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Shivkumar
White कभी अपने अस्तित्व को खोज करना कभी अपनी खुशियों की खोज करना अगर मुनासिब हैं हसना, आकाश के नीचे बैठ कर तो दूर किन्ही पर्वतों पर तारो की खोज करना ©Shivkumar #mountain #Mountains #Nojoto कभी अपने अस्तित्व को #खोज करना कभी अपनी #खुशियों की खोज करना अगर मुनासिब हैं #हसना , आकाश के नीचे बैठ कर
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के लिए, अपने अनन्त जीवन, अपने सत्यस्वरूप, अपने चेतन स्वभाव के कारण हम सभी जीव अपने जीव अंशी की सत्ता पाकर अपने अस्तित्व में विचरण करने के लिए परेरित हैं।। जय श्री राधे कृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #Night {Bolo Ji Radhey Radhey} हम सब भगवान श्री कृष्ण के जीव अंस है, इसीलिए अविनाशी है, अमर सत्ता है, अनन्त है, अनन्त काल से अनन्त काल के
वंदना ....
Swati kashyap
Life Like अस्तित्व हीन कोई ख्वाब आंखे मूंदे पड़ा है कहीं जिनका अब कोई अस्तित्व न होने में है.... ©Swati kashyap #अस्तित्व#Lifelike
Ganesh joshi
Village Life * मानव अस्तित्व की समस्या का संतोषजनक और समझदारीभरा जवाब सिर्फ प्रेम है। -एरिक फ्रॉम ©Ganesh joshi #villagelife * मानव अस्तित्व की समस्या का संतोषजनक और समझदारीभरा जवाब सिर्फ प्रेम है। -एरिक फ्रॉम #shayri #story #
सिद्धार्थ गौतम
जब मैं अस्तित्व में नही था तब तो मैं ये शिकायत भी नही कर सकता था के मैं अस्तित्व में क्यो? नही हूँ अभी अस्तित्व में हूँ तो किस? बात की शिकायत करूं। सब परमात्मा का। ©सिद्धार्थ गौतम #अस्तित्व
bhim ka लाडला official
Arora PR
क्या कभी तुमने अतिथि की आवक और अतिथीं के औचित्य का महत्व समझने की कोशिश की हैँ? इतना भर जान लो कि अगर अतिथी का जगत मे अस्तित्व न होता तो हर घर फिर घर न होकर कब्र होता . हर ©Arora PR अतिथि का अस्तित्व और औचित्य
Shivkumar
// अनमोल वचन // तेज हवा के कारण सागर की लहरें उठती हैं और सागर में ही समा जाती हैं । उनका अलग कोई अस्तित्व नहीं होता, ऐसे ही परमात्मा के बिना मानव का कोई अस्तित्व नहीं होता ।। ©Shivkumar #gururavidas #अनमोल_वचन #Nojoto #anmolvachan // अनमोल वचन // तेज हवा के कारण #सागर की #लहरें उठती हैं और सागर में ही #समा जाती हैं,
Shankar Kamble
मीच माझ्या वांझ मनाशी एक करार केला आहे श्वासापुरते जगणे केवळ लयास माणूस गेला आहे... नकोच उसन्या सुखदुःखाची रंगीत झालर चमचमणारी श्रावण सरता वैशाखाची दाह,होरपळ धूसमुसणारी... रोज पाहतो त्याच राऊळी तीच प्रभावळ तो वनमाळी लोभ, वासना दंभपणाची भणंग घेऊन फिरतो झोळी... कांगोऱ्यांनी सजले –नटले खुले अंगण निळ्या नभाचे बिंब उमटता रक्त वर्णी ते कोश लोपले गर्द ढगाचे... उगाच वाटे डोळ्यामधला पाझर आता आटून गेला किती पेरले कोंब तरीही तळ मनाचा सुकून गेला... एकच जीवन एकच जगणे एक धून पण कैक तराने रंगमंच हा युगा युगांचा पडदा पडता येणे– जाणे... ©Shankar Kamble #माणूस #माणूसम्हणूनजगताना #जीवन #लढा #जगणं #अस्तित्व #प्रेम #चिंतन