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KP STUDY HD video editing apps for Android mobile ©KP STUDY HD ऐसा माना जाता है कि अगर आप पर एक बार शनिदेव की कृपा हो गयी तो आप रातोंरात हर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर लेते हैं. बुरा करने वाले को शनिदेव
N S Yadav GoldMine
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर :- मान्यता है की यहां रखा है भगवान गणेश का कटा हुआ सिर:- 🎷 उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा भक्तों की आस्था का केंद्र है। यह गुफा विशालकाय पहाड़ी के करीब 90 फीट अंदर है। यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। यहां विराजित है गणेशजी का कटा मस्तक :- 🎷 हिंदू धर्म में भगवान गणेशजी को प्रथम पूज्य माना गया है। गणेशजी के जन्म के बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया। 🎷 पाताल भुवनेश्वर में गुफा में भगवान गणेश कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल सुशोभित है। इससे ब्रह्मकमल से पानी भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है। मुख्य बूंद आदिगणेश के मुख में गिरती हुई दिखाई देती है। मान्यता है कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था। पत्थर बताता है कब होगा कलयुग का अंत :- 🎷 इस गुफाओं में चारों युगों के प्रतीक रूप में चार पत्थर स्थापित हैं। इनमें से एक पत्थर जिसे कलियुग का प्रतीक माना जाता है, वह धीरे-धीरे ऊपर उठ रहा है। माना जाता है कि जिस दिन यह कलियुग का प्रतीक पत्थर दीवार से टकरा जायेगा उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा। पौराणिक महत्व :- 🎷 स्कन्दपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहाँ आते हैं। यह भी वर्णन है कि त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफ़ा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफ़ा के भीतर महादेव शिव सहित 33 कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में जगदगुरु आदि शंकराचार्य का 822 ई के आसपास इस गुफ़ा से साक्षात्कार हुआ तो उन्होंने यहां तांबे का एक शिवलिंग स्थापित किया क्या है इस गुफा मंदिर के अंदर? 🎷 इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले मेजर समीर कटवाल के मेमोरियल से होकर गुजरना पड़ता है। कुछ दूर चलने के बाद एक ग्रिल गेट मिलता है जहां से पाताल भुवनेश्वर मंदिर की शुरुआत होती है। यह गुफा 90 फीट नीचे है जो बहुत ही पतले रास्ते से होकर इस मंदिर के अंदर घुसा जाता है। थोड़ा आगे चलने पर इस गुफा के चट्टान एक ऐसी कलाकृति बनाते हैं जो दिखने में 100 पैरों वाला ऐरावत हाथी लगता है। फिर से चट्टानों की कलाकृति देखने को मिलती है जो नागों के राजा अधिशेष को दर्शाते हैं। कहा जाता है कि अधिशेष ने अपने सिर के ऊपर पूरी दुनिया को संभाल कर रखा है। 🎷 पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में चार द्वार हैं जो रणद्वार, पापद्वार, धर्मद्वार और मोक्षद्वार के नाम से जाने जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पापद्वार बंद हो गया था। इसके साथ कुरुक्षेत्र की लड़ाई के बाद रणद्वार को भी बंद कर दिया गया था। यहां से आगे चलने पर चमकीले पत्थर भगवान शिव जी के जटाओं को दर्शाते हैं। ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान गणेश के कटे हुए सिर को स्थापित किया गया था। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रकृति द्वारा निर्मित और भी कलाकृति मौजूद हैं। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर? 🎷 अगर आप रेलवे के रास्ते हैं यहां आना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे करीब टनकपुर रेलवे स्टेशन पड़ेगा। आप चाहें तो काठगोदाम रेलवे स्टेशन से भी यहां सकते हैं। अगर आप एयरवेज के रास्ते से यहां आना चाहते हैं तो पंतनगर एयरपोर्ट यहां से 226 किलोमीटर दूर है। N S Yadav... ©N S Yadav GoldMine #boat पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है इस मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तार से जाने !! 🔔 {Bolo Ji Radhey Radhey} पाताल भ
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Divyanshu Pathak
रूप विलोकि नयन अटके चटके हिय के सब तार मेरे सुध बुध सब बिसराय दई पुलकित मन बेचैन हुआ तरुणाई पे तेरी ये सिर पटके ! :💕👨Good morning ji ☕☕🍉🍫🍫☕☕💕💕🍀☘🙏🌱🍨🍧 : निश्चित ही बिजली का आविष्कार बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने किया लेकिन बेंजामिन फ्रेंक्लिन अपनी एक किताब में लि
Nisheeth pandey
रोटी बनाया गया मुझे 😍व्यंग्य😋 ||जब प्रेमिका से हुई अनबन फिर मेरी प्रेमिका ने खुन्नस यूँ निकाली|| मेरी प्रेमिका आटा गूँथते हुए मेरा नाम बड़बड़ा रही थी खुन्नस कैसे निकालू सोच रहीं थी आटे की लोई को गोल गोल घुमा मुठ्ठी में भड़ी थी मानो चुरैल के हाथों में मेरी मुंडी फसी थी तुझे तो ऐसे ही मचोड मचाड़ कर कचुंबर निकालूंगी सच कहूं तो कोयल आज काग की आवाज में बड़बड़ा रही थी चकला को पत्थर समझ पटकी थी अब बेलन से कुटाई की बाड़ी थी आज प्रेम पुजारीन चन्ठि बन गयी थी बेचारे लोई का भी मेरे कारण सामत आई थी कभी बेलन से दबा रही थी उठे हुए भाग को दबा दबा दम निकाल रही थी उठा दबा भाग को थपिया रही थी एक बराबर मोटाई में लायी थी गोल गोल चपटी रोटी पर मेरा नाम देख चांद सा कच्चा रोटी मुस्कुरा रहा था पता नहीं क्या सूझी बेली हुई रोटी पर मेरा नाम लिखी थी समान गोलाई-मोटाई देकर रोटी पर मेरा नाम देख प्रेमिका स्वयं गर्म ताबा सा लहक रही थी नाक मुंह बिचकाते गर्म तांबे पर मेरा नाम लिखा रोटी को दे पटका था मैं पक रहा था वो घूर रही थी नकचीड़ी अब बड़बड़ाती है- देख तुझे पका पका कर क्या हाल करती हूँ इसमें तेरी कमिनापंथी आवारागर्दी मक्कारी झारती हूँ? बेचारा कच्ची रोटी असहाय सा होकर घुटता रहा फूलता रहा दम निकलता फट फट कर सारा गैस निकालता रहा उसकी कुशल हाथों से परिपक रोटी बन गया था अब तो दुनिया की भूख मिटाने के काबिल मैं बन गया था ! 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey रोटी बनाया गया मुझे 😍व्यंग्य😋 ||जब प्रेमिका से हुई अनबन फिर मेरी प्रेमिका ने खुन्नस ऐसे यूँ निकाली|| मेरी प्रेमिका आटा गूँथते हुए मेरा ना
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat Relationship रिश्ते We are living In that 21st century Where all things are cut short Short description Short story Short cuts Short forms Short Relationships Short shirt Short dresses Short message Short notice Short trips Sort and short So what do think about exchange of feelings Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat रिश्ते जीतने शॉर्ट हो गए है इतने सम्मान भी कम हो गय हैं SEE CAPTION #realityoflife #reality #relationship #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat Relationship रिश्ते We are living In that 21st cent
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आवारां सी कश म कश सी लगी ज़िन्दगी। तूफ़ान उठता रहा। हल चल दिखाता रहा। रंजो गम में गुम सी थी।तूफ़ान था आंखो में। लाल सुर्ख गुलाबी रंगो में बादल नज़र आते रहे। यादें पुरानी ताज़ा करती रही। तूफानों में कशितिया डुबाती रही। सात समुद्र पार जाते रहे। उमड़ घुमड़ लहरों में उछलते रहे।मचलते रहे। बगैरअनुमति अपनी आंखो में बसाते रहे। बहाते रहे।कुछ पुराने किस्से बंद किताबों से। निकल कर सवाल करने लगे। तू कण कण में मौजूद है। मेरी आंगन की तुलसी की परिक्रमा में भी तुम थे। मेरे तांबे के लोटे के जल में भी परछाई थी तुम्हारी। द्वार पर बने स्वास्तिक चिन्ह के कुमकुम ने तुम थे। कहां थे तुम। कहां थे तुम। मेरे हाथों की लकीरों में थे क्या तुम। बहुत देर तक पढ़ती रही ।मिलाती रही। कभी उल्टा करती।कभी सीधा करती। बस हाथों को निहारती। और सोचती । तुम हो या नहीं। हो तो कहा हो। होती साथ क्यूं नहीं। नाम था तो दिखता क्यूं नही। लकीरों कुछ धुलने लगी थी। बसी लकीरों को मिटाती रही। नई किरदारों को परखती रही। क्या हुआ अगर ज़िंदगी की सच्चाई। नज़र आने लगी। वक़्त रहते आंखे खुल गई। तबांही के ज़लज़ले जोंरे पर थे। कुछ नए कुछ पुराने। बस किस्से कुछ कहानियां । बनती रही। राहीं बन कर चलते रहे। चलते रहे।चलते रहे। #quote #mythoughts #feelings #yqbaba #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat आवारां सी कश म कश सी लगी ज़िन्दगी। तूफ़ान उठता रहा। हल चल
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नवरात्रि में आसानी से हर दिन कैसे करें पूजा? {Bolo Ji Radhey Radhey} नवरात्रि के समय पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, लोग माता की आराधना में लीन हो जाते हैं और देवी जी सभी भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाती हैं। इस दौरान कई लोग विधिवत रूप से माता की रोज़ पूजा करते हैं, कलश की स्थापना करते हैं, अखंड ज्योत जलाते हैं, हवन करते हैं और कन्या पूजन भी करते हैं। परंतु कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो माता के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए पूजा तो करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास समय की काफी कमी होती है। ऐसे लोगों में विद्यार्थी, नौकरी पेशा, व्यापारी और कई अन्य लोग शामिल हैं। इसके अलावा कुछ लोग शारीरिक समस्याओं या किसी बीमारी के कारण भी विधि-विधान से पूजा करने में असमर्थ होते हैं। आज हम ऐसे सभी लोगों की नवरात्रि को अधिक शुभ बनाने के लिए यह खास जानकारी लेकर आए हैं। सबसे पहले हम लोग इस आसान पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री की बात कर लेते हैं- पूजा के लिए ज़रूरी सामग्री- एक चौकी, लाल कपड़ा, अक्षत, माता जी की प्रतिमा या चित्र, गणेश जी की प्रतिमा या चित्र, पीतल या तांबे का कलश/लोटा, सिक्का, पुष्प, लाल चुनरी, मौली, मिट्टी का बड़ा दीपक, लौंग, इलायची, ऋतु फल, बताशे या मिश्री और कपूर। यह सभी सामग्री पूजा से कुछ दिन पहले एकत्रित कर लें। नवरात्रि के प्रथम दिन आप प्रातःकाल उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद ही पूजन विधि का प्रारंभ करें, चलिए अब हम लोग आसान पूजन विधि को विस्तारपूर्वक जान लेते हैं- इस प्रकार करें आसानी से पूजा- सबसे पहले पूजन स्थल पर चौकी लगा लें और इसपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। अब इस चौकी पर कुछ अक्षत यानी बिना टूटे चावल रखें और इसपर देवी दुर्गा जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। नोट: आप बिना अक्षत के भी देवी जी की प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं और अगर आप चौकी भी नहीं लगा सकते हैं तो घर के मंदिर को ही शुद्ध और स्वच्छ करके वहां पर देवी जी का पूजन करें। एक लोटे या कलश में शुद्ध जल भर लें। इसके अंदर एक सिक्का डालें। अब इसके ऊपर चावल से भरी एक प्लेट रख दें। इस कलश को माता की प्रतिमा के बाएं ओर 9 दिनों के लिए रख दें। इसे आपको रोज़ स्थापित नहीं करना है। इसके पश्चात् आप पूजन स्थल पर गणपति जी की प्रतिमा को विराजमान करें, अगर आपके पास प्रतिमा नहीं है तो सुपारी के रूप में भी बप्पा जी को विराजमान कर सकते हैं। भगवान गणेश और देवी दुर्गा जी पर पुष्प से शुद्ध जल का छिड़काव करें। अगर आप अखंड ज्योत नहीं जला पा रहे हैं तो आप केवल घी का दीपक जला लें। दीप प्रज्वलित करने के बाद गणेश जी, माता रानी, कलश और दीपक को हल्दी-कुमकुम का तिलक लगाएं। भगवान गणेश और देवी जी को वस्त्र स्वरूप कलावा या मौली अर्पित करें, साथ ही फूल भी अर्पित करें। वैसे तो माता दुर्गा को श्रृंगार की सामग्री भी चढ़ाई जाती है, लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है तो आप एक लाल चुनरी या लाल वस्त्र अवश्य माता को चढ़ाएं। भोग में बताशे, मिश्री, और फल अर्पित कर सकते हैं। हवन के स्थान पर आप एक मिट्टी के पात्र या बड़े दीपक में कपूर जला लें और इसमें लौंग का 1 जोड़ा ज़रूर रख दें। कुछ लोग लौंग के दो जोड़े भी अग्नि में डालते हैं। यह हवन माता को दिखाएं और पूरे घर में भी दिखाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह 9 दिनों तक रोज़ जलाएं। आरती से पहले आप भगवान गणेश और माँ दुर्गा को समर्पित काफी आसान लेकिन प्रभावी मंत्रों का जाप कर सकते हैं- ‘वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देवसर्वकार्येषु सर्वदा॥’ ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ . या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥’ अंत में भगवान जी से अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा ज़रूर मांगे। इस प्रकार आपकी पूजा संपन्न हो जाएगी, आप इस प्रकार 9 दिनों तक माता की पूजा अर्चना आसानी से कर सकते हैं। हर रोज़ आप चौकी को साफ अवश्य करें और पूजा से पहले वहां गंगाजल का छिड़काव करें। चलिए अब जान लेते हैं कि अगर आप विधि-विधान से कन्या पूजन नहीं कर सकते हैं तो आपको क्या करना चाहिए- आप विधिवत कन्या पूजन की जगह छोटी कन्याओं को घर पर बुलाकर फल, दक्षिणा, माता को चढ़ाया गया प्रसाद, मिठाई, या दही-जलेबी खिला सकते हैं। आपको जितनी कन्याएं मिलें, उनको अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा दें। आपको बता दें, कन्यापूजन के बिना भी आप यह पूजा कर सकते हैं। दोस्तों, पूजा में सबसे महत्वपूर्ण देवी जी के प्रति आपकी सच्ची आस्था होती है। अगर आप सच्चे मन से ध्यान लगाकर देवी जी की आराधना करते हैं, तो उनकी कृपा आपको निश्चित् रूप से मिलती है। * दुर्गा माता जी की आरती * जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी, तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी। ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को, उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रबदन नीको॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै, रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्पर धारी, सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती, कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ शुंभ-निशुंभ विडारे, महिषासुर घाती, धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे, मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी, आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी…॥ चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरों, बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता, सुख संपति करता ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी, मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे, कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥ ॐ जय अम्बे गौरी…॥ ©N S Yadav GoldMine नवरात्रि में आसानी से हर दिन कैसे करें पूजा? {Bolo Ji Radhey Radhey} नवरात्रि के समय पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है, लोग माता की आराधना में ल
Sarbjit sangrurvi
पड़ गया लोड दिमाग पर, संगरूरवी के भारा। फुलों से कोमल दिल को, किसी लिए तोड़ दिया। तूझ पर मर मिटने वाले को, क्यों तुम ने छोड़ा। बताओ मुझे संगरूरवी, कहां की नयन जयोति हुर परी है। ©Sarbjit sangrurvi पड़ गया लोड दिमाग पर, संगरूरवी के भारा। फुलों से कोमल दिल को, किसी लिए तोड़ दिया। तूझ पर मर मिटने वाले को, क्यों तुम ने छोड़ा। बताओ मुझे सं