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Rameshwar Shingade
New Year 2025 aap sab ko meri taraf se Happy New year badhai ho 2025 ©Rameshwar Shingade #Newyear2025 आ
Mahesh Patel
White सहेली...... आंखें उसकी सजल है.. बातें उनकी सरल है.. घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है.. कैसे कहूं यारों.. वह गीत है वह मित भी है.. यह दर्द में डूबी हुई.. फिर कोई हमारी गजल है.. लाला..….. ©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....
सहेली... गजल... लाला....
read moreMohan Sardarshahari
Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari # गजल
# गजल
read moreAshvani Kumar
White तुम ना दो जवाब अब मैं सवाल नहीं करता तुम डरना नहीं मुझसे, मैं बवाल नहीं करता वक़्त बर्बाद नहीं करता उन बीते पलों को याद कर के भूल गया हर वो बात, अब उन पर मलाल नहीं करता कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम तुम्हे याद करने की गलती मैं हर बार नहीं करता अब मिलने लगा हूँ हर शख्स से जो तुम्हे नापसंद थे तुम्हारी वजह से अब अपने रिश्ते खराब नहीं करता बेफिजूल है 'बेफ़िज़ूलियत' को अपनी बातें समझाना तुम पर ऐतबार करने की गलती मैं बार बार नहीं करता।। ©Ashvani Kumar कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम
कभी धोखे से आ जाता जुबान पर तुम्हारा नाम
read moreAshok Verma "Hamdard"
White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard" गजल
गजल
read moreAnuradha T Gautam 6280
#खिड़की खिड़की पर बैठे-बैठे शाम भी उतरने लगती और रातें भी बीत जाती पर सब्र की आंख अपने इंतजार में लगी रहती..🖊️
read moreकाव्य महारथी
आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता
read moreकाव्य महारथी
आ. संध्या श्रीवास्तव 'साँझ 'छतरपुर मध्यप्रदेश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता देशभक्ति कविताएँ बारिश पर कवित
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