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Mď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ."
कà¥à¤¯à¤¾ लिखूठजो सुकून का राज़ था लफ़्ज़ों में दबकर रह गया मौत का फ़रिश्ता आकर कानों में कुछ कह गया ©Mď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ." #PoetInYou #सुकून का #राज़
manju Ahirwar
मन की व्यथा सुनाऊं तो किसे ? कोई है अपना ।? शायद नहीं..... कौन जाने कितना टूटा हुआ है अंदर ही अंदर बिखर रहा है। जख्म अब नीले या हरे नहीं होते कोई पूछे तो अब शब्दों में बयां नहीं होते । जो है ,अपना है,अपने तक ही रख लूं ना बताऊं किसी को , ये राज़ , राज़ ही रख लूं।।। ©manju Ahirwar #मन #राज़ #व्यथा #Life
Anshu Choudhary
तेरी मुस्कान की चाहत में दिल तड़पता है, तेरी बातों की खुशबू में जिंदगी बदल जाती है। तू है मेरी जिंदगी का राज़, तेरे बिना कुछ भी अधूरा सा लगता है। ©Anshu Choudhary #मुस्कान #चाहत #खुशबू #राज़ #अधूरा
Mansha Sharma
White 🍁 मन के भाव 🍁 No_3359 राज राज की बात है नही यह कोई आज की बात है वह बीते दिनों की थी बात बीते हुए उस लम्हे के दर्द की उसने दी मुझे सौगात अपने मे समेट लिया तुम्हारा वो राज हम थे नादान ना था जरा सा भी आगाज उस पल को देख खो गई थी मेरी आवाज हमीं पीड़ित हमीं गवाह हमीं तुम्हारे हमराज़ उसके नाम के सिवा कुछ नहीं याद जिसे चाहा उसी ने किया बर्बाद मनशा नही कि हम अपना राज़ किसी को बताएं कैसे किसी को कहे कि हम उसी के है सताए यह राज़ हमारे साथ ही एक दिन दफन हो जाए उसका राज राज ही रह जाए स्वरचित_सुरमन_✍️ 17/4/24 ©Mansha Sharma #मन के भाव #सुरमन_✍️ #राज़ #Emotional #nojato
अदनासा-
ख़ोज ज़ारी रख हर रोज़ क्या पता इस रोज़ मेरा आना इक राज़ रह जाए ©अदनासा- #हिंदी #रोज़ #राज़ #जिंन्दगी #alone #आना #रह #Instagram #Facebook #अदनासा
Satyam
White आगे उन्हें एक हवलदार सरकारी वर्दी पहने हुए दिखा। राजा ने उसके पास जाकर पूछा- “महाशय अमुक स्थान जाने का रास्ता क्या है, कृपया बताइए?” हवलदार में अकड़ कर कहा- “मूर्ख तू देखता नहीं, मैं हाकिम हूं, मेरा काम रास्ता बताना नहीं है, चल हट किसी दूसरे से पूछ ©Satyam Satyam #Dosti part 2 Maharaja vikramaditya #satyamsatyam#2
Sachin Maurya
White Aksar indino raatein kaafi choti pad gayi hain Or waqt jaise Paraya sa lagta hai... Raat or din ko jaise Koi shikayat ho hamse... Door kisi khwab se Apno se pare Waqt bahot kuch chin le jaata hai... Manzilon ko paane mein Hamne apne dil ko hi bech aaye... Or is jamane mein Waqt se thoda der ho aaye... Tab Akelepan ka ehsaas hota hai kahin Ki dil khamoshion ki ek nai karvatein le Raha... Phir koi nayi dhun kore kaagaz pe Dil k Alfaazon ko kisso mein utarta.. Or kuch is tarah ham musafir Apni yaadon ko samete khamosiyon ki ek or Kiran ko aagaz dete... Raatein kaafi choti pad gayi hain... ©Sachin Maurya Waqt 2