटी आंख बताती है कि हर चीज की गहराई से अध्यन करें और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए, ऐसा व्यक्ति जीवन में कभी धोखा नहीं खाता और फैसला बिल्कुल सही होता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणपति की सूंड हमेशा हिलती रहती है,इसका मतलब होता है कि जीवन में हमेशा एक्टिव रहना चाहिए, हमेशा उसे काम करते रहना चाहिए-जो व्यक्ति जीवन में एक्टिव नहीं रहता, सफलता उसे हमेशा देरी से मिलती है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणेश का पेट बहुत बड़ा है और यह खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, बड़े पेट का मतलब है कि अच्छी और बुरी बातों का समझें अर्थात उनको सही पचा लें और फिर अपना निर्णय दें-जो व्यक्ति ऐसा करता है, वह हमेशा अपने निर्णयों को सुझबुझ के साथ लेता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की एक बार परशुराम और भगवान गणेश की लड़ाई में परशुराम ने अपने फरसे से भगवान गणेश का एक दांत काट दिया और उन्होंने उसी टूटे दांत से पूरा महाभारत ग्रंथ लिख दिया,एक दांत होने की वजह से भगवान गणेश का नाम एकदंत भी है-एकदंत से यह शिक्षा मिलती है कि हमको हर चीज का सदुपयोग करना चाहिए, जीवन में हर चीज आपके काम आ सकती है.. , जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणपति का प्रिय भोग मोदक है, मोदक का अर्थ है कि आनंद देने वाला, जिसमें आनंद मिलता हो-साथ ही मोदक मान का प्रतीक है, इसलिए उसे ज्ञानमोदक भी कहते हैं,मोदक को ज्ञान का प्रतीक माना गया है-जिसका अर्थ है कि हमेशा सात्विक और शुद्ध होना चाहिए, जिससे वह जीवन का आनंद ले सके..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणेश के शस्त्र का नाम कुल्हाडी है,कुल्हाड़ी से गणपति ने कई राक्षसों का अंत किया है। इससे ना सिर्फ वह राक्षसों का अंत करते थे, हाथों में कुल्हाड़ी दर्शाती है कि वह सभी बंधनों से मुक्त हैं,अगर मनुष्य चाहे तो वह भी क्रोध, लालच और बुराइयों को काट सकता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की भगवान गणेश का वाहन मूषक अर्थात चूहा है, गणेशजी ने चूहे को अपना वाहन बनाया है इसका अर्थ यह है कि मनुष्य को अपनी इच्छाओं पर सवारी करनी चाहिए तभी जीवन में उसको सफलता मिलती है ..., आखिर में एक ही बात समझ आई की भगवान गणेश अपने एक हाथ से सभी को आशीर्वाद देते हैं, वह प्रथम पूजनीय हैं और ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं- वह हमेशा ज्ञान और सुख व शांति का आशीर्वाद सभी को देते हैं, वह जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और सभी की मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद भी देते हैं...! अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 "वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघनम कुरु मे देव, सर्व
Harvinder Ahuja
हमारे शरीर और मन में गहरे सम्बन्ध हैं। हमारी मानसिकता हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के संदेशों का प्रसार करती है। दूसरी ओर हमारा मन अपनी मानसिक तंरगो से विभिन्न संदेशों का प्रसारण करता है और उनको ग्रहण भी करता है। कभी आंख का फड़कना, कभी दिल का अजीब तरह से धड़कना विभिन्न प्रकार की आने वाली विपत्तियों की सुचना देता है। कभी हमें जाने अनजाने छींक आती है तो मन व्याकुल हो उठता है कि ना जाने कौन याद कर रहा है। छींक क्या कहती है,उस पर भी ज़रा गौर फरमाइए। • एक छींक आए तो कोई आपको याद कर रहा है। • दो छींक आए तो कोई आपको बहुत याद कर रहा है। • तीन छींक आए तो जो आपको याद कर रहा है, आपसे मिलने को व्याकुल है। • चार छींक आए तो जो आपको याद कर रहा है,आपसे मिलने को बहुत ज्यादा व्याकुल है। • अगर पांच छींक आए तो ........... किसी डॉक्टर की सलाह लें। ©Harvinder Ahuja #छींक पुराण
Sunita Bishnolia
सकल सृष्टि माँ-तात है, गणपति दीनों ज्ञान अंतर में भगवन बसे,सब कर लीजो ध्यान।१। विघ्न धरा से तुम हरो,गौरी-पुत्र गणेश। तम काटो अज्ञान के,रहे न भगवन लेश।२। प्रथमपूज्य गणदेवता,करो जगत उद्धार। मानस मन से त्याग दे,घृणित तुच्छ विचार।३। #सुनीता बिश्नोलिया© #जय गणेश #जय गणेश
LINKAN KUMAR
प्रेम तो बेरो़गारी में ही होता है। शादी तो नौकरी देख कर किया जाता है।। #Dreams प्रेम पुराण
Surendra bhukal
मैं चाहता हूं जब भी मैं आखिरी सांस लू, वो मुझे अपनी आवाज़ में गरुण पुराण सुनाने आए!! # ©Surendra bhukal गरुण पुराण #BooksBestFriends